362 doctors of Bihar did not become partners in war with COVID 19 action started nodakm brrk | COVID-19 से जंग में भागीदार नहीं बने बिहार के 362 डॉक्टर, शुरू हुई कार्रवाई | patna – News in Hindi


सरकार के इस कदम पर आईएमए ने डॉक्टर्स की परिस्थिति समझने की बात कही है. (फाइल फोटो)
कोरोना संक्रमण (Corona Infection) के खिलाफ जारी इस जंग में नदारद होने वाले चिकित्सकों में पटना (Patna) के 25 और सूबे के अन्य जिलों में तैनात 362 चिकित्सक शामिल है.
डॉक्टर्स के खिलाफ शो-कॉज नोटिस
ड्यूटी चिकित्सकों के खिलाफ सरकार ने ना सिर्फ शो कॉज नोटिस जारी कर दिया है, बल्कि सभी के खिलाफ एपिडेमिक एक्ट के तहत विभागीय कार्रवाई भी शुरू हो गयी है. स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडेय ने जहां ड्यूटी करने वाले डॉक्टरों को असली योद्धा बताया है, वहीं सरकारी आदेश की अवहेलना करने वाले को किसी भी सूरत में नहीं बख्से जाने की बात कही है. स्वास्थ्य मंत्री ने कहा है कि COVID-19 की जंग में शरीक वारियर्स पर सरकार न केवल फूल बरसा रही है, बल्कि सभी डॉक्टरों को 1 महीने का अतिरिक्त वेतन देने की भी सरकार ने घोषणा की है. लेकिन खेद है कि 362 चिकित्सक जिम्मेदारी नहीं समझ पाए हैं.
डॉक्टर्स की कमी से जूझ रहा है बिहारबिहार में डॉक्टरों के 12 हजार स्थायी पदों में महज 2300 स्थायी डॉक्टर कार्यरत हैं, जबकि बाकि 3500 कांट्रेक्चुअल डॉक्टर ड्यूटी दे रहे हैं. ऐसे में डॉक्टरों की यहां भारी कमी है. स्वास्थ्य विभाग ने कोरोना को देखते हुए चिकित्सक समेत राज्य के सभी स्वास्थ्य कर्मियों की छुट्टी भी 31 मई तक रद्द कर दी है, ताकि मरीजों को कठिनाई नहीं हो. अब 362 डॉक्टरों पर शुरू हुई कार्रवाई के बाद माना ये जा रहा है कि इसमें कई को निलंबित करने का भी सरकार मन बना रही है. हालांकि, आईएमए के वरिष्ठ उपाध्यक्ष डॉ अजय कुमार ने कहा कि सरकार को डॉक्टरों की भी परिस्थिति समझनी होगी. हजारों डॉक्टर अभी भी ईमानदारी से ड्यूटी निभा रहे हैं. वहीं आईएमए ने यह भी कहा कि एक तरफ सरकार डॉक्टरों पर फूल बरसा रही है, तो इस कार्रवाई पर सरकार को एक बार विचार भी करना जरूरी है.
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First published: May 8, 2020, 5:38 AM IST