प्रधानमंत्री आवास में फर्जीवाड़ा, आधी रकम से बने अधूरे कच्चे मकानों को फर्जी फोटो लगा बताया पूर्ण
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हितग्राहियों को पता ही नहीं और कच्चे अधूरे मकानों को पूर्ण दिखा निकाल ली प्रधानमंत्री आवास की रकम
05/05/2020 सबका संदेश/कोण्डागांव। केंद्र सरकार की पीएम आवास योजना जो हर किसी को एक परिवार एक घर की आस और उम्मीद दिलाता है। लेकिन जिले के पहुंचविहीन क्षेत्रो में यह योजना अधिकारी कर्मचरियों के लिए चारागाह साबित हो रही है, यही कारण है कि पहुंच विहीन क्षेत्रो में आधे अधूरे आवास को भी पूर्ण बता दिया जा रहा है।
उक्त मामले का खुलासा तब हुआ जब कोण्डागांव के अंतर्गत आने वाले संवेदनशील क्षेत्र के ग्राम पंचायत बेचा में पूर्व वर्षों में प्रधान मंत्री आवास योजना के तहत बनाए गए हितग्राहियों के संबंध में सूचना का अधिकार के तहत जानकारी मांगी गई और समय सीमा में जानकारी देने में हिला हवाला किया जाने लगा। जिसके बाद ग्रामीणों ने जिला मुख्यालय पहुंच मीडिया कर्मियों को मामले से अवगत कराया। इन सबके बीच मामला उजागर होते ही ग्राम पंचायत बेचा के हितग्राहियों के कई वर्ष से आधे अधूरे पड़े निर्माणाधीन घरों का अचानक जोर-शोर से निर्माण कार्य भी प्रारंभ हो गया। लेकिन जिन आवासों की राशि का पहले ही बंदर बाट हो गया था वे कैसे पूरे हो सकते है लिहाजा अब भी अधूरे कच्चे मकान अपनी दुर्दशा बयाँ कर रहे हैं।
अन्य मकानों के फोटो टैग कर ,अधूरे मकानों को बता दिया पूर्ण
मिली जानकारी अनुसार पहुंचविहीन क्षेत्रो का फायदा उठाते विभागीय अधिकारियों ने अधूरे व बगैर निर्मित भवनों को भी पूर्ण बताते दूसरे मकानों के फ़ोटो जियोटेग कर रकम पूरी रकम आहरित करवा डाली। जबकि ग्राम पंचायत बेचा में कई हितग्राहियों के यहां प्रधानमंत्री आवास के नाम पर मिट्टी की जोड़ाई, प्लास्टर भी नही, तो कहीं दरवाज़े और छत ही गायब है। जबकि प्रधान मंत्री आवास फाइलों में इन मकानों कुछ वर्ष पूर्व ही पूर्ण बताया जा रहा हैं। जिला समन्वयक पीएम आवास प्रतीक तिवारी से जब मामले पर बात की गई तो उन्होंने, टेक्निकल असिस्टेन्ट सीमा कोर्राम से जानकारी प्राप्त कर वस्तु स्थिति बता पाने की बात कही, साथ ही मौके पर असिस्टेन्ट इंजीनियर के.उमा महेष्वर राव को जांच में भेजने की बात कही।
रोजगार सहायक/आवास मित्र व टेक्निकल असिस्टेन्ट पर अनियमितता का आरोप
ग्रामीण व सामाजिक कार्यकर्ता बजर सिंह कष्यप व अन्य ने 07 हितग्राही 1चैतराम पिता बुधरु,2 मानसाय पिता सोनारू, 3 हगरु पिता सुकलु, 4 सुकरु पिता धनारू, 5 रामसाय पिता सोनारू, 6 सुखधर पिता मूंडरू, 7 उसरी बाई पति दुकारू के अधूरे बने मकानों के साथ अन्य हितग्राहियों के बैंक खातों की भी जांच कराने की मांग की है। ग्रामीणों ने आरोप लगाया है कि आदिवासी हितग्राहियो से छल करके उनके बैंक खातों से अन्यंत्र पूर्व आवास मित्र आयतु के बैंक खाते में आधे से ज्यादा रकम ट्रांसफर करावाने का आरोप लगाया है। वहीं प्रधान मंत्री आवास के नाम पर बनाए गए आधे-अधूरे घरों के लिए आवास मित्र आयतू व विभागीय अधिकारियों को जिम्मेदार ठहराया है।