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कोरोना लॉकडाउन: खाना न मिलने का आरोप लगा 400 परिवारों ने 3 घंटे के लिए ब्लॉक किया बंगाल हाईवे । Coronavirus Lockdown 400 families accused administration of not giving food block Bengal highway for 3 hours | nation – News in Hindi

कोरोना लॉकडाउन: खाना न मिलने का आरोप लगा 400 परिवारों ने ब्लॉक किया हाईवे

लॉकडाउन के दौरान मुर्शिदाबाद में 400 परिवारों ने राज्य हाईवे को तीन घंटे तक ब्लॉक रखा (सांकेतिक तस्वीर)

प्रदर्शनकारियों ने स्थानीय प्रशासन (Local Administration) के दखल देने के बाद नाकेबंदी खत्म की.

मुर्शिदाबाद. बुधवार सुबह मुर्शिदाबाद जिले (Murshidabad district) के डोमकल नगर पालिका (Domkal municipality) इलाके में सैकड़ों लोगों ने एक राज्य हाईवे (State Highway) को तीन घंटे के लिए ब्लॉक कर दिया. उनका आरोप था कि मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के इस दावे के बावजूद कि राज्य में अनाज की कोई कमी नहीं है और गरीबों को मुफ्त में अनाज दिया जा रहा है, उन्हें पिछले बीस दिनों में राशन नहीं मिला है.

अंग्रेजी अखबार हिंदुस्तान टाइम्स की एक रिपोर्ट के मुताबिक करीब 400 परिवार, जिन्होंने बहरामपुर-डोमकल राज्य हाईवे (Berhampore–Domkal state highway) को लॉकडाउन के आदेशों का उल्लंघन करते हुए ब्लॉक किया, उनमें कई महिलाएं और बच्चे भी शामिल थे. ज्यादातर प्रदर्शनकारी मास्क नहीं पहने हुए ते और न ही सामाजिक दूरी (Social Distancing) को लेकर जारी किए गए दिशा-निर्देशों का पालन कर रहे थे.

पश्चिम बंगाल सरकार ने कहा था कि राज्य में चावल की कोई कमी नहीं
प्रदर्शनकारियों ने तभी अपनी नाकेबंदी खत्म की जब स्थानीय प्रशासन ने दखल दिया. लेकिन नाकेबंदी खत्म करने से पहले उन्होंने डोमकल नगर पालिका (Domkal municipality) के अध्यक्ष से यह स्वीकार करवाया कि राशन डीलर्स ने गरीबी रेखा से नीचे (BPL)परिवारों की खाद्य आपूर्ति का कोटा नहीं बांटा था. हर राशन कार्ड धारक को एक महीने में पांच किलो चावल और पांच किलो आटा मिलना चाहिए.पिछले हफ्ते राज्य के खाद्यान्न और आपूर्ति मंत्री (State food and supplies minister) ज्योतिप्रियो मलिक ने अंग्रेजी अखबार हिंदुस्तान टाइम्स से बातचीत में कहा था, बंगाल में चावल की कोई कमी नहीं है. हमारे पास स्टॉक में 9.45 लाख मीट्रिक टन चावल है इसके अलावा करीब 4 लाख मीट्रिक टन चावल मिलों में रखा हुआ है. हमारे पास लोगों को अगस्त तक खिलाने के लिए पर्याप्त चावल है. हमारी सरकार फूड कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया (Food Corporation of India) से चावल नहीं लेती है. हम इसे सीधे किसानों से खरीदते हैं.

राशन डीलर्स पर दुकान न खोलने और लोगों को पूरा कोटा न देने के चलते लिया गया था एक्शन
बंगाल के खाद्यान्न और आपूर्ति मंत्री ज्योतिप्रियो मलिक ने यह भी कहा था, “प्रशासन ने कुछ राशन डीलर्स (Ration Dealers) पर दुकान न खोलने और लोगों को उनका पूरा कोटा ने देने के चलते एक्शन भी लिए हैं.”

बुधवार को महादेब दास, जो कि डोमकल नगर पालिका (Domkal municipality) के वार्ड नं 10 के एक निवासी हैं, उन्होंने बताया, “दुलाल साहा, हमारे इलाके के राशन डीलर ने, कुछ परिवारों में से प्रत्येक को पिछले दो हफ्तों में एक किलो चावल दिया है. यह 4-5 लोगों के परिवार को खिलाने के लिए काफी नहीं है.”

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First published: April 15, 2020, 7:44 PM IST



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