साहित्य सृजन देश व समाज को गढ़ता है : रामेन्द्र नाथ

साहित्य सृजन परिषद द्वारा मनाया गया अपना स्थापना दिवस
भिलाई। साहित्य सृजन परिषद भिलाई दुर्ग द्वारा कल्याण कॉलेज भिलाई के सभागार में परिषद का 18 वा स्थापना दिवस एवं सम्मान समारोह का आयोजन किया गया। कार्यक्रम के मुख्य अथिति आचार्य रमेन्द्र नाथ मिश्र, अध्यक्षता विनोद मिश्र, अति विशिष्ट अतिथि डॉ वाय आर कटरे प्राचार्य कल्याण स्नातकोत्तर महाविद्यालय सेक्टर 7 भिलाई, विशिष्ट अतिथि डॉ सुधीर शर्मा हिंदी विभाग्यध्यक्ष, अजय मौर्य प्रदेश अध्यक्ष सम्राट अशोक अकादमी की उपस्थिति में साहित्य सृजन परिषद ने हर वर्ष की भांति इस वर्ष भी साहित्य सृजन के क्षेत्र में अच्छे कार्य करने वाले साहित्कारों का सम्मान किया गया ।
आचार्य डॉ महेशचंद्र शर्मा का मुख्य अतिथि रमेन्द्र नाथ। मिश्र अध्यक्षता कर रहे विनोद मिश्र एवं सभी अतिथियों द्वारा शाल एवम स्म्रति चिन्ह प्रशस्ति पत्र एवम सृजन अलंकरण सम्मान प्रदान किया गया। साहित्यकार सूर्यप्रकाश सिंह कुशवाहा को साहित्य सृजन सम्मान से सम्मानित किया गया तथा उपस्तिथ अतिथियों को भी शाल एवम स्मृति चिन्ह भेंट कर सम्मान किया गया ।
सूर्या प्रकाश कुशवाहा साहित्य सृजन सम्मान से सम्मानित अपने जीवन वितान्त और कैसे पहली कविता लिखा बताया भाव ऐ था तेरे यादों में नैनो से जो निकला नीर एवही तो कोरे कागज पर खिंचा लकीर। कल्याण महाविद्यालय भिलाई के प्राचार्य डॉ वाय आर कटरे ने कहा कि में विज्ञान का छात्र रहा हूँ अब साहित्य गतिविधियों से प्रेरणा ले लिखना शुरू कर दिया हूंए सब के मन मे जो भाव आते है उसे अवश्य लिखना चाहिए एक न एक दिन वह व्यक्ति कवि साहित्यकार बन जायेगा। सृजन अलंकरण से अलंकृत आचार्य डॉ महेश चंद्र शर्मा ने सभा को सम्बोधित करते हुए कहा कि साहित्य किसी भी भाषा मे क्यो न लिखी गई हो प्राय: सभी मे सत्यए अहिंसा,करुणा एवं परोपकार करने की शिक्षा देती हैं,उन्होंने भारत वर्ष के सभी प्रचीन ग्रंथो के विषय पर प्रकाश डाला तथा कहा कि भगवन शंकर ही विश्व के पहले कवि है।
मुख्यअतिथि उद्बोधन में आचार्य रमेन्द्र नाथ मिश्र ने कहा कि साहित्य हमारे देश समाज मे सृजन का कार्य करता है ए भाषा हमारे मेल मिलाप का सही मध्यम है, आज छत्तीसगढ़ में साहित्य के विकास में अच्छा कार्य हो रहा है साहित्य कर ही विश्व मे क्रांतिकारी परिवर्तन लाता है वह कोई भी क्षेत्र हो सामाजिक, आर्थिक, राजनैतिक,धार्मिक, रक्षा का क्षेत्र क्यो न हो सोईं हुए ह्रदय को झकझोर कर रख देता है। छत्तीसगढ़ राज्य निर्माण कर्ताओ ने साहित्य को लोगो के बीच पहुचने का कार्य किया है । राज्य में साहित्य के क्षेत्र मे कार्य करने की अच्छी सम्भवना है। कार्यक्रम के अध्यक्षता करते हुए विनोद मिश्र ने अपने उदगार वक़्त करते हुए कहा कि साहित्य जीवन जीने की कला है, इसलिए अच्छा लिखा तथा पढ़ा जाना चाहिए साहित्य जीवन की धारा बदल देती है। समाज सेवी एवम श्रमिक नेता प्रभुनाथ मिश्र नव भी सभा को सम्बोधित किया। इस अवसर पर किशोर तिवारी, भूपेंद्र मिश्र, सीयल मैत्री, गजेन्द्र दुवेदी, विक्रम शाह ठाकुर, नारायण वर्मा, कलेश्वर सिंह, बृजेश सोनी, वी पी पटेल, अंगीरा प्रसाद साहू, आर डी सिंह, निशा तिवारी, नीता कैम्बोज, श्रीमती रश्मि पुरोहित, संध्या श्रीवास्तव, डॉ वीणा सिंग,नीलम जसवाल, माला सिंह, ओम प्रकाश जसवाल, डॉ कपल पी देशमुख, दुर्गा प्रसाद पारकर, राजदेव सिंह सरल, डॉ नौशाद सिद्दीक़ी, शमशीर सिवानी, आर पी सिंह, ताराचंद शर्मा, मदुरिया, इस्माईल खान पत्रकार, राजकुमार भल्ला, सुभाषचंद्र पाठक, हाजी रियाज खान, गौहर अबू तारिक, नभनीर हंस,राज़ी सुल्तानपुरी श्रीनाथ जसवाल, नवीन कुकर तिवारी, जीवन लाल यादव, सूची भावी, यशवंत सूर्यवंसी, सुश्री ओशिन कैम्बोज सहित भिलाई दुर्ग के बड़ी संख्या में साहित्यकार उपस्थित थे। सभा का संचालन अखिल भारती उद्घोषक पंडित नंदकिशोर दुबे ने किया आभार व्यक्त नीता कैम्बोज ने किया।