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बंगाल से निकले तो झारखंड पुलिस ने रोका, घर वापसी के लिए 16 घंटे भूखे प्यासे रहे बिहारी मजदूर

झारखंड-बंगाल बॉर्डर पर बिहारी मजदूरों को पुलिस की वजह से हुई परेशानी.

लॉकडाउन (Lockdown) के बीच कोलकाता से बिहार के समस्तीपुर लौट रहे 12 प्रवासी मजदूर झारखंड-बंगाल की सीमा पर दोनों राज्यों की पुलिस की आपसी खींचातानी के शिकार हुए.

जामताड़ा. देशभर में लॉकडाउन (Lockdown) की सीमा 17 मई तक बढ़ाए जाने के बाद अलग-अलग राज्यों से बिहार के प्रवासी मजदूर अपने घरों को लौट रहे हैं. इसके लिए केंद्र और राज्य सरकारों ने ट्रेन और बसों का इंतजाम किया है. लेकिन इन सबके बीच बंगाल से बिहार आ रहे कुछ मजदूरों के साथ झारखंड-बंगाल की सीमा पर दोनों राज्यों की पुलिस ने जो बर्ताव किया, वह शर्मनाक है. कोलकाता से बिहार के समस्तीपुर लौट रहे इन 12 मजदूरों को झारखंड और बंगाल पुलिस की आपसी खींचातानी का शिकार होकर 16 घंटों तक भूख-प्यास से बेहाल होना पड़ा. मीडिया को जब इसकी भनक लगी तब आनन-फानन में अधिकारी पहुंचे और मजदूरों की स्क्रीनिंग कर उन्हें बिहार के लिए रवाना किया गया.

कोलकाता से जा रहे थे समस्तीपुर
घटना झारखंड के जामताड़ा के महेशमुंडा की है, जहां से बंगाल की सीमा सटी हुई है. यहां दोनों राज्यों की पुलिस के बीच आपसी समन्वय का अभाव है, जिसका खामियाजा लॉकडाउन के दौरान बिहार के 12 मजदूरों को उठाना पड़ा. दरअसल, महेश मुंडा इलाके में बंगाल-झारखंड सीमा पर पहुंचे बिहारी मजदूरों ने बताया कि वे लोग समस्तीपुर के रोसड़ा बाजार जाने के लिए कोलकाता से निकले थे. सोमवार की रात 9 बजे बंगाल बॉर्डर पार कर जब वे झारखंड नाका पर पहुंचे तो वहां पुलिस ने रोक दिया. मजदूरों ने बताया कि झारखंड पुलिस ने उनसे कहा कि वे बंगाल से आने वालों को प्रवेश नहीं करने देंगे. पुलिस ने उन्हें बंगाल लौट जाने की सलाह दी.

बंगाल पुलिस ने लौटने से मना कियाबिहार के रहने वाले मजदूर रमेश प्रसाद ने न्यूज 18 के साथ बातचीत में कहा कि झारखंड पुलिस की दलील सुनने के बाद जब वे वापस लौटे, तो बंगाल पुलिस के जवानों ने उनसे कहा कि चूंकि वे राज्य की सीमा से बाहर निकल चुके हैं, इसलिए दोबारा मजदूरों की वापसी नहीं हो सकती. ऐसे में ये मजदूर दोनों राज्यों की सीमा के बीच फंसकर रह गए. इस दौरान वे करीब 16 घंटों तक दो राज्यों की पुलिस की आपसी खींचतानी के बीच भूखे-प्यासे बेहाल होते रहे.

मीडिया को भनक लगी तो सक्रिय हुआ प्रशासन
कोलकाता से बिहार जा रहे 12 मजदूरों के बारे में जब मीडिया को भनक लगी, तब जाकर जामताड़ा प्रशासन अलर्ट हुआ. जिले के डीडीसी नागेंद्र कुमार सिन्हा ने बॉर्डर पर मौजूद पुलिसवालों को फटकार लगाते हुए मजदूरों की स्क्रीनिंग का आदेश दिया. इसके बाद मजदूरों की थर्मल स्क्रीनिंग की गई और सभी को बिहार के लिए रवाना किया गया. एएसआई राम दुलाल नंदी ने दो राज्यों की पुलिस की आपसी खींचातानी की पुष्टि करते हुए बताया कि स्क्रीनिंग के बाद मजदूरों को उनके घर के लिए रवाना कर दिया गया है.

रिपोर्ट – आरपी सिंह

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First published: May 5, 2020, 9:19 PM IST



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