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#SarkarOnIBC24: ‘जाति’ जनगणना का सियासी गणित! पहलगाम आतंकी हमले के बीच जाति जनगणना का ऐलान के पीछे मोदी सरकार की असली मंशा क्या है? देखिए रिपोर्ट

Caste Census

नई दिल्ली: Caste Census मोदी सरकार ने बुधवार को हुई कैबिनेट मीटिंग में जाति जनगणना का ऐलान कर सबको हैरान कर दिया। जिस जाति जनगणना के पक्ष में बीजेपी कभी खुलकर सामने नहीं आई। उसी जाति जनगणना के लिए बीजेपी राजी क्यों हुई ये बड़ा सवाल है। बीजेपी ने आखिर राहुल गांधी का एजेंडा क्यों आगे बढ़ाया। बीजेपी की इसे लेकर क्या है रणनीति जानते हैं?

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Caste Census कांग्रेस सांसद राहुल गांधी की जाति जनगणना की मांग केंद्र सरकार ने पूरी कर दी। बुधवार को हुई कैबिनेट मीटिंग में ये तय किया गया कि अगली जनगणना जब भी होगी तब उसमें जातियों की गिनती भी की जाएगी। ये फैसला चौकाने वाला था क्योंकि अभी तक केंद्र सरकार इसे टाल रही थी। अब बड़ा सवाल ये कि जब देश पहलगाम हमले को लेकर मोदी सरकार के किसी बड़े मिलिट्री एक्शन की उम्मीद कर रहा था तब ये फैसले अचानक क्यों किया गया। जानकार इसके कई कारण गिना रहे हैं।

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मोदी सरकार ने जाति जनगणना का रास्ता साफ कर राहुल गांधी का मुद्दा खत्म कर दिया है। जाति जनगणना का क्रेडिट अब केंद्र सरकार को जाएगा। जाति जनगणना कराकर मोदी सरकार अपना OBC वोट शेयर बढ़ाएगी। BJP को बिहार चुनाव में पिछड़े वर्ग के वोटर्स को टारगेट करने में आसानी होगी। बीजेपी को बिहार चुनाव में कथित जंगलराज के अलावा एक और मुद्दा मिल गया है। पहलाम हमले के बाद केंद्र सरकार पर मिलिट्री एक्शन का दबाव है जिसे डायवर्ट करने में मदद मिलेगी।

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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 2014 में जब से देश की कमान संभाली है अपने फैसलों से चौकाया है। इसे बीजेपी का जाति जनगणना पर यू-टर्न माना जा रहा है। जिस पर देश में क्रेडिट पॉलिटिक्स भी शुरू हो गई है। कांग्रेस इसका श्रेय राहुल गांधी को दे रही तो बीजेपी कांग्रेस को जाति विरोधी ठहराने से नहीं चूक रही।

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मध्यप्रदेश में भी जाति जनगणना के लेकर कांग्रेस और बीजेपी आमने सामने दिखी। भारत में आखिरी बार जाति जनगणना साल 1931 में हुई थी। लेकिन आजादी के बाद नेहरू कैबिनेट ने तय किया कि इससे समाज में बंटवारा होता है। जिसके चलते इस पर रोक लग गई। लेकिन आज की जाति केंद्रित राजनीति में ये केंद्रीय मुद्दा बनकर उभरा है। जिसे कोई भी सियासी दल नकार नहीं सकता। यही वजह है कि ना ना करते बीजेपी सरकार इसके लिए राजी हुई। अब बड़ा सवाल ये की जाति जनगणना कब होगी और इसके आंकड़े कब तक आएंगे और क्या 50% आरक्षण की सीमा खत्म होने जा रही है।

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