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महाराष्ट्र में उद्धव ठाकरे की कुर्सी पर संकट, राज्यपाल की ​चुप्पी ने बढ़ाई चिंता – Crisis on Uddhav Thackerays chair in Maharashtra, Governors silence raises concern | nation – News in Hindi

महाराष्ट्र में उद्धव ठाकरे की कुर्सी पर संकट, राज्यपाल की ​चुप्पी ने बढ़ाई चिंता

सीएम उद्धव ठाकरे फिलहाल किसी भी सदन सदस्य नहीं हैं (फाइल फोटो)

बताया जा रहा है कि आज शाम करीब 6 बजे महाविकास अघाड़ी के नेता राज्यपाल से मिलकर उन्हें उद्धव ठाकरे को विधान परिषद के लिए नामिनेट करने के लिए गुजारिश करेगें.

मुंबई. भारत में कोरोना वायरस (Coronavirus) से सबसे ज्यादा प्रभावित राज्यों में महाराष्ट्र (Maharashtra) है. राज्य सरकार कोरोना से मुकाबला करने की हर मुमकिन कोशिश में लगी हुई है. इन सब के बीच अब उद्धव ठाकरे (Uddhav Thackeray) सरकार पर सियासी संकट गहराता जा रहा है. दरअसल उद्धव ठाकरे का बतौर सीएम 6 महीने का कार्यकाल पूरा होने में अब महज 1 महीने से भी कम का समय रह गया है. ऐसे में वह किसी सदन के सदस्य बनें इसके लिए महाराष्ट्र सरकार की कैबिनेट ने उद्धव ठाकरे का नाम राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी (Bhagat Singh Koshyari) के पास बतौर एमएलसी मनोनीत करने के लिए भेजा है. इतना समय बीत जाने के बाद भी अभी तक राज्यपाल ने उद्धव ठाकरे को मनोनीत नहीं किया है, जिसके कारण उद्धव ठाकरे की चिंता बढ़ती जा रही है.

महाराष्ट्र सरकार के लिए दोहरी मुसीबत सामने आ गई है एक तरफ कोरोना के संक्रमित मरीजों की संख्या में लगातार इजाफा हो रहा है तो वहीं दूसरी तरफ अब सरकार पर संवैधानिक संकट खड़ा हो गया है. सरकार पर इस संकट को दूर करने के लिए कैबिनेट बैठक में उद्धव ठाकरे को राज्यपाल द्वारा मनोनीत किए जाने का प्रस्ताव पास कर राज्यपाल के पास भेजा गया है लेकिन राज्यपाल ने अब तक उस पर कोई फैसला नहीं किया है. 20 दिन बाद फिर कैबिनेट ने एक रिमाइंडर प्रस्ताव राज्यपाल के पास भेजा है.

बताया जा रहा है कि आज शाम करीब 6 बजे महाविकास अघाड़ी के नेता राज्यपाल से मिलकर उन्हें उद्धव ठाकरे को विधान परिषद के लिए नामिनेट करने के लिए गुजारिश करेगें. हालांकि 5 बजे सीएम उद्धव ठाकरे राज्यपाल के साथ मुंबई उच्च न्यायालय के न्यायाधीश के सपथ समारोह में उपस्थित रहेंगे, जो राज भवन में हो रहा है.

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बता दें कि 6 अप्रैल को राज्य मंत्रिमंडल ने सीएम उद्धव ठाकरे की अनुपस्थिति में और उपमुख्यमंत्री अजित पवार की अध्यक्षता में हुई बैठक में सर्वसम्मति से यह प्रस्ताव परित कर राज्यपाल को भेजा था कि मौजदा हालात को देखते हुए विधान परिषद का चुनाव अभी नहीं कराया जा सकता है. ऐसे समय में जब मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे जो इस समय न तो विधानसभा के सदस्य हैं और न ही विधान परिषद के सदस्य हैं उन्हें राज्यपाल की ओर से नामित कर विधानसभा की सीट के लिए मनोनीत किया जाए.

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