Mahamandaleshwar Hiteshwarananda Saraswati : प्रयागराज महाकुंभ में पहली बार मेवाड़ के इस सन्यासी को मिला महामंडलेश्वर की उपाधि, सम्मान मिलते ही कह दी यह बड़ी बात

भोपाल : Mahamandaleshwar Hiteshwarananda Saraswati प्रयागराज महाकुंभ में स्वामी हितेश्वरानंद सरस्वती जी महाराज को महामंडलेश्वर की उपाधि से विभूषित किया गया है। मेवाड़ क्षेत्र से पहली बार एक संन्यासी को यह सम्मान प्राप्त हुआ है, जिससे संत समाज और स्थानीय लोग खासे उत्साहित हैं। स्वामी हितेश्वरानंद सरस्वती जी महाराज को यह प्रतिष्ठित उपाधि महानिर्वाणी पंचायती अखाड़ा द्वारा प्रदान की गई, और उनका पट्टाभिषेक पूरी विधि-विधान से किया गया। महामंडलेश्वर की उपाधि मिलने के बाद, स्वामी हितेश्वरानंद सरस्वती जी महाराज ने समाज के लिए अपने कार्यों को और भी मजबूत करने का संकल्प लिया। उनका योगदान सनातन धर्म को बढ़ावा देने में अहम रहा है और वे समाज के धार्मिक और सामाजिक कार्यों में अग्रणी रहे हैं।
महामंडलेश्वर बनने की प्रक्रिया
Mahamandaleshwar Hiteshwarananda Saraswati महामंडलेश्वर बनने के लिए संन्यासियों को धार्मिक और सामाजिक कार्यों में महत्वपूर्ण योगदान देने की आवश्यकता होती है। उनके पट्टाभिषेक के बाद, उन्हें इस उपाधि से नवाजा जाता है और उनके ऊपर समाज की कई जिम्मेदारियां भी आ जाती हैं। यह उपाधि केवल उन व्यक्तित्वों को दी जाती है, जो अपने कार्यों से समाज में एक सकारात्मक बदलाव लाते हैं और धार्मिक जीवन को आगे बढ़ाते हैं।