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लॉकडाउन में अगर समय से पहले तुड़वाई एफडी तो होगा बड़ा नुकसान, जानिए इससे जुड़े सवालों के जवाब-fixed deposit Interest Rates Maturity Amount Need to withdraw FD before maturity Know how much it costs | money-making-tips – News in Hindi

नई दिल्ली. जिदंगी में कई बार ऐसे मौके आते है जब तत्काल पैसों की जरूरत होती है लेकिन कोई भी रिश्तेदार या फिर दोस्त हमारी मदद करने के लिए तैयार नहीं होता. ऐसे बुरे वक्त में आदमा या तो ब्याज पर पैसे ले लेते हैं या फिर अपने फिक्स डिपॉजिट (FD-Fixed Deposit) में जमा रकम को निकलवा लेते हैं. हालांकि एफडी में मैच्योरिटी से पहले रुपए निकालने पर पेनाल्टी लगती है. आइए जानें इससे जुड़ी सभी बातों के बारे में…

समय से पहले एफडी तुड़वाने पर क्या होगा?

फिक्स्ड डिपॉजिट (एफडी), इसे टर्म डिपॉजिट (टीडीएस) भी कहा जाता है. ये फिक्स्ड-इनकम इंस्ट्रूमेंट्स हैं यानी इसमें रिटर्न की गारंटी होती है. अगर कोई मैच्योरिटी से पहले पैसे निकालता है तो उस पर पेनल्टी लगती है. हालांकि, कई बैंक इस पर कोई चार्ज नहीं वसूलते है.

सवाल- अगर SBI में समय से पहले एफडी तुड़वाई तो कितने चार्ज लगेंगे?जवाब -ऐसे में मामलों में देश का सबसे बड़ा सरकारी बैंक SBI (State Bank of India) एफडी से पहले पैसा निकालने पर 1 फीसदी पेनल्टी वसूलता है. अगर कोई ग्राहक एफडी का प्री-मैच्योर विद्ड्रॉल करवाता है तो उसपर पेनल्टी अलग-अलग डिपॉजिट के अनुसार अलग-अलग लगेगी.

एसबीआई के मुताबिक अगर कोई ग्राहक पांच लाख तक की एफडी पर प्री-मैच्योर विड्रॉल करवाता है तो उसे सभी मैच्योरिटी पर 0.50 प्रतिशत की पेनल्टी देनी पड़ती है. इसके अलावा बैंक ने 5 लाख से ऊपर और 1 करोड़ से कम की एफडी पर एक फीसदी की पेनल्टी तय की है. आपको बता दें कि एसबीआई ने 2017 में एफडी समय से पहले ब्रेक करने पर पेनल्टी के लिए नए नियम लागू किए थे. बैंक ने एफडी कराने वाले कस्टमर्स को राहत दी थी. मार्च 2017 तक बैंक सभी तरह की एफडी पर एक फीसदी पेनल्टी लेता था.

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सवाल-प्राइवेट बैंक समय से पहले एफडी तुड़वाने पर कितना चार्ज वसूलते है?
जवाब- एचडीएफसी बैंक मौजूदा समय में मैच्योरिटी से पहले एफडी से निकालने पर 1 फीसदी शुल्क लेता है. दूसरी ओर, आईसीआईसीआई बैंक 0.5 फीसदी से 1 फीसदी तक चार्ज करता है.

बैंकों में डिपॉजिट बढ़ गया है.

सवाल- मैच्योरिटी से पहले एफडी तुड़वाने पर कुल कितना पैसा कटेगा?
जवाब-
अगर कोई बैंक समय से पहले निकासी पर 1 प्रतिशत जुर्माना लगाता है, तो एफडी के समयपूर्व निकासी पर ब्याज की गणना कुछ इस तरह  की जाएगी. मान लीजिए कि एक ग्राहक के पास 1 लाख रुपये की एफडी है और वह 8 प्रतिशत की दर से ब्याज मिल रहा है. वह 1 साल पूरा करने के बाद एफडी निकाल लेता है. एक साल में उन्होंने 8 प्रतिशत की दर से ब्याज मिला. लेकिन अब, बैंक संशोधित एफडी दरों पर ब्याज की पुनर्गणना करेगा. मतलब साफ है एफडी पर ब्याज दर 8 फीसदी से घटकर 7 फीसदी रह जाएगी.

इसीलिए, वित्तीय सलाहकर एफडी की मैच्योरिटी से पहले रकम नहीं निकालने की सलाह देते है. जब तक कि बहुत ज्यादा पैसों की जरुरत न हो तो एफडी नहीं तुड़वानी चाहिए.

एफडी तुड़वाने की जगर इन तरीकों को भी अपना सकते हैं आप

(1) लंबे समय के लिए एफडी में निवेश करने पर आप एकाएक जरूरत पड़ने पर पैसों की समस्या से जूझ सकते हैं. जिन्हें कभी भी कैश की जरूरत पड़ सकती है, उन्हें स्वीप-इन फिक्स्ड डिपॉजिट की सुविधा का लाभ उठाना चाहिए. इस प्रकार के एफडी में निवेशकों को एफडी के इंटेरेस्ट रेट के अलावा सेविंग एकाउंट जैसी लिक्विडिटी का फायदा एक साथ मिलता है. इस प्रकार के खाते में निवेश को मेच्योरिटी से पहले निकासी करने पर कोई पेनाल्टी नहीं देनी पड़ती है और ब्याज दर भी रेगुलर एफडी के समान मिलता है.

इस विकल्प का चयन करने पर आपको एक लिमिट तय करनी होती है, उससे अधिक की राशि आपके सेविंग एकाउंट पर होने पर अधिक राशि की ऑटोमैटिक एफडी हो जाती है. हालांकि जो लिमिट आपने तय की हुई है, अगर उससे कम राशि आपके बचत खाते में है तो उस सीमा तक पैसे बनाने के लिए एफडी से पैसे वापस बचत खाते में आ जाएंगे. इसलिए यह जरूरी है कि आप अपने सेविंग खाते में तय सीमा से अधिक पैसे रखें.

(2) जरूरत पड़ने पर आप अपनी एफडी पर लोन भी ले सकते हैं. इसका सबसे बड़ा फायदा यह है कि आपकी नकदी जरूरत पूरी हो जाएगी और इस पर आपको सामान्यतः पर्सनल लोन की तुलना में ब्याज भी कम देना होगा. इस प्रकार के लोन पर ब्याज दर बैंक पर निर्भर करती है लेकिन यह एफडी के इंटेरेस्ट रेट से करीब 1-2 फीसदी अधिक होती है. इस तरीके के जरिए आप अपनी एफडी के 90 फीसदी के बराबर राशि लोन के तौर पर ले सकते हैं.



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