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Vizag Gas Leak 11 Dead Over 1000 Affected after Gas Leak at Vizag Plant CM Announces Rs 1 Crore for Kin of Deceased Read 10 major updates | विशाखापट्टनम में गैस लीक से 11 की मौत, 1000 प्रभावित, खाली कराया जा सकता है पूरा इलाक- 10 बड़े अपडेट | nation – News in Hindi

नई दिल्‍ली. आंध्र प्रदेश (Andhra Pradesh) के विशाखापट्टनम में पॉलिमर इंडस्ट्री (LG Polymers Industry) में गुरुवार को जहरीली गैस का रिसाव होने से 11 लोगों की मौत हो गई है. जबकि करीब 1,000 लोगों का स्वास्थ्य इससे प्रभावित हुआ है. पर्यावरणविदों ने सलाह दी है कि विशाखापत्तनम में जिस कारखाने से स्टाइरीन गैस का रिसाव हुआ है, उसके आसपास के क्षेत्र से सभी लोगों को तत्काल हटाया जाना चाहिए. पर्यावरणविदों का कहना है कि यह गैस काफी घातक है और यह तुरंत तथा दीर्घावधि में लोगों के स्वास्थ्य को प्रभावित कर सकती है.

सेंटर फॉर साइंस एंड एनवायरनमेंट (सीएसई) की महानिदेशक सुनीता नारायण ने कहा कि अगर यह गैस हवा में मौजूद ऑक्सीजन के साथ प्रतिक्रिया करती है तो यह और अधिक खतरनाक हो सकती है. उन्होंने कहा कि लोगों को वहां से हटाने की जरूरत है. उन्होंने लोगों को गीले मास्क पहनने की सलाह दी. सीएसई के शोधकर्ता एस रामनाथन ने कहा कि गैस अब भी हवा में है और इसका हल्का असर भी लोगों के स्वास्थ्य को प्रभावित कर सकता है. उन्होंने गीला मास्क पहनने की सलाह दी और कहा कि चीजों के सामान्य होने तक सावधान रहना चाहिए. हम आपको बताते हैं इस घटना के 10 बड़े अपडेट्स:-

10 बड़े अपडेट्स

पुलिस ने फैक्टरी प्रबंधन के खिलाफ आपराधिक मामला दर्ज कियाआंध्र प्रदेश के विशाखापत्तनम में एलजी पॉलीमर्स लिमिटेड की फैक्टरी से गैस लीक होने की घटना के सिलसिले में पुलिस ने प्रबंधन के खिलाफ गैर इरादतन हत्या और लापरवाही के कारण मौत का मामला दर्ज किया है. वहीं, आंध्र प्रदेश उच्च न्यायालय ने स्टाइरीन गैस लीक मामले पर स्वत: संज्ञान लेते हुए राज्य और केन्द्र सरकार को नोटिस भेजा है. साथ ही सवाल किया कि आखिर बसावट के बीच ऐसी फैक्टरी को काम करने की अनुमति कैसे दी गई.

विशाखापत्तनम जैसी घटना रोकने के लिये नये नियम जल्द: अधिकारी
हाल के दिनों में खामियों को उजागर करने वाले कई औद्योगिक हादसों के मद्देनजर सरकार विशाखापत्तनम के पॉलिमर कारखाने में गुरुवार को हुई गैस रिसाव जैसी घटनाओं को रोकने के लिये रासायनिक दुर्घटना नियमों में संशोधनों को अंतिम रूप देने की प्रक्रिया में है.

वर्ष 1984 की भोपाल गैस त्रासदी के बाद पर्यावरण और वन मंत्रालय ने खतरनाक रसायनों के विनिर्माण, उपयोग और हैंडलिंग को विनियमित करने के लिये दो तरह के नियमों- खतरनाक रसायनों का विनिर्माण, भंडारण और आयात (एमएसआईएचसी) नियम 1989 और रासायनिक दुर्घटना (आपातकालीन योजना, तैयारी और प्रतिक्रिया), (सीएईपीपीआर) नियम 1996 – की अधिसूचना जारी की थी.

