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महाराष्ट्र को हुआ भाजपा-शिवसेना गठबंधन टूटने का नुकसान! गुजरात चला गया IFSC का हेडक्वार्टर, IFSC Headquarters Move to Gandhinagar Instead of Mumbai Shakes up Maharashtra Politics | maharashtra – News in Hindi

महाराष्ट्र को हुआ भाजपा-शिवसेना गठबंधन टूटने का नुकसान! गुजरात चला गया IFSC का हेडक्वार्टर

महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे.

कोरोना वायरस (Coronavirus) के बीच महाराष्ट्र और गुजरात के बहाने भाजपा और शिवसेना में सियासी झगड़ा शुरू हो गया है. झगड़ा आईएफएससी (IFSC) को लेकर है, जिसे केंद्र ने मुंबई की बजाय गांधीनगर में बनाने का निर्णय लिया है.

नई दिल्ली. भाजपा (BJP) और शिवसेना (Shiv Sena) का गठबंधन टूटने से महाराष्ट्र (Maharashtra) को ऐसा झटका लगा है, जिसकी उम्मीद उसने शायद ही की हो. केंद्र की भाजपा सरकार ने फैसला लिया है कि अब इंटरेनशनल फाइनेंशियल सर्विस सेंटर (आईएफएससी) महाराष्ट्र नहीं, गुजरात (Gujrat) में बनेगा. केंद्र ने इस संबंध नोटिफकेशन जारी कर दिया है. महाराष्ट्र के लिए यह इसलिए झटका है क्योंकि आईएफएससी (IFSC) का सबसे बड़ा दावेदार मुंबई था.

कोरोना वायरस (Coronavirus) के बीच महाराष्ट्र और गुजरात के बहाने भाजपा और शिवसेना में सियासी झगड़ा शुरू हो गया है. यह झगड़ा आईएफएससी (International Financial Services Centre) को लेकर है, जिसे स्थापित करना महाराष्ट्र का लंबे समय से सपना रहा है. मई की पहली तारीख को महाराष्ट्र दिवस मनाया गया. इससे ठीक तीन दिन पहले केंद्र सरकार ने नोटिफिकेशन जारी किया. इसके मुताबिक आईएफएससी का मुख्यालय मुंबई में नहीं, बल्कि गांधीनगर में बनेगा, जहां पहले से गुजरात इंटरनेशनल फाइनेंस टेक सिटी (Gujarat International Finance Tec-City है.

महाराष्ट्र में सरकार चला रहे कांग्रेस-शिवसेना गठबंधन ने इसका तीखा विरोध किया है. गठबंधन दलों का आरोप है कि केंद्र सरकार, मुंबई का स्तर गिराना चाहती है. शिवसेना सांसद और पूर्व केंद्रीय मंत्री अरविंद सावंत ने कहा कि यह निर्णय प्रधान मंत्री के ‘सबका साथ, सबका विकास’ के दावे के अनुरूप नहीं है. उन्होंने केंद्र के इस निर्णय पर पुनर्विचार की मांग की और कहा कि इससे मुंबई के भारत की वित्तीय राजधानी होने के रुतबे को नुकसान पहुंचेगा. महाराष्ट्र सरकार ने मुंबई के बांद्रा कुर्ला में आईएफएससी का सेंटर बनाने के लिए 50 एकड़ जगह भी चिन्हित कर ली थी.

एनसीपी प्रमुख शरद पवार ने भी केंद्र से आग्रह किया है कि वह इस फैसले पर दोबारा विचार करे. पवार ने चिट्ठी लिखकर कहा कि मुंबई देश की आर्थिक राजधानी है.  यह आईएफएससी के लिए सबसे मुफीद जगह है. मुंबई का महत्व कम होने से वैश्विक स्तर पर भी छवि को बट्टा लगेगा.  उन्होंने कहा कि सरकारी पूंजी में महाराष्ट्र का बहुत बड़ा योगदान है. इसके बावजूद आईएफएससी मुख्यालय के लिए गुजरात का चयन समझ से परे है. पवार ने चिट्ठी में लिखा है, ‘मुझे उम्मीद है कि प्रादेशिक राजनीति को दरकिनार करते हुए और राष्ट्रीय महत्व को सर्वोच्च मानते हुए प्रधानमंत्री कार्यालय इस विषय में सही फैसला लेगा.’आईएफएससी बनाने के लिए 2008 में महाराष्ट्र, गुजरात और कर्नाटक ने प्रस्ताव दिया था. मंदी और राजनीतिक अस्थिरता के बीच इस पर फैसला टलता रहा. हालांकि, महाराष्ट्र की पिछली सरकार में सीएम फडणवीस यह दावा करते रहे कि आईएफएससी मुंबई में ही बनेगा. लेकिन अब भाजपा का सुर बदल गया है. उसका कहना है कि जब केंद्र और राज्य में कांग्रेस सरकार थी, तब आईएफएससी के लिए कोई प्रयास नहीं किए गए.

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First published: May 5, 2020, 12:02 AM IST



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