बीएसपी ने किया रोज 2400 प्लस रेल उत्पादन लक्ष्य को साधने की कवायद हुई तेज

भारतीय रेल को 10 लाख टन प्राइम रेल की आपूर्ति सुनिश्चित करने ु रेलमिल बिरादरी ने कसी कमर
भिलाई। भिलाई इस्पात संयंत्र के क्वालिटी रेलपातों पर पूरा देश सुरक्षित सफर करता है । भिलाई निर्मित पटरियों ने पूरे विश्व में अपनी अलग पहचान बनाई है। विदित हो कि विश्व की सर्वाधिक लंबी व उत्कृष्ट रेल बनाने का श्रेय भिलाई इस्पात संयंत्र को जाता है। आज संयंत्र के समक्ष भारतीय रेल के बढ़ती मांगों को इस समय पर पूरा करना एक चुनौती बनती जा रही है। इसी का सामना करने के लिए रेल बिरादरी ने कमर कस ली है। इस वित्त वर्ष में 10लाख टन रेल्स के आपूर्ति के लक्ष्य को साधने के लिए संयंत्र बिरादरी ने अपनी कवायद तेज कर दी है। इसी के तहत रेल उत्पादन को बढ़ाने हेतु रेल मिल में एक महती कार्यशाला की शुरुआत की गई जिसे नाम दिया गया श्मिशन यूटीएस-90 रेल्स उत्पादन-2400 टन प्लस प्रतिदिन।
भिलाई इस्पात संयंत्र के रेल एवं स्ट्रक्चरल मिल के सभागार में शुक्रवार को अपरान्ह इस कार्यशाला का आयोजन किया गया। इस कार्यशाला में विभाग के लगभग 60 अधिकारियों एवं कर्मचारियों ने भाग लिया। इस कार्यक्रम के उद्घाटन समारोह में भिलाई इस्पात संयंत्र के कार्यपालक निदेशक संकार्य पी के दास, कार्यपालक निदेशक कार्मिक एवं प्रशासन के के सिंह, महाप्रबंधक प्रभारी मिल्स बी साह, सलाहकार-सेल एस एस वर्मा, महाप्रबंधक रेल एवं स्ट्रक्चरल मिल जी सेनगुप्ता एवं उप महाप्रबंधक प्रभारी कार्मिक -संकार्य डी पी सतपथी ने अपनी गरिमामयी उपस्थिति दर्ज की तथा रेल मिल के कर्मठ कार्मिकों को उक्त लक्ष्य प्राप्त करने हेतु प्रोत्साहित किया। इस कार्यशाला में रेल मिल के सभी कार्मिकों को रेल उत्पादन लक्ष्य में सहभागिता के लिये आने वाले कार्यशाला में बढ़चढ़ कर भाग लेने का आव्हान किया तथा वित्तीय वर्ष 2018-19 में हमारे प्रमुख ग्राहक भारतीय रेल को 10 लाख टन प्राइम रेल प्रेषित करने के लक्ष्य को हासिल करने लिये प्रोत्साहित किया गया।
इस अवसर पर कार्यपालक निदेशक (संकार्य) पी के दास ने उक्त उत्पादन लक्ष्य को प्राप्ति हेतु अपना मार्गदर्शन देते हुये रेल मिल को जो भी तकनीकी एवं अन्य सुविधाओं की आवश्यकता होगी उन्हे पूर्ण करने का आश्वासन देते हुये कार्मिकों को प्रोत्साहित किया। इस कार्यशाला में कार्यपालक निदेशक कार्मिक एवं प्रशासन के के सिंह ने अपना अनुभव बताते हुये कहा कि इसके पूर्व भी हमने अनेको लक्ष्य सफलतापूर्वक प्राप्त कर रेल उत्पादन रिकार्ड बनाया है। अभी ष्मिशन यूटीएस-90 रेल्स उत्पादन-2400 टन प्लस प्रतिदिनष् के तहत 10 लाख प्राइम रेल बनाना मिल कार्मिकों के लिये कोई बड़ी बात नहीं है। मुझे आशा है आप कर्मठ रेल कर्मी इस लक्ष्य को भी सफलतापूर्वक प्राप्त कर लेगें।
इसके उपरांन्त सलाहकार-सेल एस एस वर्मा, ने लोगों का हौसला बढ़ाते कहा कि जिस तरह पूर्व में रेल मिल बिरादरी ने बड़ी बड़ी चुनौतियों का सामना किया है उसी तरह इस चुनौती को भी पार कर लेंगे। इस से पूर्व भी रेल मिल में प्रत्येक कर्मचारी की भागीदारी को बढाने के लिये मानव संसाधन विकास के अंतर्गत कई कार्यक्रम किये गये है। इस कार्यशाला में रेल मिल के उप महाप्रबंधक दीनामणी नायक, ने लक्ष्य प्राप्ति हेतु तकनीकी एवं अन्य बाधाओं को पार करते हुए कैसे उत्पादन लक्ष्य प्राप्त करना है इस संदर्भ में विस्तृत चर्चा की। जिसके आधार पर कार्मिकों ने सामूहिक चर्चा कर लक्ष्य प्राप्ति में आने वाली बाधाओं को दूर करने के उपाय एवं सुझाव प्रस्तुत किए। इसके माध्यम से पूरे रेल बिरादरी को लक्ष्य प्राप्ति हेतु प्रोत्साहित किया गया। कार्यशाला में आये प्रतिभागियों ने उत्पादन बढाने हेतु अनेकोँ सुझाव दिए। उनके उत्कृष्ट सुझावों को क्रियान्वित करने हेतु तत्काल टीम का निर्माण कर जिम्मेदारियां सौंपी गयी।
महाप्रबंधक (रेल एवं स्ट्रक्चरल मिल) जी सेनगुप्ता ने कर्मियों को 10 लाख टन के लक्ष्य को पाने के लिये प्रोत्साहित करते हुये रेल मिल बिरादरी की ओर से सेल प्रबंधन को यह भरोसा दिलाया कि इस वित्त वर्ष 2018-19 में हम अपने प्रतिदिन उत्पादन लक्ष्य 2400 टन को प्राप्त करते हुये भारतीय रेल को 10 लाख टन प्राइम रेल प्रेषित करेंगे।
इस कार्यक्रम का संचालन सुश्री अंजलि पटेल कनिष्ट प्रबंधक (कार्मिक- यु आर एम) ने किया द्य कार्यक्रम का समन्वय उप महाप्रबंधक (कार्मिक- मिल्स) श्री कृष्ण साह एवं श्री कालू राम मेंहरा प्रबंधक (कार्मिक- मिल्स जोन-2) ने किया।