भारत की ताकत में होने जा रहा है इजाफा, रूस ने शुरू की S-400 मिसाइल सिस्टम की डिलीवरी India’s strength is going to increase, Russia starts delivery of S-400 missile system

मॉस्को. रूस ने भारत को S-400 सर्फेस-टू-एयर (जमीन से लॉन्च की जाने वाली) मिसाइल सिस्टम की डिलीवरी शुरू कर दी है. इस बात की जानकार रूसी सैन्य और तकनीकी सहयोग के लिए संघीय सेवाओं (FSMTC) के निदेशक दिमित्री शुगाएव (Dmitry Shugaev) ने दी है. साथ ही उन्होंने यह भी बताया है कि डिलीवरी प्रक्रिया योजना के अनुसार ही चल रही है. खबर है कि दिसंबर में रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन (Vladimir Putin) भारत दौरे पर आ सकते हैं. ऐसे में उम्मीद की जा रही है कि उस दौरान S-400 मिसाइल की पहली खेप भारत को मिल सकती है.
S-400 मिसाइल का पहले ही चीन और तुर्की में इस्तेमाल किया जा रहा है. भारत और रूस ने S-400 मिसाइल की डिलीवरी के लिए अक्टूबर 2018 में समझौता किया था. अगस्त में रोसोबोरनएक्सपोर्ट के प्रमुक एलेक्जेंडर मिखीव ने स्पूतनिक को बाताया था कि S-400 एयर डिफेंस सिस्टम की सप्लाई को लेकर 7 देशों से बात चल रही है. उन्होंने बताया कि ये देश मध्य पूर्व, एशिया पैसिफिक क्षेत्र और अफ्रीका के हैं.
उम्मीद का जा रही है कि पुतिन दिसंबर के दूसरे हफ्ते में नई दिल्ली आ सकते हैं. इस दौरान वे भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ वार्षिक शिखर सम्मेलन में शामिल हो सकते हैं. माना जा रहा है कि इस सम्मेलन के दौरान भारत और रूस अपने सैन्य-तकनीकी सहयोग को 2021-21 के लिए दोहरा सकते हैं. इसके अलावा खबर है कि कार्यक्रम में सुरक्षा, कारोबार और विज्ञान और तकनीक को लेकर कई समझौतों पर हस्ताक्षर हो सकते हैं.भारत ने रूस के साथ 540 करोड़ डॉलर में पांच S-400 सिस्टम का करार किया है. हालांकि, अमेरिका ने इसे लेकर चेतावनी दी थी कि डील के चलते काउंटरिंग अमेरिकाज एडवर्जरीज थ्रू सैंक्शन्स (CAATSA) के तहत दूसरे दर्जे के प्रतिबंधों का सामना कर सकते हैं. भारीय वायु सेना के कई जवानों ने S-400 के संचालन के लिए रूस में ट्रैनिंग हासिल की है.खास बात यह है कि भारतीय वायुसेना पहले S-400 सिस्टम को सेना में ऐसे समय में शामिल करेगी, जब भारत सीमा पर चीन के साथ तनाव का सामना कर रहा है. चीनी पक्ष ने शिनजियांग के होतान एयरबेस और तिब्बत के निंगची एयरबेस पर दो S-400 स्क्वाड्रन्स तैनात किए हैं. रिटायर्ड एयर मार्शल अनिल चोपड़ा के मुताबिक, S-400 सिस्टम भारतीय वायुसेना की क्षमता में इजाफा करेंगे.