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खुशखबरी! लॉकडाउन खत्म होने के बाद भी नहीं बढ़ेंगी Petrol-Diesel की कीमत, पेट्रोलियम मंत्रालय ने जारी किया आदेश – Petroleum Ministry directs oil companies to adjust the current fall in crude prices and to reduced petrol diesel price | business – News in Hindi

खुशखबरी! लॉकडाउन खत्म होने के बाद भी नहीं बढ़ेंगी Petrol-Diesel की कीमत, पेट्रोलियम मंत्रालय ने जारी किया आदेश

खुशखबरी! लॉकडाउन खत्म होने के बाद भी नहीं बढ़ेंगी Petrol-Diesel की कीमत

लॉकडाउन के बाद भी BS VI पेट्रोल, डीजल के लिए कंज़्यूमर पर बोझ नहीं पड़ेगा. सूत्रों के मुताबिक पेट्रोलियम मंत्रालय (Petroleum Ministry) ने सरकारी तेल कंपनियों (Oil Companies) से कहा है कि बढ़े हुए कॉस्ट को तेल कीमतों में मौजूदा गिरावट से एडजस्ट करें और कुछ हिस्सा ही कंज़्यूमर पर डालें.

नई दिल्ली. लॉकडाउन के बाद भी BS VI पेट्रोल, डीजल के लिए कंज़्यूमर पर बोझ नहीं पड़ेगा. सूत्रों के मुताबिक पेट्रोलियम मंत्रालय (Petroleum Ministry) ने सरकारी तेल कंपनियों (Oil Companies) से कहा है कि बढ़ी हुई कॉस्ट को तेल कीमतों में मौजूदा गिरावट से एडजस्ट करें और कुछ हिस्सा ही कंज़्यूमर पर डालें. पेट्रोलियम मंत्रालय ने तेल कंपनियों को निर्देश जारी करते हुए कहा है कि वह BS-VI पेट्रोल डीजल कॉस्ट का भार कंज्यूमर पर ना डालें. पेट्रोलियम मंत्रालय ने तेल कंपनियों को क्रूड की गिरावट से कॉस्ट एडजस्ट करने का निर्देश दिया है. पेट्रोलियम मंत्रालय ने साफ किया है कि तेल कंपनियां कॉस्ट का मामूली हिस्सा ही कंज्यूमर से लें जिसे चरणों में कंज्यूमर पर पास किया जाएगा.

37 दिनों से पेट्रोल डीजल के दामों में बदलाव नहीं
दरअसल लॉकडाउन की वजह से कंज्यूमर पर बोझ नहीं डाला गया है. तेल कंपनियों ने लॉकडाउन में डायनामिक प्राइसिंग रोकी है. जिसके चलते 37 दिनों से पेट्रोल डीजल के दामों में बदलाव नहीं किया गया है. लॉकडाउन के बाद कंपनियों पर डिमांड बढ़ाने का दबाव है. बता दें कि चालू वित्त वर्ष में फ्यूल डिमांड में 15% गिरावट का अनुमान है.

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>> तेल की कीमतें दो मुख्य चीजों पर निर्भर करती हैं. एक अंतरराष्ट्रीय बाजार में क्रूड ऑयल की कीमत और दूसरा सरकारी टैक्स. क्रूड ऑयल के रेट पर सरकार का कोई नियंत्रण नहीं है, मगर टैक्स सरकार अपने स्तर से घटा-बढ़ा सकती है.

>> यानी जरूरत पड़ने पर सरकार टैक्स कम कर बढ़े दाम से कुछ हद तक जनता को फायदा पहुंचा सकती है. पहले देश में तेल कंपनियां खुद दाम नहीं तय करती थीं, इसका फैसला सरकार के स्तर से होता था. मगर जून 2017 से सरकार ने पेट्रोल के दाम को लेकर अपना नियंत्रण हटा लिया गया. कहा गया कि अंतरराष्ट्रीय बाजार में प्रतिदिन उतार-चढ़ाव के हिसाब से कीमतें तय होंगी.

>> अमूमन जिस रेट पर हम तेल खरीदते हैं, उसमें करीब 50 फीसदी से ज्यादा टैक्स होता है. इसमें करीब 35 फीसदी एक्साइज ड्यूटी और 15 फीसदी राज्यों का वैट या सेल्स टैक्स. इसके अलावा कस्टम ड्यूटी होती है, वहीं डीलर कमीशन भी जुड़ता है. तेल के बेस प्राइस में कच्चे तेल की कीमत, उसे शोधित करने वाली रिफाइनरीज का खर्च शामिल होता है. इसलिए, क्रूड की कीमतें सीधे खुदरा कीमतों को प्रभावित नहीं करती हैं.

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First published: April 22, 2020, 7:14 PM IST



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