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देवेगौड़ा के राज्यसभा चुनाव लड़ने के लिए JDS विधायकों में आम सहमति | hd deve gowda will contest rajya sabha elections JDs Mla gives approval | nation – News in Hindi

देवेगौड़ा के राज्यसभा चुनाव लड़ने के लिए JDS विधायकों में आम सहमति

87 वर्ष के हैं एचडी देवेगौड़ा.

87 वर्षीय देवेगौड़ा अगर चुनाव लड़ते हैं और इसमें जीत जाते हैं तो राज्यसभा में यह उनका दूसरा कार्यकाल होगा.

बेंगलुरु. जद(एस) विधायकों की आमसहमति से यह राय है कि पार्टी प्रमुख और पूर्व प्रधानमंत्री एचडी देवेगौड़ा (hd deve gowda) को 19 जून को होने वाला राज्यसभा चुनाव (Rajya sabha elections) लड़ना चाहिए. उनके बेटे एवं पूर्व मुख्यमंत्री ने शुक्रवार को यह कहा. कुमारस्वामी ने कहा कि पार्टी के विधायकों को यह भी लगता है कि यदि देवेगौड़ा चुनाव लड़ेंगे, तो कांग्रेस और भाजपा द्वारा एक सीट के लिये अपना-अपना उम्मीदवार उतारने की संभावना नहीं है.

कर्नाटक से राज्यसभा की चार सीटें 25 जून को रिक्त हो रही हैं. इन सीटों का प्रतिनिधित्व अभी कांग्रेस के राजीव गौड़ा और बी के हरिप्रसाद, भाजपा के प्रभाकर कोरे और जद(एस) के डी कुपेंद्र रेड्डी कर रहे हैं. कुमारस्वामी ने कहा, ‘‘अभी की स्थिति को ध्यान में रखते हुए सभी विधायकों की ओर से आमसहमति से यह दबाव है कि पार्टी से देवेगौड़ा चुनाव लड़ें, लेकिन देवेगौड़ा ने राज्यसभा चुनाव लड़ने के लिये ना तो कोई रूचि प्रदर्शित की है और ना ही अभी तक वह इसके लिये राजी हुए हैं.’’

उन्होंने यहां जद(एस) विधायक दल की बैठक के बाद संवाददाताओं से कहा, ‘‘लेकिन पार्टी के विधायक उनके योगदान और अनुभव को ध्यान में रखते हुए यह महसूस कर रहे हैं कि देश की मौजूदा स्थिति में देवेगौड़ा को राज्यसभा जाने की जरूरत है.’’

पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा, ‘‘इस बारे में अभी फैसला नहीं हुआ है कि वह (देवेगौड़ा) चुनाव लड़ेंगे या नहीं …लेकिन विधायकों का कहना है कि वे अपनी मांग के बारे में उनके साथ चर्चा करेंगे (राजी करने के लिये). ’’ राज्य में संसद के उच्च सदन के लिये चार सीटों पर होने वाले चुनाव में भाजपा दो सीटों पर जीत सुनिश्चित कर सकती है, जबकि कांग्रेस अपने 68 विधायकों के साथ एक सीट जीत सकती है.किसी उम्मीदवार को जीतने के लिये न्यूनतम 44 वोटों की जरूरत होगी, इस तरह कोई पार्टी केवल अपने दम पर चौथी सीट नहीं सकती है. विधानसभा में जद(एस) के 34 विधायक हैं और इस तरह यह अपने बूते राज्यसभा में एक भी सीट जीतने की स्थिति में नहीं है. उसे इसके लिये किसी राष्ट्रीय पार्टी से अतिरिक्त वोटों की जरूरत होगी.

इस बारे में अटकलें जोरों पर है कि यदि देवेगौड़ा चुनाव लड़ते हैं, तो कांग्रेस अपने अतिरिक्त वोटों से जद (एस) का समर्थन कर सकती है. वहीं, इसके बदले में कांग्रेस इस महीने के आखिर में होने वाले विधान परिषद चुनाव के दौरान सहायता मांग सकती है.

कुमारस्वामी ने कहा कि विधायकों की राय है कि यदि देवेगौड़ा चुनाव लड़ते हैं, तो कांग्रेस और भाजपा चौथी सीट के लिये अपना-अपना उम्मीदवार नहीं उतारेंगी. उन्होंने कहा, ‘‘देखते हैं कि आने वाले वक्त में क्या होता है, अभी इस बारे में चिंता क्यों करें. आइए इस बारे में सोचते हैं और फैसला करते हैं कि क्या वह (देवेगौड़ा) चुनाव लड़ें.’’

सूत्रों के मुताबिक, जद (एस) देवेगौड़ा के चुनाव लड़ने से मना करने की स्थिति में किसी वैकल्पिक नाम के बारे में सोच रही है. क्या कांग्रेस इस पर राजी होगी, यह स्पष्ट नहीं है. बताया जाता है कि वोक्कालिगा नेता के रूप में अपनी स्थिति मजबूत करने के मकसद से प्रदेश कांग्रेस प्रमुख डी के शिवकुमार देवेगौड़ा का समर्थन करने को इच्छुक होंगे. देवेगौड़ा भी इसी समुदाय से हैं, जिसकी राज्य के दक्षिणी हिस्सों में बड़ी मौजूदगी है.

सूत्रों ने कहा कि देवेगौड़ा लोगों द्वारा प्रत्यक्ष रूप से निर्वाचित होना चाहते हैं वह पिछले दरवाजे से संसद में प्रवेश नहीं करना चाहते हैं. समझा जा रहा है कि यह भी धारणा है कि पुराने मैसूरू क्षेत्र में कांग्रेस से समर्थन हासिल करना मुश्किल होगा, जहां कांग्रेस जद(एस) की पारंपरिक प्रतिद्वंद्वी है. 87 वर्षीय देवेगौड़ा यदि चुनाव लड़ते हैं और इसमें जीत जाते हैं तो राज्यसभा में यह उनका दूसरा कार्यकाल होगा. वह 1996 में प्रधानमंत्री रहने के दौरान राज्यसभा सदस्य थे.



First published: June 5, 2020, 11:54 PM IST



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