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Chief ministers of 7 states plead from the center special trains should be run to bring lakhs of people into buses | 7 राज्यों के मुख्यमंत्रियों की केंद्र से गुहार- लाखों लोगों को बसों में नहीं ला सकते हैं, इसके लिए स्पेशल ट्रेनें चलाई जाएं | nation – News in Hindi

नई दिल्ली. लॉकडाउन (Lockdown In India) के कारण प्रभावित हुए प्रवासी श्रमिकों के अंतरराज्यीय आवागमन को केंद्र सरकार से मिली अनुमति के एक दिन बाद तेलंगाना, केरल, तमिलनाडु, महाराष्‍ट्र, राजस्‍थान, पंजाब और बिहार ने गुरुवार को कहा कि इन कर्मियों की आवाजाही के लिए विशेष ट्रेनें चलाई जाएं. बसों से लोगों को ट्रांजिट किये जाने में संक्रमण का और खतरा है.

पंजाब के मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह ने गुरुवार को सभी उपायुक्तों को निर्देश दिया कि वे लॉकडाउन के कारण राज्य में फंसे प्रवासी मजदूरों का डेटा तैयार करें . उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) से मजदूरों के परिवहन के लिए विशेष ट्रेनों की व्यवस्था करने का आग्रह किया. मुख्यमंत्री ने प्रवासी मजदूरों की वापसी से जुड़ी प्रक्रिया के समन्वय के लिए प्रत्येक जिले में एक नोडल अधिकारी नियुक्त करने की घोषणा भी की.

पंजाब (Punjab) के डीसी और एसएसपी के साथ एक वीडियो कॉन्फ्रेंस के दौरान, मुख्यमंत्री ने कहा कि उन्होंने प्रवासी मजदूरों के परिवहन के संबंध में प्रधानमंत्री को पत्र लिखा है. उन्होंने कहा कि अकेले लुधियाना में सात लाख से अधिक प्रवासी मजदूर हैं, जबकि पूरे पंजाब में दस लाख से अधिक प्रवासी श्रमिक हैं. मुख्यमंत्री ने कहा कि अभी डेटा जुटाया जा रहा है, हालाँकि, पंजाब में लगभग 70 प्रतिशत मजदूर बिहार से हैं.

वहीं, तेलंगाना (Telangana) के पशुपालन मंत्री टी श्रीनिवास यादव ने को मांग की कि केंद्र प्रवासी श्रमिकों को उनके मूल राज्यों तक जाने के लिए विशेष ट्रेनों का इंतजाम करे और उन्हें मुफ्त में घर पहुंचाए. उन्होंने कहा कि तेलंगाना में बिहार, झारखंड और छत्तीसगढ़ जैसे राज्यों के करीब 15 लाख प्रवासी मजदूर हैं और यदि वे बसों से यात्रा करते हैं तो उन्हें अपने राज्यों में पहुंचने में तीन से पांच दिन लग जायेंगे. कहा कि यह कहना केंद्र के लिए सही नहीं है कि संबंधित राज्य सरकारों को प्रवासी मजदूरों को बसों से पहुंचाना होगा.राजस्थान, बिहार, महाराष्ट्र के  सीएम ने कही यह बात
साथ ही राजस्थान (Rajasthan) के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने फिर दोहराया कि लॉकडाउन के कारण दूसरे राज्यों में फंसे श्रमिकों और प्रवासियों के आवागमन के लिए विशेष ट्रेन चलाये जाने की जरूरत है और केन्द्र सरकार को इसके लिये भारतीय रेलवे को अनुमति देनी चाहिए. गहलोत ने कहा कि राजस्थान के लोग तमिलनाडु, केरल, तेलंगाना, आंध्रप्रदेश, महाराष्ट्र, पश्चिम बंगाल, असम में फंसे है और उन्हें अपने राज्य में वापस लाने के लिये ट्रेन की आवश्यकता है.

मुख्यमंत्री ने बताया कि केन्द्र सरकार को विभिन्न राज्यों में फंसे प्रवासी मजदूरों के लिये विशेष ट्रेन चलाने का प्रबंध करना चाहिए. रेलवे को ट्रेनों का कार्यक्रम जारी करना चाहिए. उन्होंने कहा, ‘मुझे उम्मीद है कि केन्द्र सरकार इस पर शीघ्र निर्णय लेगी.’

बिहार (Bihar) के उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी ने को केंद्र से प्रवासियों की वापसी के लिए विशेष ट्रेनें चलाने का आग्रह किया. सुशील ने एक वीडियो जारी और ट्वीट कर केंद्र से प्रवासियों की वापसी के लिए विशेष ट्रेनें चलाने का आग्रह किया. वीडियो संदेश में सुशील ने अपील करते हुए कहा कि बिहार के लगातार आग्रह पर केंद्र सरकार ने लॉकडाउन के दौरान दूसरे राज्यों में फँसे छात्रों, मजदूरों और पर्यटकों को एक दिशा-निर्देश का पालन करते हुए घर लौटने की अनुमति दी, जिससे प्रवासियों और परिजनों में खुशी है.

महाराष्ट्र (Mahrashtra) के सीएम उद्धव ठाकरे ने भी बीते दिनों कहा था कि बस से लोगों को ट्रांजिट करने में दिक्कत होगी और ट्रेन चलाने की अनुमति दी जाए. केरल (Kerala) से सीएम पिनराई विजयन ने भी यही मांग की है कि बसों से प्रवासी मजदूरों को नहीं लाया जा सकता है. केरल सरकार ने कहा था कि दूसरे राज्‍यों में जाने वालों की संख्‍या कहीं अधिक है. बसों से यह यात्रा काफी लंबी होगी. ऐसे में कोविड 19 संक्रमण फैसने का खतरा रहेगा. तमिलनाडु सरकार ने बसों से लोगों के ट्रांजिट करने का विरोध किया. (एजेंसी इनपुट के साथ)

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