CG Ki Baat: आरोप..घेराव..बयान..लॉ एंड ऑर्डर पर घमासान, क्या वाकई साय सरकार के कार्यकाल में अपराध के आंकड़े बढ़े हैं?

रायपुर। CG Ki Baat: छत्तीसगढ़ कांग्रेस ने प्रदेश की कानून व्यवस्था को दिन-ब-दिन बद्तर होना बताते हुए, लेकर मुख्यमंत्री निवास का घेराव किया। कांग्रेस का दावा है कि, साय सरकार सुशासन का दम भरती है लेकिन असलियत अपराध का आंकड़े दे रहे हैं। विपक्ष ने ऐलान किया कि अब वो हर जिले-हर ब्लॉक से लड़ाई शुरू करेगी यानि अपराध के आंकड़े और आरोपों की लंबी फेहरिस्त के साथ लॉ एंड ऑर्डर पर फिर सवाल। कांग्रेस इसी आरोप पर सरकार को बार-बार कठघरे में खड़ा कर रही है। सवाल ये है कि क्या ये पॉलिटिक्स कारगर हो रही है या फिर कांग्रेस के पास लॉ एंड ऑर्डर के अलावा सरकार को घेरने के लिए कोई और मुद्दा नहीं है?
क्या छत्तीसगढ़ में अपराधी बेलगाम और बेखौफ हैं ? कम से कम विपक्ष का तो यही मानना है। प्रदेश में मासूम बच्चियों के साथ दुराचार, अपहरण समेत चढते क्राइम ग्राफ पर कांग्रेस ने हल्लाबोलते हुए मुख्यमंत्री निवास घेराव के लिए कूच किया। PCC चीफ दीपक बैज समेत प्रदेश के सीनियर कांग्रेसी नेता-कार्यकर्ताओं ने निगम मुख्यालय के सामने सभा की, फिर मुख्यमंत्री निवास के लिए कूच किया,इस दौरान पुलिस के बैरिकेट्स को पार करने झूमा-झटकी के हालात बने हुई। कांग्रेस का आरोप है कि सरकार कुंभकरणी नींद में है। बैज ने कहा कि, घरों से बच्चियां गायब हो रही हैं, स्कूली छात्रा से रेप हो रहा है, बीजेपी के सरकार आने के बाद प्रदेश में 3330 बच्चियां दुराचार का शिकार हुई हैं। विपक्ष का आरोप है कि ये सब बढ़ते नशे के कारोबार के चलते हो रहा है, चेताया कि आज घर घेरा है, कल पूरी कैबिनेट को खदेडेंगे।
CG Ki Baat: इधर, BJP ने कांग्रेस के आरोपों को खारिज करते हुए, कांग्रेस के प्रदर्शन को प्रोपेडेंगा बताते हुए तंज कसा कि अब अपराधी खुद अपराध के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे हैं। पूर्व मंत्री अजय चंद्राकर ने कहा ये बस कांग्रेस को जिंदा दिखाने की कोशिश है, तो मंत्री रामविचार नेताम ने कहा कांग्रेस को अपनी सरकार के वक्त के आंकड़े देखना चाहिए ।वैसे कांग्रेस के मुख्यमंत्री निवास घेराव में, पूर्व महापौर एजाज ढेबर का छोटी-छोटी बच्चियों को शामिल होने के साथ-साथ प्रदेश प्रभारी सचिन पायलट, पूर्व CM भूपेश बघेल और पूर्व डिप्टी CM टीएस सिंहदेव की गैरमोजूदगी चर्चा में रही कुल मिलाकर सवाल ये है कि कांग्रेस ने जिन आंकड़ों को लेकर प्रदर्शन किया, वो सही हैं ? उसपर सरकार का क्या जवाब है ? या फिर ये विपक्ष का अपना अस्तित्व बचाने का प्रदर्शन है ?