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कोरोना वायरस: वैक्सीन आने में क्यों हो रही है देरी? रिसर्च में क्यों किए जा रहे हैं अलग-अलग दावे… पढ़िए पूरी कहानी-When Exactly Can We Expect a Covid-19 Vaccine how long will take to hit the market | nation – News in Hindi

कोरोना वायरस: वैक्सीन आने में क्यों हो रही है देरी? रिसर्च में क्यों किए जा रहे हैं अलग-अलग दावे... पढ़िए पूरी कहानी

दुनिया भर के लोगों को इस वक्त वैक्सीन का इंतज़ार है

अमेरिका के कैलिफोर्निया स्थित मिल्केन इंस्टीट्यूट के मुताबिक कोरोना वायरस (Coronavirus) को लेकर इस वक्त दुनिया भर में 111 वैक्सीन पर काम हो रहा है.

नई दिल्ली.  कोरोना वायरस (Coronavirus) से दुनिया भर में हाहाकर मचा है. अब तक 2 लाख 47 हज़ार से ज्यादा लोगों की जान जा चुकी. जबकि 35 लाख से ज्यादा लोग इस खतरनाक वायरस की चपेट में आ चुके हैं. अकेले अमेरिका (America) में अब तक 67 हज़ार से ज्यादा लोगों की जान जा चुकी है. इस वायरस को खत्म करने के लिए फिलहाल कोई दवा नहीं है. विज्ञान की भाषा में वायरस कभी मरता नहीं है. हवा में इसकी मौजूदगी हमेशा रहती है. ऐसे में इसका एकमात्र इलाज है वैक्सीन. लेकिन ये वैक्सीन बाजार में कब आएगी इसको लेकर तस्वीर साफ नहीं है. बस अलग-अलग दावे किए जा रहे हैं.

वैक्सीन पर अलग-अलग दावे
कोई भी वैक्सीन तैयार करना एक बेहद लंबी प्रक्रिया है. इसे तैयार करने में कई साल लग जाते हैं. इसके अलावा आखिरी स्टेज तक भी वैक्सीन का फेल होने का खतरा बना रहता है. मौजूदा दौर में कोरोना से बचने के लिए दुनिया भर के डॉक्टर, वैज्ञानिक और दवा कंपनियां दिन रात वैक्सीन तैयार करने के लिए मेहनत कर रहे हैं. इनमें से कईयों ने ये भी दावा किया है कि कोरोना की वैक्सीन इस साल के आखिर तक तैयार कर ली जाएगी. अमेरिका में नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ एलर्जी एंड इन्फेक्सियस डिजीज के डायरेक्टर और कोरोना को लेकर ट्रंप की टीम के अहम सदस्य डॉक्टर एंथनी फॉसी का कहना है कि अगले साल के शुरुआत तक वैक्सीन की लाखों डोज तैयार कर ली जाएगी.

वैक्सीन पर कहां-कहां हो रहा है काम?अमेरिका के कैलिफोर्निया स्थित मिल्केन इंस्टीट्यूट के मुताबिक कोरोना को लेकर इस वक्त दुनिया भर में 111 वैक्सीन पर काम हो रहा है. इसके अलावा इस वायरस से लड़ने के लिए 197 दवाईयों का भी टेस्ट चल रहा है. इस वक्त 111 में से सिर्फ 9 वैक्सीन के क्लीनिकल ट्रायल चल रहे हैं. जबकि बाकी बचे 102 वैक्सीन पर अभी शुरुआती दौर मे ही काम चल रहा है.

वैक्सीन के अलग-अलग स्टेज
क्लीनिकल ट्रायल में इंसानों पर वैक्सीन का टेस्ट किया जाता है. ये पता लगाया जाता है कि आखिर वैक्सीन कितना असरदार है. साथ ही ये भी तय किया जाता है कि किसी भी इंसान को वैक्सीन के कितने डोज़ की जरूरत है. इसके अलावा डोज़ की टाईमिंग क्या होगी. आखिरी स्टेज पर ये पता लगाया जाता है कि क्या इस वैक्सीन के साइड इफेक्ट है भी या नहीं. सारे स्टेज से हरी झंडी मिलने के बाद बड़े पैमान पर वैक्सीन तैयार करने के लिए परमिशन लिए जाते हैं. इसके बाद इसे बाजार में उतारा जाता है.

आखिर कब तक तैयार होगी वैक्सीन?
सिंगापुर के ड्यूक-एनयूएस मेडिकल स्कूल में सहायक प्रोफेसर डॉक्टर एशले सेंट जॉन का कहना है कि वैक्सीन को लेकर भविष्यवाणी करना मुश्किल है. वैक्सीन को बाजार में आने में कई महीने लग सकते हैं. उन्होंने ये भी कहा कि कोविड-19 की वैक्सीन तैयार करना मुश्किल चुनौती है. दरअसल इस वक्त दुनिया में इससे मिलता जुलता कोई वायरस नहीं है जिससे कि रिसर्च में थोड़ी मदद मिले. डॉक्टर जॉन के कहा कि वैक्सीन बनाने के बड़ा फंड भी चाहिए.

पहले किसको दी जाएगी वैक्सीन?
जिस देश को भी वैक्सीन बनाने में सबसे पहले कामयाबी मिलेगी वो पहले सबसे अपने देश के लोगों को इसका डोज़ देगी. अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने कहा कि वो अगले साल जनवरी तक वैक्सीन के  300 मिलियन डोज़ अमेरिका के नागरिक के लिए तैयार कर लेंगे. इसी तरह सेरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया के सीईओ अदर पूनावाला ने समाचर एजेंसी रॉयटर्स से कहा कि पहले अपने देश के नागरिकों को ये वैक्सीन दिए जाएंगे. इसके बाद भारत सरकार ये तय करेगी कि किस देश को दिए जाएं. लेकिन सबसे पहले हर किसी को वैक्सीन आने का इंतज़ार है.

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First published: May 4, 2020, 12:10 PM IST



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