कोरोना वायरस: साउथ कोरिया की एक और कंपनी से 5 लाख टेस्ट किट मंगाएगा भारत | India signed a contract with another South Korean company to procure and supply 5 lakh Corona Testing Kits | nation – News in Hindi
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भारत इससे पहले चीन से 5 लाख किट मंगवा चुका है.
भारत (India) साउथ कोरिया (South Korea) की एक और कंपनी से 5 लाख कोरोना परीक्षण किट (Corona Test Kit) की खरीद रहा है.
बता दें इससे पहले भारत चीन से भी पांच लाख किट खरीद चुका है. वहीं साउथ कोरिया की एक कंपनी से भी भारत ने टेस्ट किट खरीदी थीं. जानकारी मिली थी कि चीन की ओर से प्राप्त हुई किट में कुछ खामियां पाई गई थीं जिसे लेकर भारत ने कहा था कि वह खराब क्वालिटी की किट को चीन को वापस करेगा. हालांकि तब इसमें अधिकतर खामी पीपीई किट में देखने को मिली थीं. लेकिन 20 अप्रैल को राजस्थान की ओर से शिकायत मिली थी कि रैपिड टेस्ट किट से नतीजे ठीक नहीं मिल रहे हैं. जिसके बाद भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद (आईसीएमआर) ने परीक्षण परिणामों में अंतर मिलने की शिकायतों के मद्देनजर राज्य सरकारों से अगले दो दिन तक इसका इस्तेमाल नहीं करने की सलाह दी थी.
उल्लेखनीय है कि भारत में चीन की दो कंपनियों से पांच लाख एंटीबॉडी रैपिड टेस्टिंग किट की आपूर्ति हुई है. विभिन्न राज्यों को कोरोना वायरस के संक्रमण की अधिकता वाले इलाकों में संक्रमण पर निगरानी के लिये यह किट मुहैया करायी गयी है.
आईसीएमआर के वरिष्ठ वैज्ञानिक रमन आर गंगाखेड़कर ने मंगलवार को स्वास्थ्य मंत्रालय के नियमित संवाददाता सम्मेलन में बताया था कि इस किट के परीक्षण परिणाम में अंतर मिलने के बारे में एक राज्य से मिली शिकायत के आधार पर तीन अन्य राज्यों से इसकी पुष्टि की गयी. उन्होंने कहा कि आईसीएमआर के विशेषज्ञों को विभिन्न क्षेत्रों में इस किट से परीक्षण के लिये भेजा गया है.गंगाखेड़कर ने कहा कि कोरोना वायरस के परीक्षण के लिये इस्तेमाल होने वाली आरटी-पीसीआर किट और रैपिड टेस्टिंग किट के परिणाम में काफी अंतर मिलने की एक राज्य से शिकायत मिलने पर इसकी पुष्टि दो अन्य राज्यों से कराये जाने के बाद सभी राज्यों को दो दिन तक इस किट का इस्तेमाल नहीं करने का परामर्श दिया गया है.
गौरतलब है कि राजस्थान सरकार ने मंगलवार को इन किट से असंगत परिणाम मिलने की आईसीएमआर को जानकारी दी थी. राजस्थान के स्वास्थ्य मंत्री रघु शर्मा ने इसका खुलासा करते हुये कहा कि इस किट के परिणाम सटीक होने की दर 5.4 प्रतिशत ही है, जबकि दावा 90 प्रतिशत होने का किया गया था, इसलिये इस किट के इस्तेमाल का कोई लाभ नहीं है.
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First published: April 23, 2020, 7:45 PM IST