एमएसआईएचसी नियमों का उद्देश्य औद्योगिक गतिविधियों से होने वाली प्रमुख रासायनिक दुर्घटनाओं को रोकना और रासायनिक (औद्योगिक) दुर्घटनाओं के प्रभावों को सीमित करना है. सीएईपीपीआर नियम संकट प्रबंधन के लिये वैधानिक व्यवस्था प्रदान करते हैं. मामले से सीधे तौर पर जुड़े अधिकारियों ने बताया कि मंत्रालय ने नियमों को समय के साथ कदमताल करने योग्य बनाने के लिये 2016 में इन्हें उन्नत करने का प्रस्ताव दिया था. इस संबंध में विभिन्न संबंधित पक्षों के परामर्श को लेकर संशोधन का एक मसौदा जारी किया गया था, जो रासायनिक उद्योग में नियमों के प्रभावी प्रवर्तन पर केंद्रित था.

अगर फैक्टरी पर्यावरण नियमों का उल्लंघन कर रही थी तो रद्द हो सकता है लाइसेंस
पर्यावरण मंत्रालय के एक अधिकारी ने बताया कि अगर जांच में यह बात सामने आती है कि विशाखापत्तनम स्थित रासायनिक संयंत्र पर्यावरण संबंधी नियमों का उल्लंघन कर रहा था, तो उसका लाइसेंस रद्द किया जा सकता है.

गैस रिसाव: गृह मंत्रालय ने परामर्श जारी किया
गृह मंत्रालय ने आम जनता को गैस रिसाव के बाद क्या करना है और क्या नहीं करना, इस बारे में एक परामर्श भी जारी किया है. विशाखापत्तनम के कारखाने में स्टीरीन गैस का रिसाव हुआ जिसका कोई रंग नहीं होता और द्रव रूप में इसका उपयोग पॉलीस्टीरीन प्लास्टिक, रबर तथा फाइबर ग्लास बनाने के लिए किया जाता है. प्लास्टिक के पाइप, ऑटोमोबाइल कलपुर्जे आदि बनाने में भी इसे इस्तेमाल में लाया जाता है.

परामर्श के मुताबिक स्टीरीन के संपर्क में आने से आंख, नाक और त्वचा पर जलन, पाचन तंत्र और श्वसन संबंधी समस्याएं लक्षण के रूप में सामने आ सकती हैं. लंबे समय तक इसके संपर्क में रहने से केंद्रीय तंत्रिका तंत्र और किडनी से जुड़ी समस्याएं हो सकती हैं तथा रोगी को अवसाद एवं सिर दर्द जैसे समस्याएं भी हो सकती हैं.

परामर्श में कहा गया है कि यदि कोई व्यक्ति गलती से इस ज्वलनशील द्रव स्टीरीन के नजदीक संपर्क में आ जाता है तो उसे अत्यधिक मात्रा में पानी पिलाना चाहिए और उलटी कराने का प्रयास नहीं करना चाहिए. स्टीरीन के संपर्क में आने पर तत्काल आंखों और त्वचा को कम से कम 15 मिनट तक खूब सारे पानी से धोना चाहिए तथा प्रदूषित कपड़े और जूते उतार देने चाहिए.

प्रधानमंत्री ने स्थिति की समीक्षा की, आंध्रप्रदेश को हर तरह की मदद का आश्वासन दिया
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आंध्र प्रदेश के विशाखापत्तनम में एक रासायनिक संयंत्र में बृहस्पतिवार को हुए गैस रिसाव मामले के कारण उत्पन्न स्थिति की समीक्षा की और प्रदेश के मुख्यमंत्री वाई एस जगनमोहन रेड्डी को हरसंभव मदद का आश्वासन दिया. प्रधानमंत्री ने गैस रिसाव होने के बाद उत्पन्न हालात के मद्देनजर राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (एनडीएमए) की बैठक की अध्यक्षता की और स्थिति की समीक्षा की.

प्रधानमंत्री कार्यालय के बयान के अनुसार, बैठक में मोदी ने प्रभावित लोगों की सुरक्षा के साथ-साथ आपदा से प्रभावित स्थल को सुरक्षित करने के लिए किए जा रहे उपायों के बारे में विस्‍तार से चर्चा की. इसमें रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, गृह मंत्री अमित शाह, गृह राज्य मंत्री नित्यानंद राय और जी. किशन रेड्डी सहित अन्य वरिष्ठ अधिकारियों ने हिस्‍सा लिया.

