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Pakistan on Tahawwur Rana: पाकिस्तान ने झाड़ लिया आतंकी तहव्वुर राणा से पल्ला.. अपना नागरिक मानने से किया साफ़ इंकार.. कहा, ‘वो तो..

Tahawwur Rana Hussain's citizenship

Tahawwur Rana Hussain’s citizenship: इस्लामाबाद: पाकिस्तान ने बृहस्पतिवार को कहा कि उसका 26 नवम्बर, 2008 को मुंबई में हुए आतंकवादी हमले के आरोपी तहव्वुर राणा से कोई लेना-देना नहीं है और वह एक कनाडाई नागरिक है तथा उसने लगभग दो दशकों से अपने पाकिस्तानी दस्तावेजों का नवीनीकरण नहीं कराया है।

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कौन है तहव्वुर राणा हुसैन?

राणा का पाकिस्तान में 1961 में जन्म हुआ था और उसने पाकिस्तान आर्मी मेडिकल कोर में सेवाएं दी थीं और इसके बाद वह 1990 के दशक में कनाडा चला गया, जहां उसे नागरिकता दी गई।

Tahawwur Rana Hussain’s citizenship: विदेश कार्यालय के प्रवक्ता शफकत अली खान ने यहां साप्ताहिक प्रेस वार्ता के दौरान एक सवाल का जवाब देते हुए कहा, ‘‘वह एक कनाडाई नागरिक है और हमारे रिकॉर्ड के अनुसार उसने दो दशकों से अधिक समय से अपने पाकिस्तानी दस्तावेजों का नवीनीकरण नहीं कराया है।’’

प्रवक्ता ने हालांकि ‘‘दस्तावेजों’’ का विवरण नहीं दिया, लेकिन ऐसे दस्तावेजों में अक्सर विदेशों में रह रहे पाकिस्तानियों के लिए राष्ट्रीय पहचान पत्र और पासपोर्ट शामिल होते हैं।

NIA को मिली 18 दिनों की कस्टडी

गौरतलब है कि, 26/11 मुंबई आतंकी हमलों के आरोपी तहव्वुर हुसैन राणा को भारत लाए जाने के बाद शुक्रवार को राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) की विशेष अदालत ने उसे 18 दिनों की पुलिस हिरासत में भेज दिया है। राणा को अमेरिका से प्रत्यर्पित कर गुरुवार शाम भारत लाया गया, जिसके तुरंत बाद उसे अदालत में पेश किया गया।

एनआईए ने अदालत में दलील दी कि राणा की हिरासत जरूरी है ताकि उससे हमले से जुड़ी साजिश के बारे में विस्तार से पूछताछ की जा सके। एजेंसी ने बताया कि राणा और 26/11 हमलों के सह-साजिशकर्ता डेविड कोलमैन हेडली के बीच हुई ईमेल बातचीत इस मामले में अहम सबूत है।

Tahawwur Rana Hussain’s citizenship: जांच एजेंसी के अनुसार, इन ईमेल्स में हेडली ने राणा को न केवल अपनी संपत्तियों की जानकारी दी, बल्कि पाकिस्तान स्थित आतंकी संगठनों लश्कर-ए-तैयबा (LeT) और हरकत-उल-जिहादी इस्लामी (HUJI) से जुड़े अन्य षड्यंत्रकारियों, जैसे इलियास कश्मीरी और अब्दुर रहमान की भूमिका का भी ज़िक्र किया।

एनआईए ने कहा कि यह प्रत्यर्पण भारत और अमेरिका के बीच हुई प्रत्यर्पण संधि के तहत संभव हो पाया। राणा को अमेरिका में हिरासत में रखा गया था और प्रत्यर्पण रोकने के लिए उसने सभी कानूनी विकल्पों का इस्तेमाल किया, लेकिन अंततः उन्हें खारिज कर दिया गया।

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गौरतलब है कि 2008 में हुए मुंबई हमलों में 166 लोगों की जान गई थी और 238 से ज्यादा लोग घायल हुए थे। एनआईए का आरोप है कि राणा ने हेडली, LeT, HUJI और पाकिस्तान स्थित अन्य आतंकियों के साथ मिलकर इस हमले की साजिश रची थी। दोनों आतंकी संगठनों को भारत सरकार ने गैरकानूनी घोषित कर रखा है।

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