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कोरना वायरस: दिल्‍ली के बाद अब गुजरात में भी प्‍लाज्‍मा थेरेपी से होगा इलाज-after delhi now coronavirus patients from gujraj will be treated by plasma therapy | nation – News in Hindi

कोरना वायरस: दिल्‍ली के बाद अब गुजरात में भी प्‍लाज्‍मा थेरेपी से होगा इलाज

सांकेतिक तस्वीर

इलाज के इस तरीके के तहत, COVID19 से पूरी तरह ठीक हुए मरीज के शरीर से प्लाज्मा लेकर गंभीर स्थिति वाले मरीज में चढ़ाया जाएगा

अहमदाबाद. गुजरात सरकार ने राज्य में कोरोना वायरस (Coronavirus) के मरीजों, खासकर नाजुक हालत वाले संक्रमित लोगों के इलाज के लिए प्लाज्मा चढ़ाकर उपचार करने का फैसला किया है. स्वास्थ्य अधिकारियों ने बताया कि ऐसे मरीजों की रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने के मकसद से यह फैसला किया गया है. इससे पहले इसे दिल्ली में भी आजमाया गया है.

क्या है प्लाजमा तकनीक
इलाज के इस तरीके के तहत, कोविड-19 से पूरी तरह ठीक हुए मरीज के शरीर से प्लाज्मा लेकर गंभीर स्थिति वाले मरीज में चढ़ाया जाएगा ताकि उसका शरीर वायरस से लड़ने के लिए एंटीबॉडीज बना सके. एंटीबॉडी एक प्रकार का प्रोटीन होता है जिसका निर्माण प्लाज्मा कोशिकाएं करती हैं और रोग प्रतिरोधक तंत्र इसका इस्तेमाल कर जीवाणु और विषाणु का खात्मा करते हैं.

आईसीएमआर से मांगी इजाजतप्रधान सचिव (स्वास्थ्य) जयंती रवि ने बताया कि अहमदाबाद के निगम अस्पताल और निकाय द्वारा संचालित एसवीपी अस्पताल ने कोरोना वायरस मरीजों के इलाज के लिए प्लाज्मा चढ़ाने के बारे में विस्तृत प्रस्ताव तैयार किया है और इसे स्वीकृति के लिए भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद (आईसीएमआर) को सौंप दिया है. उन्होंने कहा, ‘हमें पता चला है कि आईसीएमआर ने प्लाज्मा चढ़ाकर इस तरह के इलाज के लिए केरल सरकार को अनुमति दी है. गुजरात से, अहमदाबाद निकाय अस्पताल और एसवीपी अस्पताल ने कोरोना वायरस मरीजों के लिए इस इलाज को शुरू करने के संबंध में आईसीएमआर की अनुमति मांगी है.

प्लाज्मा दान की सहमति
रवि ने कहा, ‘दोनों अस्पताल इसे शुरू करने के लिए तैयार हैं. उन्होंने स्वीकृति के लिए पहले ही अपने प्रस्ताव भेज दिए हैं.” अहमदाबाद नगरपालिका प्लाज्मा दान करने वाले कुछ लोगों की पहले ही सहमति ले चुका है.

दिल्ली से आए अच्छे नतीजे
पिछले दिनों दिल्‍ली में एक निजी अस्‍पताल ने 50 वर्षीय संक्रमित व्‍यक्ति का प्‍लाज्‍मा थेरेपी (Plasma Therapy) से इलाज शुरू किया. इस थेरेपी से इलाज शुरू करने के महज 24 घंटे के भीतर मरीज की हालात में सुधार नजर आने लगा है. मैक्‍स हेल्‍थकेयर के क्‍लीनिकल डायरेक्‍टर डॉ. सुदीप बुधीराजा ने बताया कि थेरेपी शुरू करने से पहले मरीज को फुल वेंटिलेटर सपोर्ट की जरूरत पड रही थी, लेकिन अब उसे 50 फीसदी ही जरूरत है.

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First published: April 18, 2020, 11:37 AM IST



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