प्रशीतन में गड़बड़ी के कारण लीक हुई गैस: अधिकारी
जिला प्रशासन के एक वरिष्ठ अधिकारी ने प्रारंभिक जांच के हवाले से बताया कि फैक्टरी के दो टैंकों में रखे स्टाइरीन गैस से जुड़ी प्रशीतन प्रणाली में तकनीकी खराबी आने के कारण उसमें गैस बना और वह लीक हो गई. जिलाधिकारी वी. विनय चंद ने बताया कि एलजी पॉलीमर्स लिमिटेड से हुई गैस लीक इतनी ज्यादा थी कि ‘हमें सुबह करीब साढ़े नौ बजे समझ आया कि आखिरकार हुआ क्या है, क्योंकि उस वक्त क्षेत्र में लीक के कारण छाया घना कोहरा छंटा.’

विशाखापत्तनम में गैस रिसाव की घटना से स्तब्ध और दुखी: दक्षिण कोरिया
दक्षिण कोरिया ने विशाखापत्तनम में दक्षिण कोरियाई पेट्रोकैमिकल्स कंपनी एलजी केम लिमिटेड के स्वामित्व वाले एक रसायनिक संयंत्र में गैस रिसाव की घटना को लेकर दुख जताया और इसे ‘अत्यंत दुर्भाग्यपूर्ण’ करार दिया. दक्षिण कोरिया के राजदूत शिन बोंग-किल ने कहा, ‘वेंकटपुरम में एलजी पॉलिमर्स प्लांट में हुए हादसे की खबर से मैं स्तब्ध और दुखी हूं, जिससे बहुमूल्य जीवन की हानि हुई और ढेर सारे बीमार पड़ गए.’

मृतकों के परिजनों को 1-1 करोड़ रुपये मुआवजा, CM जगनमोहन ने किया ऐलान
विशाखापत्‍तनम में एलजी पॉलीमर्स फैक्‍ट्री से हुई गैस लीक में मारे गए लोगों के लिए राज्‍य सरकार ने मुआवजे का ऐलान किया है. मुख्‍यमंत्री जगनमोहन रेड्डी ने गुरुवार को किंग जॉर्ज हॉस्पिटल पहुंचकर पीड़ितों का हाल जाना. इसके बाद उन्‍होंने मुआवजे की घोषणा की. उनके अनुसार गैस लीक हादसे में जान गंवाने वाले लोगों के परिवार को 1-1 करोड़ रुपये मुआवजा दिया जाएगा. साथ ही जिन पीड़ितों का इलाज वेंटिलेटर पर चल रहा है, उन्‍हें 10-10 लाख रुपये की मुआवजा राशि दी जाएगी.

अधिकारियों ने बताया विशाखापट्टनम का दर्दनाक मंजर
विशाखापट्टनम में एलजी पॉलीमर्स फैक्‍ट्री में हुए गैस लीक हादसे पर शीर्ष पुलिस अफसरों ने बताया कि गैस लीक होने के कुछ ही घंटों के अंदर बचावकर्मी आसपास के प्रभावित गांवों में पहुंच गए थे और घरों के दरवाजे तोड़कर उनमें फंसे बेहोश लोगों को बचाया. आंध्र प्रदेश के शीर्ष पुलिस अफसर ने बताया कि बचावकर्मियों ने घरों के दरवाजे तोड़कर फंसे लोगों को अस्‍पताल पहुंचाया था. ये सभी लोग गैस लीक के कारण बेसुध हो गए थे. राज्‍य के डीजीपी गौतम सवांग के अनुसार दो लोगों की मौत बेहोश होकर नाले में गिरने से भी हुई है.

घटना के बाद फैक्‍ट्री के आसपास के गांवों में लोगों को बचाने गए अफसरों के मुताबिक लोग सड़कों पर भी बेहोश पड़े थे.

विशाखापट्टनम में स्टीरिन गैस हादसे पर बोले राहुल- सभी कांग्रेस कार्यकर्ता करें मदद
कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने क्षेत्र में कार्यकर्ताओं और नेताओं से गैस रिसाव की घटना से प्रभावित लोगों को सभी आवश्यक सहायता प्रदान करने का आग्रह किया. राहुल गांधी ने ट्वीट कर कहा, “इस घटना के बारे में सुनकर मैं हैरान हूं, मैं भगवान से प्रार्थना करता हूं कि जो लोग अस्पताल में भर्ती हैं वो जल्द ही स्वस्थ हो जाएं.”

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