छत्तीसगढ़

दक्षिण पूर्व मध्य रेलवे में पहली बार एसपीएन रोलर प्रोसेस से क्रॉसओवर सुधार कार्य संपन्न

दक्षिण पूर्व मध्य रेलवे में पहली बार एसपीएन रोलर प्रोसेस से क्रॉसओवर सुधार कार्य संपन्न

  • पहली बार दक्षिण पूर्व मध्य रेलवे में एसपीएन रोलर प्रोसेस का उपयोग-ब्रजराजनगर यार्ड में क्रॉसओवर लेआउट सुधार कार्य दक्षिण पूर्व मध्य रेलवे में पहली बार उन्नत एसपीएन रोलर तकनीक से सम्पन्न किया गया।
  • कार्य की जरूरत क्यों पड़ी-104A और 104B लाइनों के मध्य क्रॉसओवर में विकसित अवांछित वक्रता (किंक) ट्रैक ज्योमेट्री को प्रभावित कर रही थी, जिसे सुधारना आवश्यक था।
  • क्या कार्य किया गया – एसपीएन रोलर प्रोसेस से पॉइंट नंबर 104B को 2.33 मीटर उसके निर्धारित स्थान की ओर सटीकता से स्थानांतरित किया गया।
  • पहले कैसे होता था (पारंपरिक प्रक्रिया)
    पारंपरिक रूप से ऐसे क्रॉसओवर सुधार कार्य T-28 मशीनों से किए जाते थे।

इसमें बीआरएन (मालगाड़ी/ वैगन) पर टर्नआउट की लोडिंग-अनलोडिंग करनी पड़ती थी।

इसके लिए अतिरिक्त लाइन ब्लॉक की आवश्यकता होती थी।

कार्य में अधिक समय लगता था और परिचालन प्रभावित होने का जोखिम भी अधिक रहता था।

एसपीएन रोलर प्रोसेस के लाभ

बिना अतिरिक्त लाइन ब्लॉक के कार्य पूरा हो जाता है।

तेजी और उच्च सटीकता से पूरा टर्नआउट अपने अंतिम स्थान तक स्थानांतरित किया जा सकता है।

कार्य अवधि कम होती है, जिससे ट्रेन संचालन पर न्यूनतम प्रभाव पड़ता है।

तकनीक सुरक्षित, विश्वसनीय और अधिक व्यवहारिक सिद्ध होती है।

भारी मशीनरी, वैगन लोडिंग-अनलोडिंग जैसी जटिलताएँ समाप्त हो जाती हैं।

दक्षिण पूर्व मध्य रेलवे के लिए उपलब्धि

यह तकनीक दक्षिण पूर्व मध्य रेलवे में पहली बार सफलतापूर्वक लागू की गई,

जो भविष्य में ट्रैक सुधार कार्यों के लिए एक उन्नत विकल्प के रूप में उभरी है।

इससे ब्रजराजनगर यार्ड में क्रॉसओवर की ज्योमेट्री पुनर्स्थापित हुई और परिचालन संरक्षा सुनिश्चित रही।

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