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दो परिवारों को रौशन करती है बालिकाऐं, उन्हें सशक्त करने से समाज की प्रगति संभव – विधायक

कोण्डागांव । ‘‘एक शिक्षित स्वस्थ बालिका हर घर का गौरव होती है। बालक सिर्फ घर के चिराग होते है परन्तु बालिकाऐं दो-दो घरो को रौशन करती है। इस दृष्टिकोण से देखा जाए तो घर-परिवार एवं समाज को सभ्य, सुसंस्कृत बनाने में महिलाओं का योगदान पुरुषो के मुकाबले अधिक है। हमारी आबादी का आधा हिस्सा महिलाओं का है। उन्हें सशक्त किए बिना किसी भी समाज की प्रगति की कल्पना नहीं की जा सकती।‘‘

दिनांक 24 जनवरी को क्षेत्र के विधायक मोहन मरकाम द्वारा महिला बाल विकास विभाग के तत्वाधान में आयोजित राष्ट्रीय बालिका दिवस के कार्यक्रम में उक्त विचार प्रगट किए गए। इस मौके पर अध्यक्ष जिला पंचायत देवचंद मातलाम, सदस्य जिला पंचायत परनिया पटेल, जिला कार्यक्रम अधिकारी वरुण नागेश, नोडल सुपोषण केन्द्र इमरान खान, सीएमएचओ डाॅ. एस.के.कनवर, डाॅ.एस.पी.वारे सहित अन्य अधिकारी एवं बड़ी संख्या में महिलाऐं उपस्थित थे।  

इस दौरान विधायक ने आगे कहा कि यह सुखद स्थिति है कि कोण्डागांव जिले में लिंगानुपात राज्य के अन्य जिलों के मुकाबले सर्वाधिक है। इस नजरिए में समझने योग्य बात यह है कि जनजाति समुदाय में महिलाओं को सदियों से उच्च दर्जा दिया गया है। समुदाय में बेटियो का होना गौरव का विषय माना जाता है और बालिकाओ ने जीवन के हर क्षेत्र में इस तथ्य को साबित भी किया है। फिर चाहे वह प्रशासनिक, चिकित्सा, सुरक्षा, खेलकूद जैसे क्षेत्र हो, हर क्षेत्र में महिलाओं ने सफलता के शिखर को छुआ है।

जिले में कुपोषण के विषय पर उन्होंने कहा यह अच्छा संकेत है कि कोण्डागांव में कुपोषण की दर घटी है, पहले यह 41 से 42 प्रतिशत था और वर्तमान में यह 30 से 32 है। इस सराहनीय कार्य के लिए आंगनबाड़ी कार्यकर्ता, मितानिने बधाई के पात्र है। जिनके अथक प्रयासो से जिले में कुपोषण के कलंक को मिटाने में मदद मिली। इस प्रकार जिला प्रशासन द्वारा भी निरंतर सराहनीय प्रयास किए जा रहे है जिसका सकारात्मक प्रभाव दिख रहा है। विधायक ने महिलाओं से आग्रह किया कि वे शासन की समस्त कल्याणकारी योजनाओं में अपनी भागीदारी बढ़ाये क्योंकि आर्थिक एवं सामाजिक रुप से सशक्त होना वर्तमान युग की नई चुनौती है। अपने उद्बोधन के समापन में उन्होंने देश के विभिन्न क्षेत्रों में सफल महिलाओं से संबंधित प्रश्न भी पूछे और बालिकाओं को सही उत्तर देने पर पुरस्कृत भी किया। 

