MSMEs की मदद के लिए आगे आया ये सरकारी बैंक, 1 महीने में दिए 2,300 करोड़ रुपये – Bank of Baroda disburses Rs 2300 crore to MSMEs under emergency credit line facility | business – News in Hindi


बैंक ऑफ बड़ौदा ने MSME सेक्टर को 2,300 करोड़ रुपये का फाइनेंशियल सपोर्ट दिया
सरकारी क्षेत्र के एक बैंक ने जानकारी दी है कि बीते एक माह में MSME सेक्टर को 2,300 हजार करोड़ रुपये इमरजेंसी लाइन ऑफ क्रेडिट के जरिए जारी किया है. कोरोना वायरस महामारी (Coronavirus Pandemic) से इस सेक्टर पर बुरा असर पड़ा है.
इस बैंक ने एक इमरजेंसी क्रेडिट लाइन लॉन्च किया है ताकि मौजूदा MSME को फंड्स उपलब्ध हो सके. इसे लॉकडाउन के बाद ठीक बाद मार्च के अंत में लॉन्च किया गया था.
एक महीनें जारी किया 2,300 करोड़ रुपये
बीते एक महीने में बैंक ने 64,000 आवेदनों को मंजूरी दी है और इसके तहत 2,300 करोड़ रुपये जारी किए जा चुके हैं. विक्रमादित्य सिंह ने बताया कि इससे MSME सेक्टर को लिक्विडिटी जरूरतें पूरी हो सकेंगी. उन्होंने कहा कि बैंक इस सेक्टर के वर्किंग कैपिटल का पूर्नमूल्यांकन कर रहा है और इसके बाद इसे बढ़ाने का भी प्रयास किया जाएगा ताकि MSME सेक्टर के पास पर्याप्त लिक्विडिटी उपलब्ध हो सके.यह भी पढ़ें: एलन मस्क के एक ट्वीट ने डूबा दिए 1 लाख करोड़ रुपये, अब कुर्सी पर भी खतरा
कैसे मदद करता है यह स्कीम
इस स्कीम के तहत, यह बैंक MSME को वर्किंग कैपिटल लिमिट के आधार पर मौजूदा फंड का 10 फीसदी रकम मुहैया करा रहा है. यह रकम 200 करोड़ रुपये से अधिक नहीं होनी चाहिए. पिछले कुछ साल से ही MSME सेक्टर में दबाव देखने को मिल रहा है. आर्थिक सुस्ती की वजह से इस पर और भी असर पड़ा है और इनकी वित्तीय स्थिति चिंताजनक है.
MSME के पास ये भी विकल्प
उन्होंने कहा कि बैंक MSME ईकाईयों को वन-टाइम रिस्ट्रक्चरिंग प्लान (One-Time Restructuring Plan) का फायदा उठाने के लिए भी प्रोत्साहित कर रहा है. हाल ही में भारतीय रिज़र्व बैंक ने इसके बारे में ऐलान किया था. उन्होंने कहा, ‘बैंक वन-टाइम रिस्ट्रक्चरिंग विंडों को व्यापक स्तर पर प्रोमोट कर रहा है. जो ईकाईयां पहले इसका लाभ लेने में हिचकती थीं, वो अब इसे एक विकल्प के तौर पर देख रही हैं.’
यह भी पढ़ें: इस बैंक में है आपका खाता तो मिलेंगे 5 लाख रुपये! RBI ने लिया बड़ा फैसला
RBI ने रिस्ट्रक्चरिंग को लेकर क्या कहा?
बता दें कि MSME सेक्टर को राहत पहुंचाने के लिए RBI ने वन-टाइम रिस्ट्रक्चरिंग सकीम को एक साल के लिए और बढ़ाकर 31 मार्च 2021 कर दिया था. केंद्रीय बैंक के निर्देश के अनुसार, इस स्कीक के अंतर्गत रिस्ट्रक्चरिंग को 31 दिसंबर 2020 तक पूरा करन लेना होगा.
GDP में MSME की 28 फीसदी हिस्सेदारी
इस साल जनवरी अंत तक, करीब 6 लाख MSME ने RBI के रिस्ट्रक्चरिंग विंडो का लाभ लिया है. बता दें कि भारत की अर्थव्यवस्था में MSME सेक्टर की अहम भूमिका होती है. देश की कुल जीडीपी में इस सेक्टर की 28 फीसदी की हिस्सेदारी और कुल निर्यात में 40 फीसदी की हिस्सेदारी है. इससे 11 करोड़ लोगों को रोजगार मिलता है.
यह भी पढ़ें: कोरोना संकट: दुनिया के सबसे बड़े निवेशक को हुआ इतने लाख करोड़ का नुकसान
News18 Hindi पर सबसे पहले Hindi News पढ़ने के लिए हमें यूट्यूब, फेसबुक और ट्विटर पर फॉलो करें. देखिए मनी से जुड़ी लेटेस्ट खबरें.
First published: May 3, 2020, 6:36 PM IST