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तेलंगाना से आज से भेजे जाएंगे प्रवासी मजदूर, रोजाना चलेंगी 40 स्‍पेशल ट्रेनें | telangana will send migrant workers from 6 may from 40 trains daily covid 19 lockdown | nation – News in Hindi

तेलंगाना से आज से भेजे जाएंगे प्रवासी मजदूर, रोजाना चलेंगी 40 स्‍पेशल ट्रेनें

तेलंगाना से आज से घर जा सकेंगे प्रवासी मजदूर.

तेलंगाना के मुख्‍यमंत्री के चंद्रशेखर राव (K Chandrashekar Rao) के मुताबिक तेलंगाना में फंसे प्रवासी मजदूरों को घर भेजने के लिए 1 हफ्ते तक रोजाना 40 स्‍पेशल ट्रेनें चलाई जाएंगी.

नई दिल्‍ली. देश में कोरोना वायरस (Coronavirus) के प्रसार को रोकने के लिए 4 मई से 2 हफ्तों के लिए लॉकडाउन को बढ़ा दिया गया है. ऐसे में लॉकडाउन (Lockdown) के दौरान घर से दूर दूसरे राज्‍यों में फंसे प्रवासी मजदूरों को घर भेजने के लिए रेलवे राज्‍य सरकारों के साथ मिलकर श्रमिक स्‍पेशल ट्रेनें चला रहा है. इसी क्रम में तेलंगाना के मुख्‍यमंत्री के चंद्रशेखर राव (K Chandrashekar Rao) ने सोमवार को बड़ा ऐलान किया है. उनके मुताबिक तेलंगाना में फंसे प्रवासी मजदूरों को घर भेजने के लिए मंगलवार से रोजाना 40 स्‍पेशल ट्रेनें चलाई जाएंगी.

मुख्‍यमंत्री के चंद्रशेखर राव के अनुसार राज्‍य में फंसे प्रवासी मजदूरों को घर भेजने के लिए ये 40 ट्रेनें 1 हफ्ते तक रोजाना चलेंगी. उनके मुताबिक ये ट्रेनें हैदराबाद, खामम, वारांगल समेत अन्‍य स्‍टेशनों से चलाई जाएंगी. इन ट्रेनों के जरिये बिहार, झारखंड, ओडिशा और पश्चिम बंगाल समेत अन्‍य राज्यों के प्रवासी मजदूरों को उनके घरों के लिए भेजा जाएगा.

रेलवे चला रहा श्रमिक स्‍पेशल ट्रेनें
लॉकडाउन के कारण देश के विभिन्न हिस्सों में लाखों प्रवासी कामगार फंसे हुए हैं. गृह मंत्रालय ने शुक्रवार को ट्रेनों और बसों के जरिए उनके आने जाने की मंजूरी कुछ खास शर्तों पर दी थी, जिसमें भेजने और गंतव्य वाले राज्यों की सहमति, सामाजिक दूरी के नियमों का पालन आदि शामिल है. गृह मंत्रालय की इस मंजूरी के बाद रेल मंत्रालय ने 1 मई को मजदूर दिवस से ‘श्रमिक स्‍पेशल’ ट्रेनें चलाना शुरू की हैं. इनके जरिये घर से दूर दूसरे राज्‍यों में फंसे प्रवासी मजदूरों, छात्र और अन्‍य लोगों को उनके गृह राज्‍य तक पहुंचाया जा रहा है. इसके लिए रेल मंत्रालय राज्‍य सरकारों के साथ मिलकर काम कर रहा है.सरकारें उठा रही हैं खर्च

सरकार ने प्रवासी मजदूरों से टिकट के पैसे लेने की कोई बात नहीं की है क्योंकि उनके परिवहन का 85 फीसदी हिस्सा रेलवे वहन कर रहा है जबकि 15 फीसदी खर्च राज्य सरकारें उठा रही हैं. कोविड-19 के कारण जारी लॉकडाउन के दौरान प्रवासी श्रमिकों को घर ले जाने के लिए रेलवे द्वारा मजदूरों से कथित तौर पर टिकट का पैसा लेने के विवादों के बीच केंद्र सरकार ने सोमवार को यह बात कही.

रेलवे ने जारी की हैं गाइडलांइस
भारतीय रेलवे ने देशभर में फंसे हुए लोगों को ले जाने के वास्ते विशेष श्रमिक रेलगाड़ियों के लिए दिशा-निर्देश जारी किये है। रेलवे ने कहा है कि क्षमता की 90 प्रतिशत मांग होने पर ही विशेष श्रमिक रेलगाड़ियां चलाई जानी चाहिए. रेलवे ने कहा कि स्थानीय राज्य सरकार प्राधिकार टिकट का किराया एकत्र कर और पूरी राशि रेलवे को देकर यात्रा टिकट यात्रियों को सौंपेंगे. रेलवे ने कहा है कि फंसे हुए लोगों को भोजन, सुरक्षा, स्वास्थ्य की जांच और टिकट उपलब्ध कराने की जिम्मेदारी उस राज्य की होगी जहां से ट्रेन चल रही है. उसने हालांकि उन यात्रियों के समय के भोजन की जिम्मेदारी ली है जिनकी यात्रा 12 घंटे या इससे अधिक समय की होगी.

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First published: May 5, 2020, 5:43 AM IST



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