देश के 216 जिलों में अब तक कोरोना वायरस संक्रमण का 1 भी केस नहीं | no covid 19 cases found in 216 districts in india till today | nation – News in Hindi
स्वास्थ्य मंत्रालय में संयुक्त सचिव लव अग्रवाल ने संवाददाता सम्मेलन में कहा कि भारत में कोविड-19 मरीजों के संक्रमण मुक्त होने की दर 29.36 प्रतिशत है. उन्होंने बताया कि देश में अभी तक इलाज के बाद 16,540 लोग संक्रमण मुक्त हुए हैं, जबकि पिछले 24 घंटे में 1,273 लोगों को अस्पतालों से छुट्टी दी गई है.
मंत्रालय ने बताया कि पिछले 24 घंटे में, शुक्रवार सुबह आठ बजे तक देश भर में कोरोना वायरस संक्रमण के 3,390 नए मामले सामने आए हैं, जबकि कोविड-19 से 103 लोगों की मौत हुई है. अग्रवाल ने बताया कि देश में अभी तक कुल 56,342 लोगों के कोरोना वायरस से संक्रमित होने की पुष्टि हुई है और 1,886 लोगों की संक्रमण से मौत हुई है.
जिलावार स्थिति की जानकारी देते हुए अग्रवाल ने बताया कि देश के 216 जिलों में कोरोना वायरस का अब तक कोई मामला सामने नहीं आया है. वहीं, 42 जिलों में पिछले 28 दिन से और 29 जिलों में पिछले 21 दिन से कोविड-19 का कोई नया मामला नहीं आया है. उन्होंने बताया कि 36 जिले ऐसे हैं, जहां पिछले 14 दिन में कोविड-19 का कोई नया मामला नहीं आया है. वहीं, 46 जिलों में पिछले सात दिन से कोरोना वायरस संक्रमण का कोई नया मामला सामने नहीं आया है.भारत में कोरोना वायरस संक्रमण के जून या जुलाई में अपने चरम पर पहुंचने संबंधी अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स), दिल्ली के निदेशक डॉक्टर रणदीप गुलेरिया की टिप्पणी के संबंध में पूछे जाने पर अग्रवाल ने कहा, ‘‘क्या करना चाहिए और क्या नहीं करना चाहिए का यदि हम कड़ाई से पालन करते रहें, तो संभवत: हम)(कोविड-19 संक्रमण के मामलों में) चरम पर पहुंचे हीं नहीं और हमारा ग्राफ सीधा ही रह जाए.’’
अग्रवाल ने बताया कि आईसीएमआर (भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद) ‘कॉन्वेलसेंट प्लाजमा थेरेपी’ के सुरक्षित होने और इसके वांछित नतीजे देने का आकलन करने के लिये 21 अस्पतालों में चिकित्सीय परीक्षण करेगी. ‘कॉन्वेलसेंट प्लाजमा थेरेपी’ के तहत डॉक्टर कोरोना वायरस संक्रमण से मुक्त हो चुके लोगों के रक्त से प्लाजमा लेकर उसका उपयोग अन्य कोविड-19 मरीजों के इलाज मे करते हैं. डॉक्टर संक्रमण मुक्त हुए लोगों के प्लाजमा को ‘कॉन्वेलसेंट प्लाजमा’ कहते हैं क्योंकि उसमें कोरोना वायरस का एंटीबॉडी मौजूद होता है.
जिन अस्पतालों में ये परीक्षण होने हैं, उनमें से पांच महाराष्ट्र में हैं जबकि गुजरात में चार, राजस्थान, तमिलनाडु, मध्यप्रदेश, उत्तर प्रदेश में चार-चार और कर्नाटक, चंडीगढ़, पंजाब, तेलंगाना में एक-एक हैं. अग्रवाल ने बताया कि कोविड-19 के जिन मरीजों का इलाज चल रहा है उनमें से 3.2 प्रतिशत को ऑक्सीजन दिया जा रहा है, 4.2 प्रतिशत आईसीयू में हैं, जबकि 1.1 प्रतिशत को वेंटिलेटर पर रखा गया है.
इस दौरान अग्रवाल ने बताया कि ट्रेन के 5,231 डिब्बों को कोविड-19 देखभाल केन्द्र में तब्दील किया गया है, उन्हें 215 स्टेशनों पर लगाया जाएगा और उनका उपयोग कोरोना वायरस से संक्रमित बहुत मामूली, हल्के लक्षणों वाले मरीजों के इलाज के लिये किया जाएगा. उन्होंने कहा, ‘‘ऐसे में जब सभी प्रवासी श्रमिक अपने-अपन घर लौट रहे हैं, संक्रमण से बचाव के सभी एहतियात बरतने और अन्य दिशा-निर्देशों का पालन अनिवार्य है, हम सभी श्रमिकों से अनुरोध करते हैं कि वे इस बात को समझें कि यह उनके, उनके लोगों, गांव और शहर की भलाई के लिए है.’’
उन्होंने महाराष्ट्र के औरंगाबाद में हुई दुर्घटना के संदर्भ में यह कहा. गौरतलब है कि महाराष्ट्र के जालना से पैदल मध्यप्रदेश लौट रहे 16 प्रवासी श्रमिक ट्रेन की पटरी पर सो रहे थे, उसी दौरान मालगाड़ी के कट कर उनकी मौत हो गई.
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