Uncategorized

Gaurishankar Nagar Problem : एक ऐसा गांव जहां नहीं आते है कलेक्टर और विधायक, जिला मुख्यालय से महज 6 किलोमीटर पर आज भी बुनियादी सुविधाओं का संकट

Gaurishankar Nagar Problem: Image Source-IBC24

बालाघाट : Gaurishankar Nagar Problem जिला मुख्यालय से महज 6 किलामीटर दूर स्थित ग्राम पंचायत खैरी का गौरीशंकर नगर आज भी बुनियादी सुविधाओं से जूझ रहा है। यह क्षेत्र सड़क, बिजली, पानी जैसी मूलभूत समस्याओं से परेशान है। इस नगर तक पहुंचने के लिए ना तो पक्की सड़क है और न ही पुल-पुलिए, जिसके कारण यहां के लोग ऊबड़-खाबड़ रास्तों से होकर इस नगर तक पहुंचने के लिए मजबूर हैं। सरकार की योजना है कि हर व्यक्ति को पक्के मकान, बिजली, सड़क और पानी जैसी सुविधाएं मिलें, लेकिन गौरीशंकर नगर के ग्रामीण अब भी इन बुनियादी सुविधाओं के लिए तरस रहे हैं। यहाँ तक कि नल जल योजना के तहत पानी की सुविधा भी उपलब्ध नहीं है और अगर कहीं से पानी आता भी है तो टोटी तक नहीं लगी होती है।

Read More : CG Dhan Kharidi: छत्तीसगढ़ में धान खरीदी का आज अंतिम दिन, अब तक 147 लाख मीट्रिक टन से अधिक धान की हुई खरीदी, पिछले साल का टूटा रिकॉर्ड

Gaurishankar Nagar Problem ग्रामवासियों की बिजली की स्थिति भी बेहद खराब है। उनके पास न तो बिजली के पोल हैं और न ही नियमित बिजली आपूर्ति। इस समस्या का समाधान करने के लिए ग्रामीणों ने खुद से चंदा जमा करके लकड़ी के पोल लगाकर, दूसरे गांव से बिजली का तार खींचकर अपने गांव तक बिजली पहुंचाई है। गौरीशंकर नगर का नाम महाकौशल के कद्दावर नेता और बालाघाट के पूर्व विधायक गौरीशंकर बिसेन के नाम पर रखा गया है, जिसे खुद सरपंच ने स्वीकार किया है। लेकिन अफसोस की बात यह है कि जिन बुनियादी सुविधाओं के लिए यह नगर प्रसिद्ध हुआ था, वे अब तक पूरी नहीं हो पाई हैं। बिसेन चुनाव हार चुके हैं, और अब यह क्षेत्र विधायक अनुभा मुंजारे के विधानसभा क्षेत्र में आता है। लेकिन ग्रामीणों का आरोप है कि ना तो विधायक यहाँ आती हैं और ना ही प्रशासनिक अधिकारियों की ओर से कोई मदद मिल रही है।

Read More : CG Dhan Kharidi Date: ‘अभी भी टोकन कटाकर धान बेच सकते हैं किसान’ डिप्टी सीएम अरुण साव ने दी जानकारी

Gaurishankar Nagar Problem ग्रामवासियों ने मीडिया से बात करते हुए बताया कि नल जल योजना के तहत पाइपलाइन तो बिछाई गई है, लेकिन कई दिनों तक पानी नहीं आता है। इसके अलावा पीएम आवास योजना के तहत घर बनाए गए हैं, लेकिन इनमें कोई नहीं रहता, जबकि जरूरतमंद परिवारों को आवास उपलब्ध नहीं हो पा रहे हैं।

Related Articles

Back to top button