छत्तीसगढ़

बोड़ला विकासखंड में 31 अक्टूबर तक संचालित होगा सम्पूर्ण नेत्र सुरक्षा अभियान

बोड़ला विकासखंड में 31 अक्टूबर तक संचालित होगा सम्पूर्ण नेत्र सुरक्षा अभियान

कवर्धा, 29 अक्टूबर 2025। कबीरधाम जिले के बोड़ला विकासखंड में 24 से 31 अक्टूबर 2025 तक ‘सम्पूर्ण नेत्र सुरक्षा अभियान’ संचालित किया जा रहा है। यह अभियान राष्ट्रीय अंधत्व एवं अल्प दृष्टि नियंत्रण कार्यक्रम के अंतर्गत कलेक्टर श्री गोपाल वर्मा के निर्देशन, मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. डी.के. तुरे तथा जिला कार्यक्रम प्रबंधक श्रीमती अनुपमा तिवारी के नेतृत्व में आयोजित किया जा रहा है। इस अभियान के अंतर्गत नेत्र सहायक अधिकारी, सेक्टर सुपरवाइजर, आरएचओ, महिला एवं पुरुष सीएचओ तथा मितानिन समन्वयक, अकर्मचारी की ड्यूटी लगाई गई है, जो क्षेत्र में घर-घर जाकर नेत्र संबंधी रोगों का सर्वे कर रहे हैं।
मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. डी.के. तुरे ने बोड़ला विकासखंड के सभी नागरिकों से अपील की है कि वे अपने स्वास्थ्य के प्रति सजग रहें और इस सम्पूर्ण नेत्र सुरक्षा अभियान का अधिकतम लाभ उठाएं ताकि जिले में कोई भी व्यक्ति दृष्टि संबंधी समस्या से वंचित न रहे। कार्यक्रम का संचालन जिला नोडल अधिकारी डॉ. क्षमा चोपड़ा और खंड चिकित्सा अधिकारी डॉ. पुरूषोत्तम सिंह राजपूत के मार्गदर्शन में किया जा रहा है।
जिला नोडल अधिकारी डॉ. क्षमा चोपड़ा ने बताया कि सम्पूर्ण नेत्र सुरक्षा अभियान का उद्देश्य प्रत्येक व्यक्ति तक नेत्र सुरक्षा और उपचार की सुविधा पहुंचाना है। अभियान के दौरान घर-घर सर्वे कर नेत्र रोग से पीड़ित लोगों की जानकारी एकत्र की जा रही है और उनका डाटा तैयार किया जा रहा है। जिन व्यक्तियों को मोतियाबिंद की शिकायत पाई जाएगी, उन्हें उपचार हेतु जिला अस्पताल भेजा जाएगा। साथ ही, अन्य नेत्र रोगों से पीड़ित मरीजों को राज्य स्तर पर सूचीबद्ध कर आवश्यक इलाज उपलब्ध कराया जाएगा। उन्होंने बताया कि यह अभियान विशेष रूप से उन लोगों के लिए लाभकारी सिद्ध होगा जो किसी कारणवश अस्पताल तक नहीं पहुंच पाते। वर्तमान समय में लोग मोतियाबिंद, ग्लूकोमा, डायबिटिक रेटिनोपैथी, दृष्टिदोष, मायोपिया, लो विजन, कंजक्टिवाइटिस जैसे नेत्र रोगों से ग्रसित हैं, जिनकी समय पर पहचान और उपचार अत्यंत आवश्यक है।

उपचार के लिए मिलेगा समुचित मार्गदर्शन

अभियान के दौरान नेत्र परीक्षण के साथ-साथ रोगियों को उचित परामर्श और उपचार के लिए मार्गदर्शन दिया जाएगा। इसके लिए स्वास्थ्य विभाग की टीमें 24 से 31 अक्टूबर तक क्षेत्र में सक्रिय रहेंगी और फील्ड स्तर पर सर्वे, परीक्षण तथा जागरूकता गतिविधियाँ संचालित करेंगी।

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