बेटे के अंतिम संस्कार में नहीं आ सका फौजी पिता; वीडियो कॉलिंग पर कहा- लव यू बेटा, माफ करना! मैं तुमसे मिल नहीं पाया

दंतेवाड़ा सबका संदेस न्यूज़ छत्तीसगढ़-. देश के बॉर्डर पर फौजी पिता, मीलों दूर परिवार। कोरोना और लॉकडाउन ने एक पिता को इतना बेबस कर दिया कि वे अपने मासूम बेटे की अंतिम यात्रा में भी शामिल नहीं हो पाए। वीडियो कॉलिंग पर अंतिम बार बेटे को देखा। देखते ही बिलख पड़े और कहा लव यू बेटा, मुझे माफ़ करना। मैं तुमसे मिलने नहीं आ सका। यह देख यहां मौजूद हर किसी की आंखों में आंसू छलक पड़े।
दंतेवाड़ा के घोटपाल गांव के रहने वाले राजकुमार नेताम एसएसबी में हवलदार हैं। वे इन दिनों नेपाल बॉर्डर पर ड्यूटी कर रहे हैं। उनके सालभर का बेटा आदित्य पिछले कुछ महीने से ट्यूमर की समस्या से जूझ रहा था। इलाज चल रहा था। जनवरी में बेटे के इलाज के लिए राजकुमार गांव आए थे। बच्चे को लेकर हैदराबाद गए थे। राजकुमार के भाई उमेश ने बताया कि आदित्य ठीक हो गया था। लेकिन बुधवार को अचानक तबियत बिगड़ी। अस्पताल लेकर गए। जहां गुरुवार को उसने दम तोड़ दिया। आदित्य की दो बड़ी बहने हैं। पिता राजकुमार 14 साल से सेना में है। उन्होंने बताया कि जब पिता को बेटे की तबियत खराब होने क पता चला तो उन्होंने आने की कोशिश की। लेकिन, लॉकडाउन के चलते वह नहीं आ सके। दूसरे दिन बेटे की मौत की खबर मिल गई।
आखिरी बार बेटे को देख तक नहीं सका’
उन्होंने कहा- आखिरी बार बेटे को नहीं देख पाया। बच्चे की मौत खबर सुनकर मैंने अधिकारियों को जानकारी दी थी। सभी ने साथ दिया, सभी ने कोशिश भी की कि मैं किसी तरह बेटे की अंतिम यात्रा में शामिल होने पहुंच जाऊं, लेकिन लॉकडाउन के कारण यह संभव नहीं हो सका। ऐसे में मैं बेटे को अंतिम बार नहीं देख सका। जीवन भर मुझे इस बात का मलाल रहेगा। जैसे ही हालात सामान्य होंगे मैं परिवार के पास आऊंगा। लेकिन दुख इस बात का है इस बार बेटा मेरे साथ नहीं होगा। जहां मेरी ड्यूटी है वहां मोबाइल नेटवर्क भी बड़ी मुश्किल से मिल पाता है। खराब नेटवर्क के बीच ही वीडियो कॉलिंग पर बेटे की अंतिम यात्रा के दर्शन किए।
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