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रबी फसलों के लिए शिवनाथ से पानी छोडऩे की मांग पर अधिकारी पसोपेश में

पानी छोडऩे पर आने वाले दिनों में हो सकता है पेयजल के लिए संकट

दुर्ग। रबी फसलों के लिए शिवनाथ नदी से पानी छोड़े जाने की मांग तेका हो रही है, पर सिंचाई विभाग के अफसर इसे लेकर पसोपेश में है। दरअसल, शिवनाथ नदी में तांदुला जलाशय से पानी आता है और इस जलाशय में वर्तमान में महज 43 फीसदी पानी ही शेष बचा है। यदि रबी फसलों के लिए यहां से पानी दिया जाता है तो ट्विनसिटी में आने वाले दिनों में पेयजल संकट बढ़ जाएगा। ठंड विदाई की बेला में है और जल्द ही गर्मी प्रारम्भ होने वाली है। सिंचाई विभाग के अफसर चिंतित है कि शासन ने यदि आदेश जारी कर दिया तो ट्विनसिटी के लिए भीषण गर्मी में पानी कहां से आएगा?

दुर्ग व भिलाई शहरों में जलापूर्ति शिवनाथ नदी के माध्यम से ही होती है। इस नदी में पानी तांदुला जलाशय से आता है। बताया जाता है कि तांदुला का जलस्तर लगातार घट रहा है। सिंचाई विभाग के अफसरों की माने तो तीन जिले के लिए महत्वपूर्ण तांदुला जलाशय में 43 प्रतिशत पानी बचा है। गोंदली जलाशय में 61 प्रतिशत पानी बचा है। 28 अगस्त से 10 सितंबर तक तांदुला में 100 प्रतिशत यानि 3 अरब 2 करोड़ 21 लाख लीटर पानी था। लेकिन चार माह में ही स्थिति बदल गई और अब 43 प्रतिशत पानी बचा है। लिहाजा सिंचाई विभाग तय नहीं कर पा रहा है कि रबी फसल के लिए पानी छोड़ें या नहीं? दरअसल, सिंचाई विभाग के समक्ष यह दिक्कत है कि यदि शासन के निर्णय पर वह पानी छोड़ भी दे तो यह तय नहीं है कि कितना पानी छोड़ा जाए। इसके अलावा विभागीय अफसर यह पूरी तरह से आश्वस्त हैं कि यदि वर्तमान में पानी छोड़ा जाता है तो गर्मी में जलसंकट अवश्यंभावी है। यही वजह है कि वे पानी देने के पक्ष में नहीं है।

दूसरी ओर स्थानीय जनप्रतिनिधि और शासन की मंशा है कि किसानों की फसलों के लिए पानी छोड़ा जाए। अफसरों के मुताबिक, हालांकि अभी तक इस बारे में कोई ठोस निर्णय लिया नहीं जा सका है। उल्लेखनीय है कि पिछले कुछ दिनों से लगातार किसान रबी फसलों के लिए पानी की मांग कर रहे हैं। सिंचाई विभाग के अफसरों के मुताबिक, उन्हें शासन-प्रशासन की ओर से इस बाबत कोई आदेश नहीं मिला है। पानी देने या न देने का फैसला ऊपर से ही होगा, इसलिए ये अफसर खुद होकर कुछ कहने से बच रहे हैं।

इधर, शिवनाथ नदी के पानी पर कुम्हारी व आसपास के क्षेत्रों की भी नजरें लगी हुई है। क्षेत्र के 50 से ज्यादा गांव वाले शिवनाथ नदी का पानी कुम्हारी जलाशय में लाना चाह रहे हैं। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने हाल ही में शिवनाथ नदी के सोमनाथ घाट से कुम्हारी जलाशय में पानी लेने की संभावनाएं तलाशने को कहा था। स्थानीय लोग लम्बे समय से गंगरेल बांध का पानी कुम्हारी जलाशय में लाने की मांग करते रहे हैं। किसानों के मुताबिक, सोमनाथ घाट से पाइप लाइन के जरिए विभिन्न जलाशयों तक पानी लाया जा सकता है। यदि ऐसा होता है तो किसानों और उनके खेतों को नई ऊर्जा मिलेगा। वर्तमान में यहां के किसान बमुश्किल ही एक फसल लेपाते हैं। यदि यहां पानी की व्यवस्था हो जाए तो वे दो फसल ले पाएंगे।

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