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कोरोना वायरस का पता लगाने के लिए काम आएगी ये तकनीक, ICMR ने दी इजाज़त | ICMR validated TRUNAT used for detection of TB Bacteria recommended it as a screening test for COVID 19 | nation – News in Hindi

कोरोना वायरस का पता लगाने के लिए काम आएगी ये तकनीक, ICMR ने दी इजाज़त

देश में कोरोना वायरस से अब तक 488 लोगों की जान जा चुकी है.

भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद (Indian Council of Medical Research) ने कोविड 19 (Covid-91) के स्क्रीनिंग टेस्ट के लिए टीबी बैक्टीरिया का पता लगाने के लिए इस्तेमाल की जाने वाली तकनीक TRUNAT को मान्य कर दिया है.

नई दिल्ली. देश में कोरोना वायरस (Coronavirus) के मामले लगातार बढ़ रहे हैं. यह महामारी अब तक देश के 14 हजार से ज्यादा लोगों को अपनी चपेट में ले चुकी है जबकि 488 लोग अब तक जान गंवा चुके हैं. देश से कोरोना वायरस को जल्द से जल्द मुक्त करने के लिए और इससे संक्रमित लोगों के उपचार के लिए विभिन्न तरीके अपनाए जा रहे हैं. ऐसे में भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद (Indian Council of Medical Research) ने कोविड 19 (Covid-91) के स्क्रीनिंग टेस्ट के लिए टीबी के बैक्टीरिया का पता लगाने के लिए इस्तेमाल की जाने वाली तकनीक TRUNAT को मान्य कर दिया है. आईसीएमआर के आधिकारिक हैंडल से ट्वीट कर ये जानकारी दी गई.

हॉट-स्पॉट इलाकों में एंटीबॉडी जांच के दिए गए हैं निर्देश
इससे पहले शुक्रवार को भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद (आईसीएमआर) ने सभी राज्यों को पत्र लिख कर कहा था कि वे कोरोना वायरस संक्रमण से अत्यधिक प्रभावित क्षेत्रों में निगरानी के लिए त्वरित एंटीबॉडी (Antibody) जांच करें.

एंटीबॉडी एक प्रकार का प्रोटीन होता है जिसका निर्माण प्लाज्मा कोशिकाएं करती हैं और रोग प्रतिरोधक तंत्र इसका इस्तेमाल कर जीवाणु और विषाणु का खात्मा करते हैं.

राज्यों के सभी मुख्य सचिवों और स्वास्थ्य विभाग के प्रधान सचिवों को लिखे पत्र में आईसीएमआर के निदेशक डॉक्टर बलराम भार्गव ने महामारी विज्ञान के अध्ययन और निगरानी के लिहाज से हॉटस्पॉट इलाकों में ‘त्वरित एंटीबॉडी जांच’ करने के तौर-तरीकों के बारे में बताया है.

चीन से मंगाई गई हैं 5 लाख किट
स्वास्थ्य मंत्रालय के एक अधिकारी ने बताया कि भारत को गुरुवार को चीन से पांच लाख त्वरित एंटीबॉडी जांच किट मिले हैं और इन्हें उन राज्यों तथा जिलों को भेजा जा रहा है जो कोरोना वायरस संक्रमण से अत्यधिक प्रभावित हैं.

आईसीएमआर में महामारी विज्ञान और संक्रामक रोग विभाग के प्रमुख डॉक्टर रमन आर. गंगाखेडकर ने गुरुवार बताया था कि जो त्वरित एंटीबॉडी जांच किट खरीदी जा रही हैं वह प्रारंभिक जांच के लिए नहीं, बल्कि निगरानी और संक्रमण के प्रसार की प्रवृत्ति का पता लगाने के लिए हैं.

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First published: April 18, 2020, 9:57 PM IST



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