जिला कलेक्टर नीलकंठ टीकाम ने इस मौके पर कहा कि बस्तर अंचल में महिला शक्ति को आदिकाल से पूज्यनीय माना गया है। शुभ अवसरो पर यहां की आराध्य देवी माँ दंतेश्वरी की वंदना यहां की परम्परा रही है। यहां के घर-घर में महिलाओं एवं बेटियों द्वारा अतिथियों का जल देकर स्वागत करना, उनके प्रति सम्मान के प्रतीक रहे है। प्रकृति ने महिलाओं को पुरुषों के मुकाबले मानसिक रुप से अधिक सक्षम बनाया है, इसका प्रमाण यह है कि आज जीवन के हर क्षेत्र में महिलाओं का योगदान पुरुषों के समकक्ष है। अतः हर माता-पिता अपनी बेटियो को हर क्षेत्र के लिए प्रोत्साहित करे ताकि बालिकाऐं अपने सपने साकार कर सके। कुपोषण की चर्चा करते हुए उन्होंने कहा कि विगत एक वर्ष से पुराने जिला अस्पताल में सुपोषण केन्द्र को प्रारंभ किया गया था और इसके उत्साहजनक परिणाम मिले है। इस केन्द्र के माध्यम से अब तक 13 सौ बच्चों को सुपोषित किया गया है। इसके अलावा उनकी माताओं को बच्चों की देखभाल से संबंधित सलाह, समझाईश, अक्षर ज्ञान एवं विभिन्न प्रकार के रोजगारपरक प्रशिक्षण भी दिए गए। उन्होंने कुपोषण को परिवार की उन्नति में बाधक बताते हुए कहा कि अकसर ग्रामीण अपने बच्चों का विवाह धूमधाम से करते है, परन्तु नई बहु के आने के पश्चात उसके खान-पान और स्वास्थ्य के प्रति उदासीन रहते है, परिणाम स्वरुप शारीरिक दृष्टि से कमजोर माँ द्वारा जिस बच्चे को जन्म दिया जाता है वह शुरुवात से ही कुपोषित होता है। अतः हर परिवार द्वारा अगर अपनी बेटी एवं बहुओं पर विशेष ध्यान देवे तो कुपोषण के कलंक को प्रारंभ से ही मिटाया जा सकता है। आंगनबाड़ियों में कम उपस्थिति को गंभीर बताते हुए उन्होंने कहा कि यह विडंबना है कि जिले में ढाई हजार से अधिक आंगनबाड़ी केन्द्र है परन्तु उनमें उपस्थिति 50 प्रतिशत से ज्यादा नहीं रहती। जबकि कुपोषण को दूर करने में आंगनबाड़ी केन्द्र सबसे अच्छा माध्यम है। अतः हर पालक अपने बच्चों को आंगनबाड़ी केन्द्र नियमित रुप से भेजे। 

कार्यक्रम की प्रमुख विशेषता यह रही कि उक्त सुपोषण केन्द्र में अपने बच्चों को उपचार हेतु लाई माताओं द्वारा लोक नृत्य प्रस्तुत करके सुपोषण के महत्व को बताया गया। कार्यक्रम के समापन पर जिले में विभिन्न प्रकार के खेलो में उत्कृष्ट प्रदर्शन करने वाली बालिकाओं को पुरस्कृत करने के साथ-साथ जिले में पदस्थ महिला अधिकारियों एवं कर्मचारियों को भी सम्मानित किया गया। इनमें बेनिका बघेल,रमिता सोरी, नेहा मरकाम (तीरंदाजी), कौशल्या नेताम, रीता कोर्राम (जुडो), भवानी वैद्य (क्रिकेट), आस्था राजपूत (डिप्टी कलेक्टर), सोनल नेताम (जिला आबकारी अधिकारी), ऋतु हेमनानी (तहसीलदार),परनिया पटेल (जनप्रतिनिधि), मधु तिवारी (शिक्षिका), डाॅ.ममता ध्रुवे(चिकित्सक) आदि शामिल थे। 

कार्यक्रम में महिलाओं से संबंधित निबंध, रंगोली और भाषण प्रतियोगिताऐं भी आयोजित थी। इसके अलावा महिला स्व-सहायता समूह द्वारा निर्मित चूड़ी डिजाईनिंग स्टाॅल, दोना-पत्तल निर्माण के स्टाॅल भी आकर्षण के केन्द्र थें। कार्यक्रम के दौरान स्वास्थ्य विभाग द्वारा महिलाओं एवं किशोरियों को निःशुल्क औषधियाँ भी वितरित की गई।

सबका संदेस ब्यूरो, कोंडागांव 9425598008

राजीव गुप्ता

Rajeev kumar Gupta District beuro had Dist- Kondagaon Mobile.. 9425598008

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