छत्तीसगढ़
पढ़ई तुंहर दुआर चटाई पर, कोई चारपाई पर तो कहीं चेयर पर हर घर पढ़ रहे बच्चें
पढ़ई तुंहर दुआर
चटाई पर, कोई चारपाई पर तो कहीं चेयर पर हर घर पढ़ रहे बच्चें
नारायणपुर सबका संदेस न्यूज़ छत्तीसगढ़-
वर्तमान समय में पूरी दुनिया कोरोना वायरस से जंग लड़ रही है। इसने सारी दुनिया में कोहराम मचा रखा है। देश में लॉकडाउन के कारण अन्य प्रदेशों के साथ ही छत्तीसगढ़ के हर जिले के स्कूल बंद है। हर व्यक्ति के जीवनकाल में जाने-अनजाने शिक्षक आते-जाते हैं। जिनमें हमारे माता-पिता का स्थान सर्वाेपरि है। लेकिन असल स्कूल में शिक्षक का संबंध विद्यार्थी से होता है। शिक्षालयों में शिक्षक-शिष्य परम्परा का निर्वाह होता रहा है। आज का जमाना तेजी से बदल रहा है। इस सबके अलावा आज के आधुनिक युग में जबकि संचार माध्यम के साधन बढ़ गए हैं।
मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल ने आधुनिक संचार की शक्ति को बच्चों के पढ़ाई में इस्तेमाल करने की कार्ययोजना तैयार करवाई। क़ोरोना संकट में बच्चों की पढ़ाई प्रभावित न हो इसके लिए उन्होंने सराहनीय पहल की है। मुख्यमंत्री के मंशानुरूप राज्य शासन के स्कूल शिक्षा विभाग ने ‘‘ पढ़ई तुंहर दुआर‘‘ नाम से ऑनलाईन पोर्टल तैयार किया है। अब नारायणपुर जिले के हर घर पर रहकर बच्चे मोबाईल के जरिए कोई चटाई पर, कोई चेयर, तो कोई चारपाई पर बैठकर कर पढ़ाई कर रहे हैं। मुख्यालय से सटे ग्रामीण बच्चों में ऑनलाईन पढ़ाई को लेकर काफी उत्सुकता देखने को मिल रही है। स्कूल शिक्षा विभाग रायपुर से जिले के 1401 शिक्षकों के पंजीयन में से 1350 शिक्षक को ऑनलाइन पोर्टल से जोडा़ गया है। इसके साथ ही जिले के 4500 स्कूली बच्चें-बच्चियां भी जुड़ गये हैं। शुक्रवार 24 तारीख से बच्चों की ऑनलाईन पढ़ाई शुरू हो गयी है।
विभागीय अधिकारी ने बताया कि स्कूल के प्रधान पाठक, प्राचार्य और संकुल समन्वयकों को नोडल अधिकारी बनाया गया है। बच्चों को मोबाईल के जरिये पढ़ाने के लिए कक्षा पहली से दसवीं तक के बच्चों को पढ़ाने के लिए विभिन्न विषयों की कक्षावार साप्ताहिक समय सारिणी भी तैयार की गयी है। विद्यार्थियों को समय सारिणी की जानकारी नगरीय एवं ग्रामीण क्षेत्रों में घर-घर जाकर भी दी गयी है। इसके साथ ही विभिन्न माध्यमों से भी उन्हें अवगत कराया गया है।
जिले के जिन ग्रामीण क्षेत्रों में नेट समस्या है, ऐसे ग्रामीण क्षेत्रों में लगनशील शिक्षक बच्चों को विभिन्न तरीकों के जरिये शिक्षा दे रहे हैं। उन्हीं में से एक कोडोली स्कूल के शिक्षक श्री देवेंद्र देवांगन सप्ताह में ग्रामीण क्षेत्रों में जाकर वीडियो को बच्चों के अविभावकों या बड़े भाई-बहन के मोबाइल में पढ़ाई संबंधी विडियो/ऑडियो अपलोड करने का काम कर रहे है। नक्सल हिंसा पीड़ित गांव कोडोली नेटवर्क पहुंच से बहुत दूर हैं। नेटवर्क की समस्या को देखते हुए शिक्षक ने यह एक नया तरीका अपनाया। कलेक्टर श्री एल्मा ने उनके कार्य की तारीफ की। श्री देवांगन के कार्य को बच्चों के अविभावकों द्वारा भी सराहना की गई है। इसके साथ ही वे कोरोना वायरस के बचाव और तरीकों के बारें में बता रहे है। मोबाइल में अपलोड की गयी विडियो से अविभावक अपने बच्चांे को पढ़ा रहे है ।
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