Varanasi Mukti Bhavan: ‘मौत की आस’ लेकर लोग ठहरते है इस होटल में.. दूर-दूर से आते है लोग, जानकर दंग रह जायेंगे इस ‘मोक्ष स्थली’ के बारें में

Varanasi Mukti Bhavan in Hindi: वाराणसी: भारत में कई स्थान धार्मिक महत्व रखते हैं, जहां श्रद्धालुओं की भीड़ लगी रहती है। इनमें वाराणसी, जिसे बनारस भी कहा जाता है, विशेष स्थान रखता है। यहां गंगा नदी के किनारे स्थित घाटों पर लोग मुक्ति की प्राप्ति के लिए आते हैं। हिंदू धर्म के अनुसार, बनारस में मृत्यु को प्राप्त करने से व्यक्ति सीधे बैकुंठ जाता है।
कई लोग अपनी अंतिम इच्छा के रूप में बनारस में मृत्यु की कामना करते हैं। वे चाहते हैं कि उनकी अंतिम सांसें इस पवित्र भूमि पर हों, ताकि उन्हें मोक्ष मिल सके। ऐसे लोग अपनी अंतिम यात्रा की शुरुआत बनारस से करते हैं और यहां के घाटों पर अपनी राख विसर्जित करते हैं।
मुक्ति भवन: मृत्यु की प्रतीक्षा का स्थल
Varanasi Mukti Bhavan in Hindi: वाराणसी में एक विशेष स्थान है, जिसे ‘मुक्ति भवन’ कहा जाता है। यहां वे लोग ठहरते हैं, जो अपनी मृत्यु की प्रतीक्षा करते हैं। मुक्ति भवन में ठहरने के लिए लोग अपनी मृत्यु के समय का अनुमान लगाकर आते हैं। यहां 10 कमरे हैं, जहां लोग अपने अंतिम समय की प्रतीक्षा करते हैं। 1958 में विष्णु बिहारी डालमिया ने इस भवन को उन लोगों के लिए समर्पित किया था, जो काशी में मोक्ष की इच्छा से आते हैं। यहां लोगों को मुफ्त में रहने की सुविधा दी जाती है।
मुक्ति भवन की विशेषताएँ
काशी विश्वनाथ मंदिर के पास स्थित मुक्ति भवन, वाराणसी के धार्मिक केंद्रों के निकट है। यहां 10 कमरे हैं, जहां लोग अपने अंतिम समय की प्रतीक्षा करते हैं। यहां 8 पुजारी और एक सेवक की व्यवस्था है। यहां मुफ्त में रहने की सुविधा दी जाती है। 1958 में विष्णु बिहारी डालमिया ने इस भवन को उन लोगों के लिए समर्पित किया था, जो काशी में मोक्ष की इच्छा से आते हैं। यहां लोगों को मुफ्त में रहने की सुविधा दी जाती है।
Varanasi Mukti Bhavan in Hindi: वाराणसी में स्थित मुक्ति भवन, उन लोगों के लिए एक विशेष स्थान है, जो अपनी अंतिम यात्रा की शुरुआत इस पवित्र नगरी से करना चाहते हैं। यहां ठहरकर वे अपने अंतिम समय की प्रतीक्षा करते हैं, ताकि उन्हें मोक्ष की प्राप्ति हो सके।