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Lockdown के बीच मजदूरों को काम देने में झारखंड में बोकारो जिला आया फर्स्ट- Bokaro district came first in Jharkhand to give laborers work amidst lockdown jhnj | nation – News in Hindi

Lockdown के बीच बोकारो ने मारी बाजी, मजदूरों को काम देने में प्रदेश में आया फर्स्ट

बोकारो में मनरेगा के तहत 14 हजार मजदूरों को काम दिया गया है.

जिले के प्रत्येक पंचायत में मनरेगा (MNREGA) के तहत 10 से 15 योजनाओं की प्रशासनिक स्वीकृति दे दी गयी है. इनमें कम से कम पांच हजार स्थानीय मजदूरों (Laborers)) को काम दिया जाएगा.

बोकारो. सरकार के आदेश पर बोकारो जिला में मजदूरों को मनरेगा (MNREGA) के तहत काम मिलने लगा है. जिले के सभी नौ प्रखंडो में मनरेगा का काम चल रहा है. मजदूरों (Laborers) को काम देने में बीडीओ से लेकर मुखिया और रोजगार सेवकों से सहयोग लिया जा रहा है. इस लॉकडाउन में मजदूरों को रोजगार देने में बोकारो राज्य में पहला स्थान प्राप्त किया है. जबकि गिरिडीह दूसरे और रांची तीसरे स्थान पर है.

वर्तमान में 14 हजार मजदूरों को मिला काम 

जिला प्रशासन के मुताबिक फिलहाल पूरे जिले में 14 हजार मजदूरों को मनरेगा के काम से जोड़ा गया है. वर्तमान में मनरेगा के तहत 5133 योजनाओं का क्रियान्वयन विभिन्न प्रखंडों में जारी है.चास, कसमार, चंदनकियारी, पेटरवार, गोमिया, बेरमो, जरीडीह, नावाडीह और चंद्रपुरा प्रखंडों में सोशल डिस्टेंसिंग का पालन कराते हुए मजदूरों से काम लिया जा रहा है.

प्रत्येक पंचायत में 10 से 15 योजनाओं की स्वीकृतिजानकारी के मुताबिक, प्रत्येक पंचायत में 10 से 15 योजनाओं की प्रशासनिक स्वीकृति दे दी गयी है. इनमें कम से कम पांच हजार स्थानीय मजदूरों को काम दिया जाएगा. फिलहाल सोशल डिस्टेंसिंग के चलते कम मजदूरों से कार्य लिया जा रहा है, लेकिन आने वाले समय में मजदूरो की संख्या बढ़ाई जाएगी. काम मिलने से मजदूर काफी खुश हैं. उनका कहना है कि मनरेगा का काम करने के अलावा वे अपनी खेतीबाड़ी भी कर ले रहे हैं.

 बाहर से आने वाले मजदूरों का पंजीकरण शुरू

डीसी मुकेश कुमार ने बताया कि मनरेगा की जिम्मेवारी डीडीसी समेत अन्य अधिकारियों को दी गई है. जिले में सरकार के निर्देशानुसार मजदूरों को काम मिलने लगा है. ये जानकारी मिली ही कि काम देने के मामले में बोकारो को राज्य में पहला स्थान मिला है. इसके लिए ये सभी अधिकारी बधाई के पात्र हैं. डीसी ने कहा कि बाहर से आने वाले मजदूरों का भी पंजीकरण किया जा रहा है, ताकि उन्हें भी रोजगार से जोड़ा जा सके.

बता दें कि राज्य में मनरेगा के तरह मजदूरों को संशोधित मजदूरी दी जा रही है. इन मजदूरों को कुएं की खुदाई, मेड़ बनाने, आम के बागीचे के रखरखाव एवं अन्य कार्यों में लगाया गया है.

इनपुट- ज्ञानेंदू

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First published: May 4, 2020, 12:29 PM IST



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