परियोजना में कार्य के दौरान ट्रामर पद पर कार्यरत एक कर्मी गंभीर रूप से घायल हो गया
सबका संदेस न्यूज छत्तीसगढ़ कोरबा- भूमिगत परियोजना में कार्य के दौरान ट्रामर पद पर कार्यरत एक कर्मी गंभीर रूप से घायल हो गया। प्रबंधन ने आनन-फानन घायल कर्मी को बाहर निकाला और प्राथमिक उपचार के बाद अपोलो बिलासपुर रेफर कर दिया गया। कर्मी के पैर में चोट लगी है और संभावना जताई जा रही है जान बचाने पैर काटना पड़ेगा। प्रथम पाली में हुई घटना को प्रबंधन ने छिपा कर रखा। वहीं श्रमिक संगठन के सेफ्टी कमेटी सदस्य भी मामले में चुप्पी साधे हुए हैं।एसईसीएल कोरबा क्षेत्र की भूमिगत परियोजना में बांकीमोंगरा निवासी दुखूराम ट्रामर के पद पर कार्यरत है। गुरुवार को प्रथम पाली में दुखराम (45) ड्यूटी गया हुआ था। कार्य के दौरान अचानक दुखुराम को गंभीर चोट लगी। जानकारों का कहना है कि उसके एक पैर तथा हाथ में गंभीर चोट आई है। सहकर्मियों ने आनन-फानन से खदान से बाहर निकाला और प्राथमिक उपचार के बाद इलाज हेतु अपोलो रेफर कर दिया है। कर्मी का पैर काफी बुरी तरह जख्मी हो गया है, चिकित्सकों का कहना है कि जान बचाने के लिए पैर काटने की नौबत सकती है, पर पहले उपचार कर ठीक करने के प्रयास किया जा रहा है। 24 घंटे बीतने के बाद भी इस घटना न केवल प्रबंधन व बल्कि सेफ्टी कमेटी के सदस्य भी छिपा कर रखे हुए हैं। मामला जब तूल पकड़ा तब बाहर निकला। बावजूद घटना की जानकारी पुलिस को नहीं दी गई है। दुखूराम को चोट कैसे लगी, घटना के वक्त वह कहां था, इस संबंध में कोई भी स्पष्ट रूप से बताने तैयार नहीं है। प्रबंधन से संपर्क करने का प्रयास किया गया, पर कोई उपलब्ध नहीं हो सका। यहां यह बताना लाजिमी होगा कि सिंघाली परियोजना ढेलवाडीह सब एरिया मैनेजर अंतर्गत संचालित होती है। इस सब एरिया के अधीन बगदेवा व ढेलवाडीह खदान भी है। दिसंबर माह में ही बगदेवा खदान में प्रबंधन की लापरवाही से तीन कर्मियों की मौत हो गई थी। यह मामला अभी पूरी तरह ठंडा नहीं हुआ है और अब सिंघाली खदान में हादसा होने से एसईसीएल प्रबंधन की कार्यप्रणाली पर सवालिया प्रश्न उठने लगा है।
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