CG Ki Baat: टिकट का साइड इफेक्ट..’बिका टिकट’ बढ़ाएगा संकट? क्या पार्टियां मौजूदा हालात के लिए पहले से तैयार हैं ?

रायपुर। CG Ki Baat: निकाय चुनाव में टिकट बंटवारे के साथ कई दावेदारों में खुशी की लहर दौड़ गई तो कईयों की उम्मीदों पर पानी फिर गया एक अनार सौ बीमार वाले निकाय चुनाव में जिनके टिकट कटे और जो टिकट पाने में नाकाम रहे उनकी नाराजगी बीजेपी और कांग्रेस दोनों दलो को भारी पड़ रही है। वहीं टिकट की खरीदी बिक्री पर सियासत भी गरमा गई है।
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छत्तीसगढ़ में निकाय चुनावों में टिकट वितरण के बाद, इन तस्वीरों पर कोई हैरत नहीं होनी चाहिए। पार्टी चाहे कोई भी हो चुनाव के वक्त टिकट के सौ दावेदारों में से एक को चुनना पार्टियों के लिए सबसे बड़ी चुनौती होती है, कैंडिडेट्स की सूची जारी होते ही दोनों पार्टियों में टिकट से वंचित लोगों ने तरह-तरह से नाराजगी जताई, आरोप लगाए। PCC कार्यालय राजीव भवन में कोरबा-रायपुर के कांग्रेसी कार्यकर्ताओं ने टिकट बिकने जैसे गंभीर आरोप लगाए, तो उधर भाजपा में बीजापुर, सुकमा, अभनपुर में असंतुष्टों ने विरोध जताया, कुछ जगहों पर भाजपा-कांग्रेस से बागी होकर पदाधिकारियों ने नामांकन फार्म भी खरीदे। सवाल पूछने पर मंत्री केदार कश्यप ने कांग्रेस में टिकट बेचने का आरोप लगाया तंज कसा कि, उन्हीं के नेता कह रहे हैं टिकट बिक रहा है, जनता को सावधान रहना चाहिए, क्योंकि जो टिकट खऱीदकर आएगा तो वो चुने जाने पर भ्रष्टाचार ही करेगा।
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CG Ki Baat: वहीं, बीजेपी के आरोप पर प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष दीपक बैज ने कहा कि केदार कश्यप के वन विभाग भर्ती में कितना भ्रष्टाचार हुआ पहले ये बताएं। उन्होंने नाराज कार्यकर्ताओं से सीधे उनसे संपर्क करने कहा। बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष किरण सिंहदेव का दावा है कि लोगों में बहुत नाराजगी नहीं है, जो है वो दूर कर ली जाएगी। कुल मिलाकर भाजपा- कांग्रेस दोनों खेमों में अब असंतुष्टों को, टिकट से वंचितों को मनाना बड़ा टास्क है, लेकिन गंभीर बात ये है कि विधानसभा चुनाव के दौरान भी कई कांग्रेसी नेता-कार्यकर्ता प्रभारी समेत बड़े नेताओं पर पैसे लेकर टिकट बेचने जैसे आरोप लगाकर चुनाव में पार्टी को बड़ा नुकसान पहुंचा चुके हैं। सवाल है क्या इस बार भी इस तरह के आरोपों से पार्टी को नुक्सान हो सकता है ?