एक शब्द से बदला हंदवाड़ा एनकाउंटर का रुख और ढेर हुआ लश्कर का कमांडर हैदर |Handwara encounter Assalamualaikum word changed the Full story | nation – News in Hindi


कर्नल आशुतोष शर्मा 21 राष्ट्रीय राइफल्स की बटालियन को कमांड कर रहे थे.
हंदवाड़ा में सुरक्षाबलों और आतंकियों के बीच 13 घंटे तक चली मुठभेड़ में सेना के जवानों ने 2 आतंकवादियों को ढेर कर दिया. इस पूरे एनकाउंटर का रुख एक शब्द से बदल गया. वो शब्द था अस्सलाम वालेकुम.
कर्नल आशुतोष शर्मा 21 राष्ट्रीय राइफल्स की बटालियन को कमांड कर रहे थे. आतंकियों को धूल चटाने के लिए वह कंपनी कमांडर मेजर अनुज सूद, नायक राजेश कुमार, लांस नायक दिनेश सिंह और जम्मू-कश्मीर पुलिस के सब इंस्पेक्टर सागीर पठान उर्फ काजी के साथ उस घर में लोगों को बचाने के लिए घुसे जहां आतंकवादियों ने उन्हें बंधक बनाकर रखा हुआ था. आशुतोष शर्मा घर के अंदर फंसे परिवार को तो सुरक्षित निकालने में कामयाब रहे, परन्तु खुद आतंकियों से घिर गए.
लगातार संपर्क बनाने की कोशिश
हिन्दुस्तान टाइम्स से बातचीत के दौरान जम्मू कश्मीर पुलिस के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया, ”6 बजे से 10 बजे रात तक हमने उनसे और टीम के अन्य सदस्यों से संपर्क करने के सभी तरीकों के बारे में सोचा और आजमाया, लेकिन ऐसा नहीं कर पाए.”4 घंटे बाद मिला जवाब
आशुतोष से लगातार संपर्क की कोशिश चार घंटे बाद, लगभग 10 बजे, किसी ने आखिरकार जवाब दिया- अस्सलाम वालेकुम. दूसरी ओर से ये जवाब मिलने के बाद सेना के अधिकारी अलर्ट हो गए. इस जवाब के बाद सेना के अधिकारियों को लगा कि उनका बड़ा नुकसान हो चुका है. इसके बाद 4 घंटे से रूकी हुई गोलीबारी को दोबारा से शुरू कर दिया और दोनों तरफ से पूरी रात फायरिंग होती रही. रविवार सुबह जब गोलीबारी का सिलसिला थमा, तो सुरक्षाकर्मी की एकखेप घर के अंदर घुसी. घर में दो आतंकवादियों के शव मिले. दोनों आतंकियों में से एक की पहचान पाकिस्तानी आतंकवादी हैदर के रूप में हुई, जो कश्मीर में लश्कर-ए-तैयबा का टॉप कमांडर था.
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First published: May 3, 2020, 11:34 PM IST