पुलिस सहित नगर के दो प्रतिष्ठित व्यक्तियों पर आरोप लगा जित्तू भाई ने कि कार्यवाही की मांग
04/05/2020 सबका संदेश/कोण्डागांव। कोण्डागांव नगर के जय स्तम्भ चैक में स्थित आलमिरा दुकान संचालक व्यवसायी जितेंद्र गोलछा उर्फ जीतू भाई गोलछा को 14 अप्रैल को सिटी कोतवाली कोण्डागांव पुलिस द्वारा अपने साथ थाने ले जाए जाने वाले मामले में व्यवसायी जितेंद्र गोलछा द्वारा 16 दिन बाद 1 मई को सिटी कोतवाली कोण्डागांव में एक आवेदन देकर नगर के ही दो नागरिकों पर आई.टी.एक्ट के तहत कार्यवाही करने की मांग की है। अपने द्वारा दिए आवेदन में जितेंद्र गोलछा ने नगर के रतन सोनी व हरीष संचेती नामक दो नागरिकों पर यह आरोप लगाया है कि उन दोनों ने 14 अप्रैल की घटना के तथ्य एवं प्रकरण की जांच व कार्यवाही की जानकारी लिए बिना उनके बारे में व्हाट्सएप ग्रुप में उनकी छवि खराब करने हेतु अनर्गल बातें पोस्ट की है, और जिनका खण्डन करते हुए ही जितेंद्र ने उक्त दोनों पर आई.टी. एक्ट के तहत कार्यवाही करने की मांग भी की है। जितेंद्र गोलछा ने अपने आवेदन में 14 अप्रैल की घटना का जिक्र करते हुए बताया है कि वे अपनी पत्नी के साथ कार से दुकान में कार्यरत महिला को दुकान की साफ-सफाई हेतु दुकान में छोड़ने गए थे। अचानक पुलिस द्वारा फोन किए जाने पर मैं अपने दुकान पर पहुंचा एवं जब दुकान पर पहुंचा तो मुझसे जबरन पुलिस वालों द्वारा आसपास के लोगों की षिकायत पर उक्त स्थिति को गलत तरीके से बताकर जबरन मेरे बताए जाने पर कि दुकान की साफ सफाई हो रही है, दुकान खोलने को कहा गया था। दुकान खोलने पर पुलिस को देखकर महिला डर गई और साफ सफाई छोडकर वहां चुपचाप बैठ गई। पुलिस द्वारा जांच पड़ताल की पुरी कार्यवाही में एवं घटना स्थल पर किसी प्रकार के अपराध या अवैधानिक गतिविधि का होना नहीं पाया गया, न ही जांच में इस प्रकार का कोई कथन आया है न ही किसी अपराध में होने के संबंध में कोई प्रत्यक्षदर्षी ने कुछ कहा है क्योंकि किसी भी गलत या अवैधानिक उद्देष्य से कोई गतिविधि हो नहीं रही थी, इसके बावजूद मेरे विरुद्ध रतन एवं हरीष के द्वारा गलत बातें सामाजिक ग्रुप में मेरी छवि जानबुझकर बर्बाद करने की कोषिष की गई है एवं मेरे विरुद्ध एट्रोसिटी एक्ट का केष चलाने की बात कही गई है, जबकि मेरे विरुद्ध किसी भी प्रकार की कोई एट्रोसिटी एक्ट का केष न्यायालय में विचाराधीन नहीं है। जब से मैने गांधी चैक में दुकान लिया है तब से दुआ व षिपाणी परिवार के द्वारा कई बार मुझसे लड़ाई झगडा एवं मारपीट किया जाता रहा है जिसकी षिकायत मैने थाने में लिखाई थी। इस प्रकार से हरीष संचेती एवं रतन सोनी के द्वारा सोषल मीडिया पर में आपत्तिजनक पोस्ट करना आई.टी.एक्ट के तहत दण्डनीय अपराध है मेरी छबि खराब करने के उद्देष्य से उक्त कार्य किया गया है।