आज रात 9 बजे 9 मिनट तक दिये जलाने का ये है दुनिया से कनेक्शन – coronavirus lockdown and power of 9 global connection of 9 pm 9 minut
2020-04-05 17:57:32
गुवाहाटी
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के आज रात 9 बजे, 9 मिनट प्रकाश के आह्वान किया है जिसका सीधा सा ग्लोबल कनेक्शन है। इस कनेक्शन को एक महिला आईएएस ने ढूंढा है जो क्वालिफाइड गोल्ड मैडलिस्ट डॉक्टर (MBBS) भी हैं। डॉ मृणालिनी दरसवाल फिलहाल अमेरिका में मौजूद हैं। उन्होंने इस बात का दुनिया से कनेक्शन खोज निकाला है।
भारत में खाद्य और दवा नियंत्रण से बड़े आधिकारिक पद पर जुड़ी रहीं डॉ मृणालिनी ऑस्टिन स्थित यूनिवर्सिटी ऑफ टेक्सास से अर्थशास्त्र स्कॉलर और मैक्कॉम्ब स्कूल ऑफ बिजनेस से डेटा एनेलेटिक्स सर्टिफिकेट होल्डर हैं।
अभी हमने सादे तरीके से दुर्गा नवरात्र के नौ दिन मनाए हैं। दुर्गा जो राक्षसों का संहार करने वाली और प्रकाश की वाहक हैं। प्रधानमंत्री ने रामनवमी के दिन लोगों से रविवार को रात 9 बजे, 9 मिनट के लिए घर के दरवाजों पर आकर प्रकाश करने की अपील की थी। पीएम ने जिन दिन ये अपील की, वो लॉकडाउन का भी 9वां दिन था। पूरे विश्व के लिए 9 अंक आशा का प्रतीक जो ये निश्चितता की ओर ले जाता है, इस पर डॉ मृणालिनी ने 9 बिंदुओं के जरिए व्याख्या की है जो इस प्रकार है—
1. प्रकाश
हालांकि बर्ताव में बदलाव थोपा नहीं जा सकता लेकिन प्रधानमंत्री इस तरह की अपील के जरिए सामूहिक बदलाव लाना चाहते हैं। भारतीयों के लिए 3 हफ्ते तक सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करना किसी कमाल से कम नहीं है। इस तरह की गतिविधि हमें हमारा मकसद याद दिलाती है। साथ ही प्रेरित करती है कि हम में से हर एक को अपने हिस्से की जिम्मेदारी निभानी है और घरों के अंदर रहना है।
2. नकारात्मकता का दहन
भावनाओं के विश्लेषण से पता चलता है कि इस तरह के लॉकडाउन की अवधि में लोगों की सकारात्मकता में कमी आती है। इस तरह की गतिविधि लोगों को जोड़े रखने और आगे की तरफ देखने का काम करती है। यानि नकारात्मकता के दहन में मदद देती है।
3. हाथों में मशाल-
कुछ राज्यों में एक टेलीफोन सर्वे से सामने आया है कि लोग कोरोना वायरस से लड़ाई को लेकर कैसे सरकार के फैसले के साथ मजबूती से डटे हुए हैं। ये अनिश्चितता का दौर है। इसमें ऐसे लीडर का होना बहुत अहम है, जिस पर लोग विश्वास करें और उसके दिए निर्देशों का पालन करें। इससे लोगों में भरोसा जगता है कि वो महामारी की चुनौती से पार पा सकते हैं।
4. अग्नि से हमला
संसाधनों को एकत्र करने के लिए वक्त जुटाना- हम वायरस से वास्तव में जंग लड़ रहे हैं और हमें इससे हर हाल में जीतना है। इसके लिए Sun Tzu की लिखी किताब ‘द आर्ट ऑफ वॉर’ की कुछ रणनीतियों को देखा जाए। लेखक के अनुसार मास्टर रणनीतिकार का सबसे बड़ा कौशल है कि वो बिना लड़ाई के ही जीत हासिल कर ले। लड़ाई लड़ने का सबसे सुजान (स्मार्ट) तरीका यही था कि देशवासियों को घरों पर रहने के लिए और वायरस से खुद को बचाकर रखने के लिए कहा जाए। Sun Tzu किताब के अध्याय 12 ‘आग के साथ हमला’ कहते हैं- “प्रबुद्ध शासक अपनी रणनीति पहले से बना लेता है। अच्छा जनरल अपने संसाधनों को अच्छी तरह विकसित करता है। अच्छा जनरल सतर्क होता है और हर तरह की सावधानी बरतता है।” ऐसे ही प्रधानमंत्री मोदी संकट की इस घड़ी में 130 करोड़ लोगों का नेतृत्व कर रहे हैं।
