Uncategorized

Navratri Kalash Sthapna Vidhi : नवरात्री के पहले दिन क्यों की जाती है घटस्थापना और कलश स्थापना? इस दौरान रखें किन बातों का विशेष ध्यान?

Navratri mein kyun karte hain kalash sthapna

Navratri Kalash Sthapna Vidhi : चैत्र नवरात्रि का महत्व अत्यंत गहरा है. यह पर्व एकम प्रतिपदा से लेकर नवमी तक मां भगवती की विशेष पूजा का समय होता है. इस दिन से हिंदू नववर्ष की शुरुआत होती है. नवरात्रि के अंतिम दिन भगवान राम का जन्मोत्सव धूमधाम से मनाया जाता है, जिसे धार्मिक और आध्यात्मिक दृष्टि से अत्यंत शुभ माना जाता है।
शारदीय नवरात्रि में सात्विक साधना, नृत्य और उत्सव मनाया जाता है जबकि चैत्र नवरात्रि में कठिन साधना और कठिन व्रत का महत्व होता है। शारदीय नवरात्रि को सांसारिक इच्छाओं की पूर्ति हेतु मनाया जाता है जबकि चैत्र नवरात्रि को आध्‍यात्मिक इच्छाओं की पूर्ति, सिद्धि, मोक्ष हेतु मनाया जाता है।

Navratri Kalash Sthapna Vidhi

घटस्थापना मुहूर्त– प्रात: 06:13 से सुबह 10:22 के बीच।
घटस्थापना अभिजीत मुहूर्त– दोपहर 12:01 से 12:50 के बीच।

प्रतिपदा तिथि प्रारम्भ– 29 मार्च 2025 को शाम 04:27 बजे से।
प्रतिपदा तिथि समाप्त– 30 मार्च 2025 को 12:49 बजे तक।

Navratri Kalash Sthapna Vidhi : आईये जानतें हैं कि नवरात्री में क्यों की जाती है घट स्थापना और कलश स्थापना, क्या है इसका महत्त्व?

नवरात्रि के पहले दिन, ब्रह्मांड में मौजूद शक्ति को कलश में आह्वान करने की प्रक्रिया को घटस्थापना कहते हैं। नवरात्रि के पहले दिन, कलश में जल भरकर, उसमें कुछ सामग्री जैसे सुपारी, सिक्का, अक्षत, दूर्वा घास आदि डालकर, आम के पत्तों से सजाया जाता है और फिर कलश को जौ के पात्र के ऊपर स्थापित किया जाता है। घट अर्थात मिट्टी का घड़ा। इसे नवरात्रि के प्रथम दिन शुभ मुहूर्त में ईशान कोण में स्थापित किया जाता है। घट में मिट्टी डालकर उसमें जौ उगाई जाती है। 8 से 9 दिनों में यह जौ उग जाती है। इस पात्र को माता दुर्गा की प्रतिमा के समक्ष स्थापित करके इसका पूजन करें। नवरात्रि के समय ब्रह्मांड में उपस्थित शक्तियों का घट में आह्वान करके उसे कार्यरत किया जाता है। इससे घर की सभी विपदादायक तरंगें नष्ट हो जाती हैं तथा घर में सुख-शांति तथा समृद्धि बनी रहती है।

Navratri Kalash Sthapna Vidhi

कलश को सुख- समृद्धि, ऐश्वर्य देने वाला तथा मंगलकारी माना जाता है। कलश के मुख में भगवान विष्णु, गले में रुद्र, मूल में ब्रह्मा तथा मध्य में देवी शक्ति का निवास माना जाता है। कलश में जल होता है। उसके मुख पर श्रीफल रखते हैं। जल विष्णु और वरुण देव का प्रतीक है और श्रीफल माता लक्ष्मी का प्रतीक माना गया है। कलश की पूजा करने से सभी देवी और देवताओं की पूजा हो जाती है। कलश पूजा के समय देवी- देवताओं का आह्वान करते हुए प्रार्थना करते हैं कि ‘हे समस्त देवी-देवता, आप सभी 9 दिन के लिए कृपया कलश में विराजमान हों।’

Navratri Kalash Sthapna Vidhi : स्थापना करते समय किन बातों का रखें विशेष ध्यान
कलश स्थापना करने से पहले ये ध्यान रखें कि जिस जगह उसे स्थापित किया जाएगा वो जगह साफ होनी चाहिए। कलश स्थापना के लिए एक लकड़ी का पाटा लें और उस पर नया लाल कपड़ा बिछाएं।
इसके बाद नारियल और कलश पर मौली बांधे, रोली से कलश पर स्वास्तिक बनाएं। वहीं कलश में शुद्ध जल और गंगा जल रखें और जल में केसर, जायफल और सिक्का डालें।

Navratri Kalash Sthapna Vidhi
इसके अलावा एक मिट्टी के बर्तन में जौ भी बो दें। इसी बर्तन पर जल से भरा हुआ कलश रखें। कलश का मुंह खुला न छोड़ें।
कलश को किसी ढक्कन से ढककर चावलों से भर दें और उसके बीचों-बीच एक नारियल भी रखें। इसके बाद दीप जलाएं और कलश की पूजा करें।

————

Read more : यहाँ पढ़ें और सुनें 

Ram Navami 2025 date : किस दिन मनाया जायेगा श्री राम जन्मोत्सव? एक क्लिक में जाने सही तिथि, पूजा की विधि, महत्त्व एवं शुभ मुहूर्त

Gudi Padwa Wishes in hindi : हिन्दू नव वर्ष का होने वाला है प्रारम्भ,,, गुड़ी पड़वा के शुभ दिन अपने प्रियजनों को भेजें बधाई संदेश

Mahishasura Mardini Stotram : देवी महिषासुरमर्दिनी की स्तुति में लिखा गया एक छोटा सा ग्रंथ, जिसे नवरात्री में सुनने मात्र से ही जीवन की समस्त बाधाएं और चुनौतियाँ होती हैं दूर

Devi Bhajan : Angna Padharo Maharani.. इस भजन को सुनते ही अनुभव होगा मैय्या का साथ, मन होगा खुश और थिरकने लगेंगे पैर

Mata ke bhajan : “तुम बसी हो कण-कण अन्दर माँ हम ढूंढते रह गये मंदिर में..” ज़रूर सुनें मैय्या का ये मनमोह लेने वाला भजन

Navratri Bhakti Geet : “मेरी अँखियों के सामने ही रहना माँ शेरोंवाली जगदम्बे”, नवरात्री पर ज़रूर सुनें माता की भक्ति में डूब जाने वाला भजन, पूरी होंगी सारी मनोकामनाएं

 

IBC24 की अन्य बड़ी खबरों के लिए हमारे फेसबुक फेज को भी फॉलो करें
IBC24 की अन्य बड़ी खबरों के लिए यहां क्लिक करें
Follow the IBC24 News channel on WhatsApp

Related Articles

Back to top button