भारत के P-8I एयरक्राफ्ट के लिए हारपून मिसाइल, टॉरपीडो की बिक्री को अमेरिका ने दी अनुमति । US allows sale of torpedo Harpoon missile for India s P-8I aircraft | america – News in Hindi


जिन हारपून मिसाइलों और टारपीडो के लिए अमेरिका के विदेश विभाग ने अनुमति दी है, उसे भारतीय वायुसेना के P-81 एयरक्राफ्ट में लगाया जाएगा (सांकेतिक तस्वीर)
हिंद-प्रशांत इलाके (Indo-Pacific region) और हिंद महासागर में चीन (China) के मिलिट्री ताकत के प्रदर्शन के बीच पेंटागन ने बताया है कि अमेरिकी विदेश विभाग (US State Department) ने भारत सरकार के अनुरोध पर इन दो सैन्य हथियारों की बिक्री को मंजूरी दे दी है.
10-AGM-84L हारपून ब्लैक II (Harpoon Block II) एयर लॉन्च्ड मिसाइलें, जिनकी रेंज करीब 124 किमी है, का खर्च करीब 700 करोड़ आएगा. वहीं 16 MK 54 ऑल राउंड लाइटवेट टॉरपीडो (MK 54 All Up Round Lightweight Torpedoes) और 3 MK 54 एक्सरसाइज टॉरपीडो का खर्च 480 करोड़ रुपये आएगा. अमेरिकी कांग्रेस (Congress) को भेजे गए दो अलग-अलग नोटिफिकेशन में डिफेंस सिक्योरिटी कॉर्पोरेशन एजेंसी ने यह जानकारी दी.
पेंटागन ने कहा, ‘भारत की बढ़ी क्षमता से स्थानीय खतरों को हटाने में मिलेगी मदद’
पेंटागन के मुताबिक, हारपून मिसाइल सिस्टम को P-8I एयरक्राफ्ट से जोड़ा जाएगा जो महत्वपूर्ण समुद्री मार्गों में युद्ध में काम आएगी, जो संयुक्त राज्य अमेरिका (United States of America) और अन्य संबद्ध बलों के साथ अंतर को बढ़ाएगी.पेंटागन (Pentagon) ने कहा, “भारत अपनी बढ़ी हुई क्षमता का इस्तेमाल स्थानीय खतरों को हटाने और अपने देश की सुरक्षा के लिए इस्तेमाल करेगा. भारत को इन हथियारों को अपनी सेना में शामिल करने में कोई परेशानी नहीं होगी.”
तटीय रक्षा में तैनात की जाएगी करीब 500 पाउंड की भेदन क्षमता वाली यह मिसाइल
कहा गया है, यह प्रस्तावित बिक्री, शत्रुओं के हथियार के सिस्टम के भारत पर हालिया और भावी खतरों के प्रति क्षमता (Capability) को बढ़ाएगी.
हारपून मिसाइल को बोइंग कंपनी ने बनाया है. यह भारतीय वायुसेना (Indian Airforce) के P-8I एयरक्राफ्ट में लगाई जाएगी, जो बोइंग के P-8s का भारतीय वर्जन है. इसमें लगाई जाने वाली 3.84 मीटर लंबी मिसाइल में 500 पाउंड की भेदन क्षमता है. साथ ही इसके वारहेड पर भारी विस्फोटक हैं. इसकी तैनाती तटीय रक्षा में की जाएगी.
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First published: April 14, 2020, 6:50 PM IST