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Vishnu ka Sushasan: रोजगार से समृद्धि की ओर छत्तीसगढ़ के युवा, साय सरकार के प्रयासों से बन रहे उद्यमी, दूर कर रहे हैं कई लोगों की बेरोजगारी

रायपुरः Vishnu ka Sushasan सुशासन को मूलमंत्र मानने वाली छत्तीसगढ़ सरकार विकास के नए आयाम गढ़ ही रही है। अधोसरंचना के काम प्रदेश में लगातार हो रहे हैं। साय सरकार के आने के बाद प्रदेश में पुल-पुलियों के निर्माण के साथ-साथ सड़कों का जाल बिछ गया है। अंदरुनी इलाकों के रहवासी भी अब पक्की सड़क पर सफर कर रहे हैं। इतना ही नहीं साय सरकार हर वर्ग के आर्थिक उन्नति के लिए प्रयास कर रही है। केद्र की योजनाओं की प्रदेश में सही ढंग से क्रियान्वित कर हर वर्ग के लोगों को लाभ पहुंचा रही है। सरकार द्वारा सूक्ष्म उद्योगों को बढ़ावा देने के उद्देश्य से चलाई जा रही योजनाओं का लाभ लेकर कई युवा आत्मनिर्भर बन रहे हैं।

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Vishnu ka Sushasan केंद्र की मोदी सरकार प्रधानमंत्री रोजगार सृजन कार्यक्रम की शुरुआत की है। यह योजना बेरोजगारों को स्वरोजगार से जोड़ने की महत्वाकांक्षी योजना है। योजना के तहत निर्माण क्षेत्र में अधिकतम लागत 50 लाख रुपये तथा सेवा क्षेत्र में अधिकतम लागत 20 लाख रुपये निर्धारित की गई है। बैंक द्वारा ऋण स्वीकृत होने पर शहरी और ग्रामीण क्षेत्रों के साथ-साथ आवेदक के वर्ग के अनुसार 15 से 35 प्रतिशत तक का अनुदान स्वीकृत किया जाता है। निर्माण क्षेत्र के अंतर्गत फ्लाई एश ब्रिक्स, स्टोन कटिंग, अगरबत्ती निर्माण, साबुन निर्माण, वाशिंग पाउडर निर्माण, फेब्रिकेशन कार्य, दोना-पत्तल निर्माण, फर्नीचर निर्माण, पेपर कनवर्टिंग वर्क्स, प्लास्टिक आयटम निर्माण, सीमेंट फेन्सिंग पोल, वर्मी कम्पोस्ट, बैग निर्माण, रजाई-गद्दा निर्माण, जूता-चप्पल निर्माण आदि सेवा क्षेत्र के अंतर्गत टेंट हाउस, शाकाहारी होटल/ढाबा, मोबाइल रिपेयरिंग, गैस चूल्हा और एसी रिपेयरिंग, ब्यूटी पार्लर, टेलरिंग, यात्री गाड़ियां, मुर्गी पालन, मछली पालन आदि सेवाएं शामिल है।

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साय सरकार ने प्रधानमंत्री रोजगार सृजन कार्यक्रम योजना को प्रदेश में बड़े पैमाने पर लागू की है। प्रदेश में इसका अच्छा प्रतिसाद भी देखने को मिल रहा है। प्रदेश के कई युवा इससे आर्थिक रूप से सशक्त भी हुए है। जगदलपुर शहर के गीदम रोड तेतरखुटी निवासी नवयुवक लोकेश साहू अपनी हायर सेकंडरी की पढ़ाई के बाद शासन की स्वरोजगार योजना से लाभान्वित होकर आज अपने 05 सदस्यीय घर-परिवार को आत्मनिर्भर बना चुके हैं। यही नहीं लोकेश अपने अगरबत्ती और धूपबत्ती उद्यम में 05 अन्य युवाओं को रोजगार देकर जॉब प्रोवाइडर बन गए हैं। लोकेश बताते हैं कि पढ़ाई करते समय से ही उनकी दिलचस्पी स्वरोजगार में रही है। सोशल मिडिया व रायपुर-बिलासपुर शहरों में अगरबत्ती निर्माण कार्य को देखकर सोचा कि बड़े शहरों में तो इस कार्य की अधिकता है, लेकिन छोटे जगहों पर यह काम नहीं है।

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अम्बिकापुर के मायापुर में रहने वाले जगदीश गुप्ता बताते हैं कि उन्होंने अपने बेकरी व्यवसाय की शुरुआत एक साधारण लकड़ी के भट्ठे से की थी, पारंपरिक तरीके से काम करने में अधिक समय और मेहनत लग रहा था। आर्थिक तंगी के कारण वह अपने व्यवसाय का विस्तार नहीं कर पा रहे थे। इसी बीच उन्हें प्रधानमंत्री रोजगार सृजन कार्यक्रम के बारे में इन्टरनेट के माध्यम से जानकारी मिली । उन्होंने जिला व्यापार एवं उद्योग कार्यालय से संपर्क किया और योजना की विस्तृत जानकारी लेने के बाद उन्होंने योजना अंतर्गत 10 लाख रुपये का लोन लेकर अपने बेकरी व्यवसाय को आधुनिक रूप देने के लिए नई मशीनें खरीदीं। जिससे उत्पादन में तेजी आई और व्यापार में वृद्धि हुई। आज उन्होंने अपने बेकरी उद्योग में 10 लोग को रोजगार दिया हैं। वहीं बस्तर के बड़ेकिलेपाल निवासी गायत्री ठाकुर एमए व कम्प्यूटर की पढ़ाई पूर्ण होने के बाद गांव में ही स्वरोजगार स्थापित कर स्वयं को आत्मनिर्भर बना चुकी हैं। वहीं दो अन्य युवाओं को रोजगार दे रही हैं। गायत्री ने बताया कि वह ग्रामीणों को कम्प्यूटर कार्य के लिए बाहर ना जाना पड़े यह सोचती थी। पढ़ाई के बाद उन्होने शासकीय नौकरी तलाशी पर उन्हें सफलता नहीं मिली, फिर जगदलपुर शहर में आकर सीएससी आईडी प्राप्त कर कम्प्यूटर का ज्ञान अर्जन किया व आयुष्मान कार्ड बनाने व कई शासकीय फार्म भरने का कार्य किया। गायत्री बताती हैं कि अपने इस स्वरोजगार के जरिए सभी खर्च के बाद उसे महीने में 15 से 20 हजार की रुपए की आमदनी होती है। गायत्री शासन की प्रधानमंत्री रोजगार सृजन कार्यक्रम योजनांतर्गत सहायता से गांव में ही स्वरोजगार स्थापित कर काफी खुश हैं।

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