अध्यादेश पर बोले PM मोदी- स्वास्थ्यकर्मियों की सुरक्षा के साथ कोई समझौता नहीं | narendra modi says no compromise on healthcare workers safety PM will talk all CM on 27 april covid 19 | nation – News in Hindi
केंद्र सरकार ने साफ कर दिया है कि सारे राज्य स्वास्थ्यकर्मियों की सुरक्षा के लिए अपने यहां एक नोडल अधिकारी की नियुक्ति करें.
देश में कोरोना वायरस संक्रमण (Coronavirus) से जंग के खिलाफ पहली पंक्ति में खड़े स्वास्थ्यकर्मियों (Healthcare Workers) पर हो रहे हमलों के देखते हुए महामारी रोग (संशोधन) 2020 अध्यादेश लाया गया.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बुधवार को ट्वीट कर लिखा, ‘महामारी रोग (संशोधन) अध्यादेश 2020 उन स्वास्थ्य सेवा से जुड़े प्रत्येक कर्मी की सुरक्षा के प्रति हमारी प्रतिबद्धता जाहिर करता है, जो कोविड 19 के खिलाफ अग्रणी रूप से जंग लड़ रहे हैं. यह हमारे प्रोफेशनल्स की सुरक्षा सुनिश्चित करता है. उनकी सुरक्षा के साथ कोई समझौता नहीं किया जाएगा.’
The Epidemic Diseases (Amendment) Ordinance, 2020 manifests our commitment to protect each and every healthcare worker who is bravely battling COVID-19 on the frontline.
It will ensure safety of our professionals. There can be no compromise on their safety!
— Narendra Modi (@narendramodi) April 22, 2020
वहीं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 27 अप्रैल को सभी मुख्यमंत्रियों के साथ वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिये बातचीत करेंगे. इस दौरान कोरोना वायरस संक्रमण और लॉकडाउन पर चर्चा होगी. बता दें कि पीएम मोदी ने 3 मई तक देश में लॉकडाउन घोषित किया हुआ है.
बता दें कि कोरोना वायरस के खिलाफ लड़ाई में शामिल स्वास्थ्यकर्मियों पर हमलों की पृष्ठभूमि में केंद्रीय मंत्रिमंडल ने बुधवार को एक अध्यादेश को मंजूरी दी जिसमें उनके खिलाफ हिंसा को संज्ञेय और गैर जमानती अपराध बनाया गया है. केंद्रीय मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने इस आशय की जानकारी दी . उन्होंने कहा कि प्रस्तावित अध्यादेश में स्वास्थ्य कर्मियों के घायल होने, सम्पत्ति को नुकसान होने पर मुआवजे का भी प्रावधान किया गया है.
जावड़ेकर ने कहा कि प्रस्तावित अध्यादेश के माध्यम से महामारी अधिनियम 1897 में संशोधन किया जाएगा. इससे स्वास्थ्य सेवा से जुड़े कर्मियों की सुरक्षा तथा उनके रहने एवं काम करने की जगह को हिंसा से बचाने में मदद मिलेगी. जावडेकर ने संवाददाताओं से कहा कि अध्यादेश को महामारी अधिनियम 1897 में संशोधन के लिए मंजूरी दी गई है.
केंद्रीय मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने जानकारी दी कि स्वास्थ्यकर्मियों पर हमला करने वालों के लिए सख्त सजा और जुर्माना भी लगाया जाएगा. आरोपियों को तीन महीने से लेकर 5 साल की सजा, 50 हजार से लेकर 3 लाख तक का जुर्माना हो सकता है.
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First published: April 22, 2020, 6:22 PM IST