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कोरोना योद्धा: वो IAS अफसर जो मां बनने के 20 दिनों बाद ही पहुंच गई दफ्तर ias officer gives up maternity leave and resumes work after twenty second day of delivery coronavirus mrj | knowledge – News in Hindi

देशभर में कोरोना वायरस के मामले बढ़ते जा रहे हैं. स्वास्थ्य मंत्रालय के ताजा आंकड़ों के मुताबिक देश में अब तक कोरोना के 12,380 केस आ चुके हैं, जिनमें 414 मौतें हुई हैं. आंध्रप्रदेश भी कोरोना के कहर से अछूता नहीं. यहां अब तक लगभग 525 मामले आ चुके हैं. इस संक्रमण की रफ्तार कम करने के लिए बहुत से लोग लगातार काम कर रहे हैं, इन्हीं में से एक हैं IAS अफसर जी सृजना. वैसे इस अफसर की बहादुरी इसलिए भी खास है क्योंकि ये बच्चे के जन्म के 22 दिन ही ड्यूटी पर लौट आई. साथ में अफसर का दुधमुंहा बच्चा भी था.

इसके बाद से ये अफसर लगातार ऑफिस में जुटी रहती है. बता दें कि फिलहाल Maternity (Amendment) Bill के तहत मांओं को 3 महीने से बढ़ाकर 6 महीने का मातृत्व अवकाश दिया जा रहा है. वहीं सृजना ने मैटरनिटी लीव लेने से इनकार कर दिया और महज 21 दिन बाद काम पर लौट आईं.

कोरोना के मद्देनजर सृजना ने मैटरनिटी लीव लेने से इनकार कर दिया (फोटो- facebook)

फिलहाल सृजना ग्रेटर विशाखापट्टनम म्यूनिसिपल कॉर्पोरेशन (GVMC) की कमिश्नर हैं. वे साल 2013 आईएएस बैच की अफसर हैं. प्रेगनेंसी के दौरान वे लगातार कोरोना के मामले पर काम करती रहीं और आखिरी वक्त पर सीधे अस्पताल पहुंचीं. बच्चे के जन्म के दौरान ही देशव्यापी लॉकडाउन की घोषणा हो गई. इधर लॉकडाउन के बाद भी विशाखापट्टनम में मामले लगातार बढ़ रहे थे. इसे देखते हुए बेबी बॉय के जन्म के 22 दिन ही इस IAS ने मेटरनिटी लीव छोड़ दी और ड्यूटी पर पहुंच गईं.हालात देखते हुए चूंकि 12-12 घंटे लगातार काम करना पड़ रहा है इसलिए इस नई मां ने बच्चे को घर पर छोड़ने की बजाए कई बार साथ लाने जैसा बड़ा कदम उठाया. अफसर काम की व्यस्तता के बीच पक्का कर रही हैं कि एक महीने से भी छोटे बच्चे की पूरी तरह से देखभाल हो सके. जब ज्यादा काम के बीच उन्हें बच्चे को घर छोड़कर दफ्तर आना होता है, तो वे हर 4 घंटे में घर लौटती हैं ताकि बच्चे को फीड करा सकें.

पूरा IAS एसोसिएशन (IAS Association) सृजना के इस स्टेप की तारीफ कर रहा है और इसपर कई हैशटैग भी चल रहे हैं. साथ ही इस बहादुर अफसर के काम करते हुए बच्चे को गोद में लिए तस्वीरें वायरल हो रही हैं. लोगों से मिल रही सकारात्मक बातों के जवाब में सृजना ने कहा कि इस मुश्किल वक्त में कई लोग अपना काम कर रहे हैं, कुछ दान कर रहे हैं, कुछ खाना खिला रहे हैं, कुछ ओवरटाइम कर रहे हैं. इसी तरह से मुझे भी लगा कि मेरा ड्यूटी पर जल्दी लौटना फिलहाल जरूरी है.

महिला अफसर ने अपने इस कदम पर सपोर्ट के लिए अपने परिवार और वकील पति को भी श्रेय दिया. एक ट्ववीट के जबाव में वे मानती हैं कि बहुत से लोग देश-दुनिया को कोरोना के संक्रमण से बचाने के लिए जैसे काम कर रहे हैं, उनके आगे ड्यूटी पर जल्दी लौटना कोई बड़ा काम नहीं. और चूंकि पूरे परिवार का काफी सहयोग है इसलिए वे दुधमुंहे बच्चे के साथ भी काम कर पा रही हैं.

फिलहाल सृजना ग्रेटर विशाखापट्टनम म्यूनिसिपल कॉर्पोरेशन (GVMC) की कमिश्नर हैं (फोटो- facebook)

वैसे विशाखापट्टनम में कोरोना के कुल 20 मामले आए, जिनमें से 4 मरीज रिकवर हो चुके हैं, वही 16 का अब भी इलाज चल रहा है. संक्रमण के मामले देखते हुए कई जगहों को हॉटस्पॉट मानते हुए वहां रोकथाम के उपाय किए जा रहे हैं, इनमें अलीपुरम, पद्मनाभम रेवडी, मुस्लिम तटिचेटलपलम, रेलवे न्यू कॉलोनी, नरसिंपट्टनम, गजुवाका और पूर्णा मार्केट हैं. यहां सर्वे के बाद 336 लोगों को क्वारंटाइन में रखा गया है, जिनमें से फ्लू जैसे लक्षणों के कारण 151 लोगों का इलाज चल रहा है.

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