तालाब पार में आंगनबाड़ी केन्द्र निर्माण का विरोध

बच्चों की सुरक्षा का हवाला देकर काम रोकने की मांग
नागरिकों ने कलेक्टर को सौंपा हस्ताक्षरयुक्त ज्ञापन
भिलाई। जामुल के पुरैना तालाब पार में किए जा रहे आंगनबाड़ी केन्द्र निर्माण के विरोध में आवाज बुलंद हो चुकी है। तालाब के एकदम नजदीक में इसके निर्माण पूरा होने पर भविष्य में बच्चों के लिए खतरे की आशंका जताते हुए स्थल परिवर्तन की मांग उठी है। नागरिकों ने कलेक्टर को हस्ताक्षरयुक्त ज्ञापन सौंपकर तालाब पार में बन रहे आंगनबाड़ी केन्द्र का निर्माण रोकने की मांग की है।
नगर पालिका जामुल के वार्ड क्रमांक 4 में बने रहे आंगनबाड़ी केन्द्र का विरोध शुरू हो गया है। निर्माण कार्य अभी प्रारंभिक चरण में है और नागरिकों ने तालाब पार में पचरी वाली जगह को इसके लिए चयनित करने पर आपत्ति जताया है। लोगों का कहना है कि आंगनबाड़ी बनने का कोई विरोध नहीं है, लेकिन इसका निर्माण ताबाल पार के बजाए किसी दूसरी जगह पर किया जाए। तालाब पार में आंगनबाडी बनने पर जब छोटो-छोटे बच्चे वहां प्रारंभिक शिक्षा के लिए आएंगे तो हर वक्त दुर्घटना का खतरा बना रहेगा। छोटे बच्चे खेल-खेल में तालाब के नीचे पानी में उतर सकते हैं।
स्थानीय नागरिकों के एक प्रतिनिधि मंडल ने पुरैना तालाब पार में बन रहे आंगनबाड़ी केन्द्र का निर्माण कार्य रोकने कलेक्टर दुर्ग से मुलाकात की। इस दौरान उन्हें एक हस्ताक्षर युक्त ज्ञापन सौंपा गया। ज्ञापन में ओम प्रकाश, भेषबली सुशील जंघेल, हेमंत सिंह क्षत्रिय, खुमान सिंह, प्रमोद पाण्डेय, जीवन लाल साहू, नारायण सिंह गौताम, सोना बाई, नेहा साहू, कोदूराम वर्मा सहित सैकड़ों भर लोगों ने बताया कि पालिका के जिम्मेदार अधिकारियों ने स्थानीय पार्षद को विश्वास में लिए बिना ही आंगनबाड़ी केन्द्र निर्माण हेतु नियम के खिलाफ जाकर तालाब पार की जगह का चयन कर लिया है। इस निर्माण कार्य को रोका जाना आवश्यक है।
होते हैं दशगात्र के कार्यक्रम
जिस स्थान पर आंगनबाड़ी केन्द्र का निर्माण हो रहा है, उसके ठीक सामने पीपल का पेड़ है। इसी पेड़ के नीचे स्थानीय नागरिक अपने दिवंगत परिजनों के दशगात्र में तालाब का कार्यक्रम संपन्न करते हैं। अंतिम संस्कार के पश्चात अस्थि कलश को भी पीपल के पेड़ पर टांग कर रखा जाता है। ऐसे में इस पेड़ के ठीक सामने तालाब पार पर आंगनबाड़ी केन्द्र बनने से छोटो-छोटे बच्चों के मनोदशा में विपरीत असर पड़ सकता है।
हाई कोर्ट के निर्देश का उल्लंघन
किसी भी तालाब या पोखर के करीब सरकारी या निजी निर्माण किया जाना निजी निर्माण किया जाना हाई कोर्ट के निदेश का उल्लंघन है। बताते हैं कि वर्ष 2011 में छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट ने एक परिवाद पर फैसला सुनाते हुए आदेश दिया है कि किसी भी तालाब या पोखर के पार में निजी अथवा सरकारी मद से कोई भी निर्माण कार्य नहीं हो सकता। फैसले की एक कापी शासन को भी प्रेषित की गई थी। बावजूद इसके जामुल में इसका उल्लंघन हो रहा है।