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#Sarkaribc24: ‘नाम में क्या रखा है’, गली छाप नेताओं ने अपने मन मुताबिक बदल दिए सड़कों के नाम

leaders changed the names of roads. image source: ibc24

लखनऊ: leaders changed the names of roads, अंग्रेजी के महान् उपन्यासकार विलियम शेक्सपीयर का एक मशहूर कोट है.. ”नाम में क्या रखा है”… लेकिन भारत की सियासत आजकल नाम के ही इर्द-गिर्द घूम रही है.. शहरों-कस्बों के पुराने नाम बदलकर नए नाम रखने की होड़ मची है… राजधानी दिल्ली में तो इसका एक चौकाने वाला मामला देखने को मिला.. जहां आधिकारिक रुप से नाम बदले बिना ही नेताओं ने सड़कों के नाम अपने मन मुताबिक बदल दिए.. ये रिपोर्ट देखिए आप सब समझ जाएंगे…

यूपी के पूर्व डिप्टी सीएम और राज्यसभा सांसद दिनेश शर्मा को लुटियंस दिल्ली का ये नया बंगला आवंटित हुआ है…दिनेश शर्मा ने अपनी पत्नी के साथ पूरे रीति रिवाज से पूजा-पाठ कर गृह प्रवेश किया..लेकिन जब लोगों की नजर इस बंगले की नेम प्लेट पर पड़ी तो हर कोई हैरान रह गया… नेम प्लेट पर नाम लिखा है.. डॉ. दिनेश शर्मा.. सांसद राज्यसभा और पूर्व डिप्टी सीएम यूपी.. पता 6 स्वामी विवेकानंद मार्ग कोष्टक में तुगलक लेन…इस मार्ग को तुगलक लेन के नाम से ही जाना जाता है.. लेकिन विवेकानंद मार्ग.. दिनेश शर्मा के अपने मन मुताबिक जोड़ दिया है..जिस पर बवाल कट गया है.. दिनेश शर्मा को सफाई भी देनी पड़ गई है…

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दिनेश शर्मा ही नहीं बल्कि केंद्रीय मंत्री कृष्णपाल गुर्जर का मामला भी कुछ ऐसा ही है.. कृष्णपाल गुर्जर को 8 तुगलक लेन का बंगला आवंटित हुआ.. कृष्णपाल ने भी अपने बंगले की नेम प्लेट पर तुगलक लेन के साथ-साथ स्वामी विवेकानंद मार्ग जोड़ दिया..कृष्णपाल स्वामी विवेकानंद के प्रति अपनी आस्था से जोड़कर इसे जायज ठहरा रहे हैं…

दोनों बीजेपी नेताओं की ये कवायत दिल्ली की रेखा सरकार की लाइन पर हीं दिखती है.. नई सरकार ने विधानसभा में प्रस्ताव रखा था….दिल्ली के नजफगढ़ का नाम बदलकर नाहरगढ़.. मोहम्मदपुर का नाम माधवपुरम और मुस्तफाबाद का नाम बदलकर शिवपुरी कर दिया जाए.. हालांकि इस प्रस्ताव में तुगलक लेन का नाम बदलना शामिल नहीं है…जिसपर अब सियासी बयानबाजी भी तेज है..

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शहरों, गांवों और कस्बों के नाम महापुरुषों के नाम पर रखना और उसे वक्त के साथ बदलना कोई नई बात नहीं है.. कभी यूपी की सीएम रही मायावती ने दलित महापुरुषों के नामों पर यूपी के कई शहरों के नाम रखे थे.. मध्यप्रदेश की बीजेपी सरकार कई शहरों और जगह के नाम बदल चुकी है..अब दिल्ली में भी नाम बदलने की हवा चली है.. विपक्ष इसी को मुद्दा बनाकर बीजेपी को घेर रहा है तो बीजेपी तुष्टिकरण की राजनीति करार देकर पलटवार कर रही है…

ब्यूरो रिपोर्ट आईबीसी24

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