जिला पंचायत सीईओं ने ग्रामीण विकास की योजनाओं का की समीक्षा
कहा मनरेगा पर प्रशासन का पूरा फोकस, सोशल डिस्टेंसिंग के साथ होंगे प्रभावी कार्य
दुर्ग। जिला पंचायत में वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से हुई महत्वपूर्ण बैठक में ग्रामीण विकास की योजनाओं पर हुई प्रगति पर समीक्षा जिला पंचायत सीईओ कुंदन कुमार ने की। बैठक में सीईओ ने कहा कि आने वाले दिनों में मनरेगा के प्रभावी क्रियान्वयन पर पूरा फोकस हो। हर गांव में काम प्रारंभ कर कम से कम पचास मजदूर लगाए जाएं। धमधा ब्लाक में मजदूरों की संख्या ब?ाने की जरूरत है। इसके साथ ही सोशल डिस्टेंसिंग का पूरा ध्यान रखा जाए। सोशल डिस्टेंसिंग और सैनिटाइजेशन की व्यवस्था मुकम्मल हो, यह मानिटर कर रहे अधिकारी सुनिश्चित करें। उन्होंने कहा कि मनरेगा अंतर्गत उपयोगी कार्यों का चिन्हांकन करें। साथ ही स्वीकृत कार्यों को अविलंब आरंभ करें। उन्होंने कहा कि सैनेटाइजर और मास्क यह कोरोना संक्रमण को थामने के सबसे महत्वपूर्ण चीजें हैं। मास्क के लिए स्वसहायता समूहों को अधिकाधिक संख्या में प्रेरित करें। साथ ही सैनिटाइजर की सुविधा भी मिले, यह एनआरएलएम के अधिकारी सुनिश्चित करें। सीईओ ने ग्राम पंचायतों में नरूवा अंतर्गत चयनित नालों में स्वीकृत कार्यों को आरंभ करने के निर्देश दिए।
सीईओ ने गौठानों में चल रही गतिविधियों की भी समीक्षा की। उन्होंने उपसंचालक कृषि, पशुधन विकास एवं उद्यानिकी को कहा कि वे गौठान के नोडल अधिकारियों के सतत संपर्क में रहे, दौरे करें और यह देखें कि गौठान में पर्याप्त व्यवस्था बनी रहे। जिन गौठान समितियों का खाता घुल गया है और समिति के सदस्यों का केवायसी हो गया है उनकी भी जानकारी प्रदान करें। उन्होंने सभी जनपद सीईओ को गौठान समिति को प्रदाय मानदेय हेतु मांग जिला कार्यालय को प्रेषित करने के निर्देश भी दिए। सीईओ ने ग्राम सांकरा में आजीविका केंद्र के लिए स्वसहायता समूहों द्वारा किये जा रहे काम की प्रगति की भी समीक्षा की। उन्होंने कहा कि अधिकाधिक स्वहसायता समूहों द्वारा विविध तरीके के निर्माण कार्य सुनिश्चित किया जाए।
सीईओ ने ग्रामीण क्षेत्रों में कोविड संक्रमण से लोगों को बचाने के लिए निरंतर जागरूकता अभियान चलाने के निर्देश भी दिए। उन्होंने कहा कि सोशल डिस्टेंसिंग के संबंध में लोगों को लगातार जागरूक रखना आवश्यक है। साथ ही आपदा पी?ित जरूरतमंद लोगों की मदद भी आवश्यक है इसके लिए स्थानीय अमला निरंतर सक्रिय रहे और जनपद सीईओ इसकी मानिटरिंग करते रहें। सीईओ ने ग्रामीण क्षेत्रों में पेयजल की उपलब्धता एवं इस तरह के अन्य विषयों पर भी अधिकारियों को निर्देश दिए।