छत्तीसगढ़

चाय पीकर ताजगी महसूस कर रहे गरीब और जरुरतमन्द लोग

चाय पीकर ताजगी महसूस कर रहे गरीब और जरुरतमन्द लोग
देवेन्द्र गोरले  सबका संदेस न्यूज़ छत्तीसगढ़-

राजनांदगांव- चाय की बात आते ही इसका सेवन करने वालो के चेहरे पर रौनक आ जाती है क्योंकि चाय दैनिक दिनचर्या का हिस्सा है चाय के बिना व्यक्ति को सुस्ती व अटपटा सा लगता है। जब तक व्यक्ति चाय ना पिये उन्हें अपनी दिनचर्या में खालीपन सा लगता है वैसे भी आजकल चाय,पानी किसी भी घर में आने वाले अतिथि के लिए सम्मान व मेहमान नवाजी का एक अंग बन गया है और यह एक तरह से समाजिक सम्मान का प्रतीक भी

 

बनता जा रहा है। खैर अब लोग लाकडाऊन के चलते किसी पड़ोसी या रिश्तेदार के घर तो जा नहीं पा रहे हैं इसलिए सभी अपने ही घर मे चाय पीकर प्रधानमंत्री व मुख्यमंत्री के आदेश का पालन कर रहे है और इस वायरस से जंग लडने मे मदद कर रहे है ।
लाकडॉउन् के दौरान परेशानी उन बेचारे गरीब जरुरतमन्दो व खानाबदोश लोगों की है जिन्हे चाय की तलब भी लगती है तो वह किसी से कह नहीं सकते बस मन मे किसी के द्वारा चाय मिलने की आस रखते है। ऐसे लोगो की आस को पूरा करने का बीड़ा शहर के दो सगे भाइयों ने उठाया है टी टाइम के संचालक लगभग दस दिन से यह कार्य कर रहे है।शाम पौने पांच बजते ही यह दोनो भाई एक दुपहिया वाहन मे दस लीटर चाय का केन लेकर निकलते है और शहर के विभिन्न चौको पर तैनात पुलिसकर्मी सहित सेवा मे लगे चालको व थानो के साथ ऐसे बेधरबार जरुरतमन्दो को सम्मान के साथ चाय, टोस्ट व अन्य सूखा सामान देकर उनकी आस पूरी कर रहे हैं। पुलिस के जवान व ऐसे जरुरतमन्द गरीब लोग भी उनके आने का इँतजार बड़ी बेसब्री से करते है। उनका इंतजार करने वालो मे नरेन्द्र राय, बैसाखु यादव, निजाम पटेल, बंशी यादव, सीता बाई, मनटोरा सहित अन्य है यह सब कहते है कि हमे सुबह से चाय नही मिल रही है।ऐसे मे शाम को यह चाय मिलती है तो हमे बहुत अच्छा लगता है। दोनो भाइयो का मानना है कि इतनी बडी आपदा व लाकडाउन मे लोग बडी बडी मदद कर रहे है तो हम छोटी ही मदद करके देश सेवा सकते है।

 

 

 

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