छत्तीसगढ़

कलेक्टर ने तखतपुर के फिल्ड स्तर के अधिकारियों की ली बैठक

कलेक्टर ने तखतपुर के फिल्ड स्तर के अधिकारियों की ली बैठक

खेती-किसानी, खाद, एग्रीस्टेक पंजीयन, बीमा की समीक्षा

फसल बीमा कराने की तिथि 14 अगस्त तक बढ़ाई गई

छत्तीसगढ़ बिलासपुर भूपेंद्र साहू ब्यूरो रिपोर्ट,1 अगस्त 2025/कलेक्टर संजय अग्रवाल ने तखतपुर विकासखण्ड के सकरी स्थित वन चेतना केन्द्र में बैठक लेकर किसान कल्याण से जुड़ी योजनाओं की समीक्षा की। बैठक में विकासखण्ड के मैदानी स्तर के कर्मचारी जैसे-आरएईओ, पटवारी, सहकारी समितियों के प्रबंधक एवं आपरेटर शामिल हुए। उन्होंने अगले दस दिनों में एग्रीस्टेक पोर्टल में किसानों का बचा हुआ पंजीयन कार्य पूर्ण करने के निर्देश दिए। तखतपुर में फिलहाल 66 प्रतिशत किसानों का पंजीयन का कार्य पूर्ण हुआ है। कलेक्टर ने बताया कि प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के अंतर्गत बीमा कराने की तिथि 31 जुलाई से बढ़ाकर 14 अगस्त तक कर दी गई है। इस अवधि में ज्यादा से ज्यादा किसानों को बीमा करा लेने की अपील की है। उन्होंने कहा कि अत्यंत कम बीमा प्रीमियम पर हम बड़े स्तर पर नुकसान की मार झेल सकते हैं। उन्होंने ज्यादा आमदनी के लिए बाजार की मांग के अनुरूप फसल उत्पादन करने पर जोर दिया। इस अवसर पर उप संचालक कृषि पीडी हथेश्वर, एसडीएम शिवकुमार कंवर, खाद्य अधिकारी अमृत कुजूर भी उपस्थित थे। कलेक्टर ने एक-एक पंचायत में एग्रीस्टेक पंजीयन की समीक्षा की। उन्होंने कहा कि इस बार एग्रीस्टेक पोर्टल में पंजीकृत किसानों से ही धान खरीदी का कार्य किया जायेगा। इसलिए अभी समय है। जो किसान अभी तक नहीं कराये हैं, वे स्थानीय च्वाईस सेन्टर या लोक सेवा केन्द्र में करा लें। पंजीयन की प्रक्रिया अत्यंत आसान है। अपनी जमीन का रिकार्ड, आधार कार्ड एवं मोबाइल नम्बर के साथ पंजीयन कराया जा सकता है। कलेक्टर ने बीमा कराने की बढ़ी हुई तिथि की जानकारी देकर इस समय का लाभ उठाने की अपील किसानों से की है। उन्होंने फिल्ड के अधिकारियों को किसान कल्याण के कार्यों पर ज्यादा जोर देने के निर्देश दिए। किसानों की खुशहाली एवं समृद्धि से ही देश की प्रगति निहित है। उन्होंने कहा कि ज्यादातर किसान छोटी जोत वाले हैं। छोटे किसानों की अकेले धान की फसल से समृद्धि लाना मुश्किल हैं। इसलिए हमें फसल विविधिकरण पर जोर देना होगा। धान के कुछ रकबे को कम कर उसमें दलहल तिलहन एवं अन्य नकदी फसलों की ओर बढ़ना होगा। उन्होंने कुछ सफल उदाहरण भी गिनाए। कलेक्टर ने बैठक में जल बचाने पर ज्यादा जोर दिया। उन्होंने जल संरक्षण की इंजेक्शन वेल तकनीक सहित व्यवहार परिवर्तन की जरूरत बताई। इसे एक-दो दिन में नहीं बल्कि इसके लिए लम्बा अभियान चलाने की जरूरत है। उन्होंने बैठक में खेती किसानी के ताजा हालात की जानकारी ली। कलेक्टर ने कहा कि किसानों की हर प्रकार की जरूरत को ध्यान में रखा जाए। समितियों अथवा निजी दुकानों में किसी भी प्रकार के खाद की किल्लत नहीं होने चाहिए। उन्होंने नैनों यूरिया एवं नैनो डीएपी के बारे में भी किसानों को जागरूक करने के निर्देश दिए।

Related Articles

Back to top button