5. प्रकाश की अपील से टहोका
मनोवैज्ञानिक Kahneman और Tversky बहुत पहले लिख चुके हैं, “लोगों को समान मूल्य की वस्तु को देने में ज्यादा कष्ट होता है, बजाय जितनी उसे पाने में खुशी होती है। हमारे फैसले हमेशा तर्कशीलता से नहीं बंधे होते। वो समस्या के संदर्भ और स्वरूप पर निर्भर होते हैं। महामारी की चुनौती के वक्त अधिकतर लोग अपने घरों के दरवाजों के अंदर हैं और सोशल डिस्टेंसिंग का पालन कर रहे हैं। ये सामाजिक बर्ताव के सबसे मुश्किल विकल्पों में से है। प्रधानमंत्री क्या करने की कोशिश कर रहे हैं। वो सामाजिक बर्ताव की इस हिचक को दूर रखने के लिए प्रकाश की अपील के जरिए भारतीय नागरिकों को टहोका मार कर आगे बढ़ा रहे हैं.
6. जोखिम संवाद और समुदाय से संलग्नता
विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने दुनिया के तमाम नेताओं से प्रभावित आबादियों से संवाद स्थापित रखने की सलाह दी है. ये सुनिश्चित करने को कि संवाद लगातार और पारदर्शी है। लोगों की आशंकाएं और बेचैनी दूर करने के लिए ये जरूरी है। उम्मीद और सफलता का इससे बेहतर संदेश क्या हो सकता है जो प्रकाश से घिरा हो।
7. आस्थाओं को जगाना
भारत आस्थावानों का देश है। हर धर्म अंधकार से प्रकाश की ओर ले जाने की बात करता है। प्रकाश के इस्तेमाल का संदेश भारतीयों की सोच को आशा का पवित्र संदेश देने के साथ-साथ रणनीतिक भी है।
8. आग का गोला
‘पैसेफिक रिंग ऑफ फायर’ की तरह भारतीय समाज की गतिशीलता मजबूत है। ये शांति के काल में भी अपनी चाल से चलती रहती है। देश को एकजुट करने से बड़ी चुनौती और कोई नहीं होती। प्रकाश हर जगह है, बोध और बुद्धिमत्ता का बुनियादी प्रतीक है। अच्छाई का स्रोत है और अंधकार को खत्म करने वाला है। पैगम्बर और देवता नूर (दिव्य प्रकाश) फैलाते हैं।
ब्रह्मांडीय ऊर्जा, सृजन शक्ति और आशावाद सभी प्रकाश से जुड़े होते हैं। हर धार्मिक मौके पर प्रकाश की हमारे देश में परंपरा रही है। ऐसे में पीएम की अपील वो मास्टरस्ट्रोक है जो सभी को तसल्ली देती है। साथ ही हर भारतीय, हर धर्म के लोग महसूस कर सकें कि कि मानवता का धर्म सबसे महान है।
9. दुनिया के लिए लाइट हाउस
आलोकित भारत रात को 9 बजे पूरी दुनिया के लिए अच्छे दिनों की आशा का आलोक फैलाएगा। वो दुनिया जो इस वक्त उसे पेश आने वाली सबसे बड़ी चुनौती का सामना कर रही है। भारत युगों से आध्यात्मिक पहचान के लिए जाना जाता रहा है। भारत ने हमेशा मानवता और सबके कल्याण का संदेश दिया है। भारत के करुणा, शांति और विश्व कुटुंब की एकता के मूल्य कभी इतने प्रासंगिक नहीं रहे जितने कि आज दुनिया के लिए हैं। डॉ मृणालिनी का कहना है कि प्रधानमंत्री का ये कदम वायरस से सामूहिक लड़ाई का प्रतीक होने के साथ घरों में रह कर जीवन को प्रकाशित करने का भी है।