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चुनाव में नुकसान के डर से ममता सरकार ने कोविड-19 पर बदली रणनीति, प्रशांत किशोर से साधा संपर्क | Mamta Banerjee government in West Bengal changed its strategy on covid-19 | nation – News in Hindi

पश्चिम बंगाल: चुनाव में नुकसान के डर से ममता सरकार ने कोविड-19 पर बदली रणनीति, प्रशांत किशोर से साधा संपर्क

कोविड-19 को संभालने को लेकर आलोचना से घिरी ममता बनर्जी सरकार ने रणनीति बदली (फाइल फोटो)

तृणमूल कांग्रेस (TMC) के शीर्ष नेताओं के अनुसार रणनीति में बदलाव लोगों में बढ़ते असंतोष और निम्न परीक्षण एवं कमजोर निगरानी को लेकर केंद्र की टीमों की तीखी टिप्पणी जैसे विभिन्न कारणों से किया गया है.

कोलकाता. कोविड-19 (Covid-19) महामारी से कथित रूप से अकुशलता से निपटने को लेकर आलोचना से घिरी पश्चिम बंगाल (West Bengal) की ममता सरकार ने परीक्षण कई गुणा बढ़ाकर, कोरोना वायरस (Coronavirus) से हुई मौतों पर ऑडिट समिति के क्षेत्राधिकार में बदलाव लाकर और लॉकडाउन उपायों को कड़ा करके अपनी रणनीति बदली है. इतना ही नहीं ममता सरकार (Mamta Government) ने इस मामले में चुनाव रणनीतिकार प्रशांत किशोर से संपर्क साधा.

तृणमूल कांग्रेस के शीर्ष नेताओं के अनुसार रणनीति में बदलाव लोगों में बढ़ते असंतोष और निम्न परीक्षण एवं कमजोर निगरानी को लेकर केंद्र की टीमों की तीखी टिप्पणी जैसे विभिन्न कारणों से किया गया है. यह तृणमूल के लिए अगले साल के विधानसभा चुनाव में महंगा साबित हो सकता है.

राज्य में कोविड-19 के 1344 मामले

एक वरिष्ठ तृणमूल नेता ने कहा, ‘जिलों से आ रही रिपोर्टें परेशान करने वाली थीं, क्योंकि लोग राज्य सरकार द्वारा इस संकट के प्रबंधन से गुस्साए हुए थे. केंद्र के फैसलों की नियमित आलोचना भी लोगों के गले नहीं उतरी और पश्चिम बंगाल की कोविड-19 स्थिति को लेकर लगातार सवाल उठते रहे.’ वर्तमान आंकड़ों के अनुसार राज्य में कोविड-19 के 1344 संक्रमित मामले सामने आए और 140 मरीजों की मौत हुई. इन 140 मरीजों में 68 की मौत की वजह वायरस को बताया गया जबकि बाकी में अन्य कई बीमारियां भी थीं.बंगाल में रोजाना हो रहे करीब 2500 टेस्ट

अधिकारियों के अनुसार पश्चिम बंगाल में अब रोजाना करीब 2500 परीक्षण हो रहे हैं और अबतक 25,116 नमूनों की जांच हो चुकी है. दो अंतर-मंत्रालयी केंद्रीय टीमों के पहुंचने से महज दो दिन पहले 18 अप्रैल को मुख्य सचिव राजीव सिन्हा ने कहा था कि राज्य में कोरोना वायरस के 233 मामले सामने आये और बस 12 मरीजों की जान गई. राज्य में 4,600 नमूनों का परीक्षण किया गया था. केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय की वेबसाइट पर इस बीमारी के कुल मामले 1259 और उससे मरने वालों की संख्या 133 बतायी गई.

तृणमूल नेता ने कहा कि पार्टी का एक वर्ग कोविड-19 मौतों के प्रमाणन के लिए विशेषज्ञ ऑडिट समित के गठन की जरूरत को लेकर अनिश्चित था. लेकिन समिति बनायी गयी और उसने कोविड-19 मरीजों की मौतों की बड़ी संख्या की जांच की और बहुत कम मौत के लिए इस वायरस को जिम्मेदार माना एवं उच्च रक्तचाप, हृदया एवं वृक्क की बीमारी जैसे अन्य रोगों को जिम्मेदार ठहराया.

प्रशांत किशोर से साधा संपर्क

इस बीच कोविड-19 के मरीजों की मौत और कथित रूप से उनके शवों के ‘चोरी छिपे’ दाह संस्कार एवं दफनाने के वीडियो सोशल मीडिया पर वाइरल हो गए. एक अन्य तृणमूल नेता ने कहा, ‘2021 के विधानसभा चुनाव से पहले पार्टी के लिए यह बड़ा जोखिमपूर्ण बन रहा था.’ उन्होंने कहा, ‘तब शीर्ष नेतृत्व ने चुनाव रणनीतिकार प्रशांत किशोर से संपर्क करने का निर्णय लिया. एक बहुआयामी रणनीति बनायी गयी जिसे लागू करने के लिए प्रशासनिक एवं राजीनतिक इच्छाशक्ति की जरूरत थी. उनके मार्गदर्शन में पार्टी ने अपन आप को सशक्त दिखा रही है तथा गलतियां सुधारने लगीं एवं भाजपा से दो-दो हाथ करने लगी.’

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First published: May 6, 2020, 10:00 PM IST



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